रायपुर

लोकवाणी:किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी न्याय योजना-भूपेश
13-Jun-2021 5:54 PM
लोकवाणी:किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी न्याय योजना-भूपेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 13 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का, खेती-किसानी का राज्य है। हमारा मानना है कि किसान खुशहाल होगा, तभी प्रदेश खुशहाल होगा। विकास की इसी दूरगामी सोच के साथ हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ की शुरूआत की है। यह योजना हमारी सरकार की कृषक हितैषी सोच को साफ-साफ दर्शाती है। इससे छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की और साल भर के भीतर चार किस्तों में पूरी राशि 5 हजार 628 करोड़ रूपए का भुगतान 18 लाख 45 हजार किसानों के खाते में कर दिया। जो लोग पहले चार किश्तों में राशि देने को लेकर आपत्ति कर रहे थे, उन लोगों ने कोरोना संकट को देखते हुए यह कहना शुरू कर दिया था कि खरीफ 2021 में धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन मैंने स्पष्ट कहा कि इसका नुकसान किसानों को नहीं होने देंगे। इस तरह हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बकायदा बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान किया है और विगत वर्ष की तरह ही 21 मई अर्थात राजीव जी के शहादत दिवस पर, ठीक पिछली बार की तरह पहली किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया। इसमें 20 लाख 53 हजार 482 किसानों ने धान बेचा है तथा शेष लगभग डेढ़ लाख किसानों ने मक्का व गन्ना बेचा है। कोरोना महासंकट के बावजूद योजना के क्रियान्वयन में एक दिन की भी देरी नहीं की गई।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कृषकों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का कुछ नए प्रावधानों के साथ विस्तार किया गया है। इसके तहत ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में आदान सहायता की राशि के लिए मुख्यत: तीन प्रावधान हैं। पहला प्रावधान यह है कि पिछले साल की तरह धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, गन्ना फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि हर साल दी जाएगी।

दूसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेना चाहते हैं। उन्हें 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह तीसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें भी 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी, यह तीन वर्ष के लिए होगी। इस योजना में समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। कृषकों को आदान सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। कृषक पंजीयन का कार्य एक जून से शुरू हो गया है, जो 30 सितंबर तक किया जाएगा।

कृषि वानिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की आय सहित कृषि वानिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। 

 

 

हमारे प्रदेश में ऐसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के लिए आदर्श परिस्थितियां, पर्याप्त भूमि, अनुकूल जलवायु और श्रमशक्ति उपलब्ध है।

वृक्षों को लगाने से काटने के बीच एक सुरक्षित चक्र बनाया जा सकता है, जिससे हर समय पर्याप्त संख्या में वृक्ष मौजूद भी रहें और सही समय पर कटाई होने से ग्रामीणों, किसानों की आय भी बढ़े। ऐसा करने पर चोरी-छुपे वृक्षों की अवैध कटाई की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। इसके लिए हमने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में विकासखंड कुनकुरी से खिरोधर राम, ग्राम नगपुरा ब्लॉक दुर्ग से सुरेन्द्र, ग्राम करवांझर विकासखंड डबरा जांजगीर-चांपा से गंगाराम, जिला बालोद से रूपेश कुमार साहू, गांव डुंडेरा उतई, जिला दुर्ग से खुमान सिंह यादव,  प्रेमराज जैन एग्रोफारेस्ट्री एक्टिवविस्ट, रूक्मणी सूर्यवंशी जिला जांजगीर-चांपा के सवालों का जवाब देते हुए उनसे प्राप्त सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।

कोरोना संक्रमण को रोकने पहल

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना के नियंत्रण तथा रोकथाम के उपायों और सावधानियों के बारे में भी प्रदेशवासियों से चर्चा की जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर, वायरस के नए वेरिएंट के साथ आई थी और तेजी से बढऩे लगी थी। अप्रैल में संक्रमण दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। एक माह के भीतर हमने संक्रमण दर को 27 प्रतिशत से गिराकर 2 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्त की। हमने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, निजी अस्पताल संचालकों, अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और जागरूक जनता की मदद से एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई।

भतीजे-भतीजी कहकर संबोधन

आज प्रसारित लोकवाणी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं और बच्चों को भतीजे-भतीजी कहकर संबोधित किया। आम तौर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल बेटे -बेटी, प्यारे बच्चों या युवा साथी कहते हैं, लेकिन इस बार वे थोड़ा ठिठके माइक पर हाथ रखा और बोले सोशल मीडिया में तो? ये लोग मुझे कका कहते हैं तो मैं भी भतीजे-भतीजी ही बोलूंगा और फिर उन्होंने यही किया। श्री बघेल की मास अपील और अपने उद्बोधन से लोगों को कनेक्ट ? करने की शैली अक्सर चर्चा में रहती है। उनकी बेबाक बयानी और मुद्दों पर सीधे बात करने के अंदाज को लोग बहुत पसंद करते हैं।

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