बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 14 जून। मारकेल ग्रामवासियों ने बंद रेलवे फाटक को पुन: बहाल करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर उपसरपंच ने ग्रामवासियों के साथ आंदोलन की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत मारकेल-2 सिवनागुड़ा नेशनल हाईवे से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर पर स्थित है, परंतु विगत 5 वर्षों से रेलवे के द्वारा मेन रोड पर स्थित रेल फाटक को रेललाइन दोहरीकरण के नाम से बंद कर दिया गया है एवं आवागमन के लिए डायवर्सन सडक़ का निर्माण किया गया है, किंतु उपरोक्त सडक़ ग्राम पंचायत मार्केल -2 सिवनागुड़ा से हाईवे तक आने जाने में लगभग 4 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। उपरोक्त डायवर्टेड सडक़ रेलवे के द्वारा बनाया गया है, उसमें एक अंडर ब्रिज पुल बनाकर घुमावदार सडक़ तैयार किया गया है, जिसमें बड़ी गाडिय़ां जैसे कार, ऑटो, ट्रैक्टर, एम्बुलेंस आदि गाडिय़ों को मोडऩे में काफी असुविधा होती है, साथ ही साथ बारिश के दिनों में वह अंडर ब्रिज जलभराव के कारण आवागमन बाधित होता है। बच्चों व महिलाओं को शाम के समय आने-जाने में दिक्कत होती है, क्योंकि गांव के बाहर से सुनसान रास्ते पर यह सडक़ बनाया गया है। उक्त सडक़ के कारण गांव वालों को अपने दैनिक कार्यों के लिए जैसे बैंक, राशन दुकान, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं अन्य सुविधाओं के लिए लगभग 4 किलोमीटर तक घूम कर जाना पड़ता है जिससे काफी परेशानी होती है, साथ ही समय का नुकसान भी होता है।
पिछले 5 वर्षों से ग्रामवासियों के द्वारा मुख्य सडक़ पर रेल फाटक था, जिसे बंद कर दिया गया है, उसे खोलने या उसी स्थान पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने हेतु मांग की जा रही है। समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से एवं कलेक्टर से भी मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर ग्रामवासियों द्वारा उक्त फाटक को खोलने या उसी स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है, जिस पर आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। उपरोक्त फाटक में लोग पटरी को पार कर अपने दैनिक कार्यों के लिए मजबूर हैं, साथ ही स्कूली छोटे बच्चे फाटक को पार कर आते-जाते हैं, जिससे जान माल का खतरा एवं बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
मारकेल के उपसरपंच संदीप कुमार डेनियल ने बताया कि उपरोक्त सडक़ पर स्थित रेलवे फाटक को पुन: बहाल किया जाए या उसी स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था कर एक बड़ी आबादी को राहत पहुंचाई जाए।
साथ ही उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्षों से ग्रामवासियों द्वारा लगातार मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो वे ग्रामवासियों के साथ आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होंगे। जिसके लिए रेल्वे प्रशासन एवं जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।