गरियाबंद
राजिम, 13 जून। महासमुंद में विगत दिनों पति के शराब पीने से तंग आकर पत्नी ने अपनी पांच बच्चियों के साथ ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी थी। आखिरकार शराब ने एक और परिवार को बर्बाद कर दिया। इस घटना के बाद से प्रदेश में फिर से शराबबंदी की मांग ने जोर पकड़ लिया है। राजिम के भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने प्रदेश सरकार की शराब नीति की कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार घर-घर शराब परोस रही है उन्हें माँ, बहन और बेटियों के सम्मान व भावनाओं की कोई चिंता नहीं है। चुनाव के पूर्व प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने शराबबंदी का वादा कर सत्तासीन हुई थी और जिस महासमुंद की धरती से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शराबबंदी के संकल्प लिया था, उसी महासमुंद में पति की शराबखोरी से त्रस्त होकर अपनी पांच बच्चियों के साथ ट्रेन से कटकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। इतनी बड़ी घटना पर प्रदेश सरकार के जिम्मेदार व्यक्तियों के कान में जूं तक नहीं रेंगना यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और इसके मुखिया पूरी तरह संवेदनहीन हो चुके हैं।
श्री साहू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि जब लॉकडाउन में दो शराबियों की मौत स्प्रिट पीने से हो गई थी, तब सरकार ने शराबियों की चिंता करते हुए तत्काल प्रभाव से शराब दुकानों को खोल दिया और शराब की घर पहुंच सेवा शुरू कर दी, लेकिन इसी शराब के कारण तंग आकर एक माँ अपने पांच बच्चियों के साथ ट्रेन में कटकर जान दे देती है, उस पर कोई चर्चा नहीं होती। गंगाजल को हाथ में लेकर कसम खाने वाले कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री जी घर-घर शराब की होम डिलवरी कराने में व्यस्त हैं।
जिन महिलाओं ने शराबबंदी के खुला स्वागत कर कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया था आज वे ठगी हुई महसूस कर रही हैं। शराब पूरे प्रदेश के लिए अभिशाप बन गई है और रोज-रोज पारिवारिक कलह का कारण भी बन चुकी है जिससे तंग आकर एक माँ अपने पांच बच्चों के साथ ट्रेन के सामने जान दे देती है।
प्रदेश की भूपेश बघेल नीत कांग्रेस सरकार ने अपनी नैतिकता खो दी है, यदि उनमें थोड़ी सी हया और नैतिकता बची हुई है तो प्रदेश की महिलाओं के भावनाओं का सम्मान करते हुए तत्काल अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए शराबबंदी के वादे को पूर्ण करे अन्यथा आने वाले दिनों में प्रदेश की जनता इसका माकूल जवाब देगी।