महासमुन्द

तीसरी लहर से निपटने होगी 380 बेड, जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था
14-Jun-2021 7:38 PM
तीसरी लहर से निपटने होगी 380 बेड,  जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था

    अभी जिले के सीएचसी व पीएचसी में 10-10 बेड   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 14 जून।
कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर की रफ्तार में काफी कमी आई है। आगामी दिनों में तीसरी लहर की संभावनाएं भी एक्सपर्ट्स जता रहे हैं, जिसमें सर्वाधिक बच्चों के प्रभावित होने की बात भी कही जा रही है। दूसरे वेव की गति में कमी आने के बाद महासमुंद जिले का स्वास्थ्य अमल तीसरे लहर से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। इसमें जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10-10 बेड, जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर, इनवर्टर व अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके तहत जिले में तीसरे लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए 380 बेड की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। 

गौरतलब है कि जिले में 5 सामुदायिक, 30 प्राथमिक व 222 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिले के 35 स्वास्थ्य केंद्रों में यह व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में गत 11 तारीख को कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक के दौरान निर्देश दिया था। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि जि़ले में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार धीमी हुई है, लेकिन टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन, क्लीनिकल ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन पर अधिक से अधिक ध्यान दें।
जिला अस्पताल में भी तीसरी लहर की संभावना के साथ ही पीडियाट्रिक वार्ड बनाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। यहां बच्चों के लिए 30 बेड की व्यवस्था की गई है, जो जल्द ही शुरू हो जाएगा।
जिले के महासमुंद, बागबाहरा, सरायपाली, बसना व पिथौरा ब्लॉक मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था की जा रही है। वहीं बिरकोनी, झलप, झारा, खट्?टी, सिनोधा, गढ़सिवनी, पटेवा, सिरपुर, तुमगांव, हाथीबाहरा, खल्लारी, खम्हरिया, कोमाखान, मुनगासेर, तेंदूकोना, जुनवानी खुर्द, बम्हनी, भीथिडीह, पिरदा, सल्डीह, सांकरा, बरोली, भंवरपुर, चनाट, लंबर, बड़े साजापाली, बलोदा, पाटसेंद्री, सिंघोड़ा व तोषगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीसरी लहर की तैयारी की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार तीसरी लहर के आने से पहले की जा रही तैयारियों से जिले के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इससे पहले जिले में पीडियाट्रिक वार्ड नहीं था, जिससे लोगों को निजी अस्पतालों व बड़े शहरों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। अब जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड के जल्द शुरू होने व सभी सीएचसी व पीएचसी में बच्चों के लिए 10-10 बेड व ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था से आपातकालीन स्थिति से निपटने में आसानी होगी।

 

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