राजनांदगांव

निगम-मंडलों में नियुक्ति से उठी सियासी हलचल में कांग्रेस दिग्गज आस में
16-Jun-2021 1:00 PM
निगम-मंडलों में नियुक्ति से उठी सियासी हलचल में कांग्रेस दिग्गज आस में

   सीएम के बयान के बाद दावेदार सक्रिय   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जून।
निगम-मंडलों में अरसे से रिक्त पदों में प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही नई नियुक्ति होने के संकेत के बीच राजनांदगांव के दिग्गज कांग्रेसी दोबारा कुर्सी के लिए सियासी उठापटक कर रहे है। नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद लंबे समय से लालबत्ती के लिए तरस रहे पार्टी के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम बघेल के बयान से इस बात को बल मिला है कि अब अगले कुछ दिनों के भीतर सरकार रिक्त पदों पर राजनीतिक नियुक्ति की घोषणा कर सकती है।  

कांग्रेस के कई दिग्गज और जमीनी कार्यकर्ता सत्ता-सरकार में जगह बनाने के लिए जोरदार कोशिश कर रहे है। 17 जून को राज्य सरकार के ढाई साल की मियाद पूरी होने के बाद किसी भी दिन राजनीतिक नियुक्तियों की अहम सूची जारी हो सकती है। इस बात की पूरी संभावना है कि प्रदेशभर में सहकारी बैकों अध्यक्ष के खाली पदों को भरने से सरकार नियुक्तियों की शुरूआत कर सकती है। इसके बाद दूसरे पदों की सूची पर विचार होगा। 

बताया जा रहा है कि राजनांदगांव सहकारी बैंक अध्यक्ष के लिए नवाज खान का नाम प्रमुखता से सामने आया है। खान मुख्यमंत्री बघेल के नजदीकी नेता माने जाते हैं। इसके अलावा अध्यक्ष के दौड़ में पूर्व विधायकद्वय भोलाराम साहू व तेजकुंवर नेताम का नाम भी चर्चा में है। इधर कांग्रेस के युवा नेता जितेन्द्र मुदलियार को भी सरकार बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। 

मुदलियार ने विपक्षी नेता के तौर पर पूववर्ती भाजपा सरकार और पूर्व सीएम रमन के खिलाफ मोर्चा खोलने में नरमी नहीं दिखाई थी। शहर कांग्रेस की राजनीति को उन्होनें दमदारी से आगे बढ़ाया था। युवा चेहरे में निखिल द्विवेदी का नाम सुर्खियों में है। छात्र राजनीति से निकले निखिल ने भी रमन सरकार के कार्यकाल में कई मुद्दों पर सडक़ तक लड़ाई लड़ी। रमन के प्रभाव को दरकिनार कर द्विवेदी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर भूपेश बघेल के ढेरों कार्यक्रम आयोजित किए। 

बताया जाता है कि इसी दमदारी की वजह से निखिल की भूपेश के सबसे कट्टर समर्थकों में गिनती होने लगी। माना जा रहा है कि भाजपा शासन में संघर्ष करने के इनाम स्वरूप द्विवेदी को लालबत्ती में सवार होने का मौका मिल सकता है। 

इस बीच पूर्व महापौर सुदेश देशमुख का नाम भी सियासी हल्के में लिया जा रहा है। देशमुख ने भी विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस को संगठित किया हैं। वरिष्ठ नेता अंजुम अल्वी भी सशक्त दावेदार है। चार दशक से वह कांग्रेस के लिए सक्रिय रहे हैं। बहरहाल सीएम के बयान के बाद नांदगांव कांग्रेस में पद के लिए जोर आजमाईश चल रही है।

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