राजनांदगांव
राजनांदगांव, 14 जून। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने शनिवार को मोहारा स्थित जल शुिद्धकरण संयंत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि शहर में अमृत मिशन जलप्रदाय योजना से नागरिकों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी को अमृत मिशन योजना के लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मोहारा स्थित लैब्रोटरी का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने लैब्रोटरी में जल शुद्धिकरण संयंत्र के पानी को आटोमेशन की आधुनिक तकनीक के माध्यम से सभी जलागार में जल संचयन की प्रणाली की प्रशंसा की। उन्होंने परिसर में पौधरोपण करने के निर्देश दिए।
जल शुिद्धकरण संयंत्र के डिप्टी टीम लीडर विकास ने कलेक्टर को बताया कि 17 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है और इसकी लागत 4 करोड़ रुपए है।
रॉ-वाटर ग्रेविटी पाईप लाइन विस्तार कार्य 23.5 किमी पूर्ण हो चुका है। जिसकी लागत 68 करोड़ 67 लाख रुपए है। राईजिंग मेन पाईप लाईन विस्तार कार्य 14.50 किमी प्रस्तावित है। जिसकी लागत 13 करोड़ 60 लाख रुपए है तथा 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य 30 जून 2021 तक यह कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्लांट को शीघ्र पूर्ण कराने के दिए निर्देश
कलेक्टर सिन्हा ने मोहड़ स्थित सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां अमृत मिशन के तहत बन रहे 10 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से बन रहे सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट को जल्द ही पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर से निकलने वाले वेस्ट वाटर का ट्रिटमेंट करते उसे पुन: अन्य कार्यों में उपयोग लोने की यह योजना महत्वपूर्ण है। जिससे जल का समुचित उपयोग सुनिश्चित होगा। नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि शुद्धिकरण करने के बाद इस जल का उपयोग खेती की सिंचाई एवं अन्य कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
जिले में शिक्षा की स्थिति होगी मजबूत
कलेक्टर सिन्हा ने गौरव पथ स्थित एकेडेमिक कैम्पस का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि डीएमएफ मद से 10 करोड़ 98 लाख रुपए की लागत से बन रहे एकेडेमिक कैम्पस जिले के एजुकेशन हब के रूप में स्थापित होगा, जिससे जिले में शिक्षा की स्थिति मजबूत बनेगी। दूरस्थ वनांचल के गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए यह कैम्पस आने वाले दिनों में उपयोगी साबित होगा। उन्होंने मुख्य भवन एवं अन्य कार्यों की जानकारी ली तथा नगर निगम आयुक्त श्री आशुतोष चतुर्वेदी को इसे शीघ्र ही पूरा करने के निर्देश दिए।