रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जून। चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 18 तारीख को राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाने जा रही है। इस मौके पर सभी चिकित्सक कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अपने-अपने परिसर में काला मास्क तथा काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
आईएमए ने कहा कि देश पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी से जूझ रहा है। देश की जनता की जान बचाने के लिए पूरा चिकित्सा समुदाय जी जान से जुटा हुआ है। अपने इस प्रयास में लाखों लोगों की जान बचाई गई और कई परिवारों को अनाथ होने से बचाया गया।
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ युद्ध में अग्रिम योद्धा के रूप में अपने परिवारों को भुलाकर जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों को देशभर में प्रताडऩा का सामना करना पड़ रहा है। बहुत सी जगहों पर हिंसक हमले हुए जिसमें बहुत से युवा चिकित्सकों के साथ साथ अनेक अनुभवी चिकित्सकों को भी अपनी जान गवानी पड़ी। कई चिकित्सक आज भी अस्पतालों में जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे हैं। बहुत सी महिला चिकित्सकों के साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है। बहुत से चिकित्सकों के साथ गाली गलौज की भाषा में बात की जा रही है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, डॉ. राकेश गुप्ता, चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड, डॉ. विकास अग्रवाल, अध्यक्ष, डॉ. आशा जैन, सचिव, डॉ. अनिल जैन, चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड ने बताया कि 18 तारीख को चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं के विरोध में राष्ट्रीय विरोध दिवस के रूप में घोषित किया है । इस दिन सभी चिकित्सक कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अपने अपने परिसर में काला मास्क तथा काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्य करेंगे।