बस्तर
जगदलपुर, 11 जून। बस्तर जिला कांग्रेस (कमेटी) शहर के द्वारा स्थानीय कांग्रेस भवन में पूर्व केंद्रीय मंत्री पं. विद्याचरण शुक्ल की शहादत दिवस गरिमा और सादगी के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कांग्रेस परिवार के द्वारा श्रद्धांजलि दी गई।
सर्वप्रथम उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि विद्याचरण शुक्ल का जन्म 2 अगस्त सन 1929 को हुआ था। उनके पिता पंडित रविशंकर शुक्ल वकील, स्वतंत्रता सेनानी अनुभवी कांग्रेसी नेता अविभाजित मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे तथा विद्याचरण शुक्ल के बड़े भाई पं. श्यामाचरण शुक्ल भी अविभाजित मध्यप्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने सन 1951 में नागपुर के मोरिस कॉलेज से बीए किया। उन्होंने भारतीय राजनीति में एक अच्छी पहचान बनाई थी।
संसदीय सचिव/विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि पंडित विद्याचरण शुक्ल अपने समय के कद्दावर नेता थे। सन 1957 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पं. विद्याचरण शुक्ल को महासमुंद सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा। एक बड़े बहुमत के साथ जीत दर्ज कर उन्होंने भारतीय संसद में अपनी जगह बनाई, 1962 में महासमुंद से दोबारा सांसद बने, वह उस वक्त के लोकप्रिय युवा सांसदों में से एक थे सन 1962 में महासमुंद से और 1971 में रायपुर से सांसद बने सन 1977 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव रायपुर से लड़ा और आपातकाल से उपजे आक्रोश के कारण हार गए लगातार नौ लोकसभा चुनाव में जीतकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी जबरदस्त धाक जमाई।
महापौर सफीरा साहू ने कहा कि पं. विद्याचरण शुक्ले एक कद्दावर नेता थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की मांग के साथ आवाज बुलंद की थी तथा इन्हीं के बदौलत छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ। आज पूरे दुनिया मे छत्तीसगढ़ अपनी एक अलग पहचान बना चुका है और यह कांग्रेस की ही देन है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कांग्रेसी सतपाल शर्मा ने किया।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्थानीय प्रदेश/जिला/ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारीगण, सेवादल, महिला कांग्रेस,युवक कांग्रेस,एनएसयूआई सहित अन्य मोर्चा प्रकोष्ठ विभाग के पदाधिकारी,नगर निगम/त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण,समन्वय समिति/सोशल मीडिया के प्रशिक्षिति/सहकारिता क्षेत्र के सदस्यगण व वरिष्ठ कांग्रेसी व कार्यकर्तागण उपस्थित थे।