गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 18 जून। सरकारी जमीन को निजा बताकर बेचने के मामले में आरोपी विक्रेता एवं सहयोगी पटवारी को जेल भेजा गया, वहीं एक आरोपी की 2-3 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है।
जिला गरियाबंद के आदिवासी ब्लॉक छुरा के तहसील कार्यालय के पीछे स्थित भूमि खसरा नंबर 121 रकबा 0.07 हेक्टेयर को नगर छुरा राजापारा निवासी रमेशर एवं बिशेसर निषाद द्वारा वर्ष 2014 में तत्कालीन हल्का पटवारी नटेश्वर नायडु के साथ मिलीभगत कर उक्त शासकीय भूमि को पहले अपने नाम पर नामांतरण कराया गया, साथ ही तहसील कार्यालय छुरा से उक्त भूमि के संबंध में ऋण पुस्तिका भी तैयार करा लिया गया था। जिसे रमेशर एवं बिशेसर निषाद द्वारा पीडि़त प्रदीप पाण्डेय एवं भुपेन्द्र सेन को 60-60 हजार रूपये में बिक्री पत्रक तैयार कर रजिस्ट्री करा दिया गया था। पीडि़त प्रदीप पाण्डेय एवं भुपेन्द्र सेन द्वारा उक्त भूमि पर मकान निर्माण कार्य प्रारंभ करने से वास्तविकता के संबंध में एवं स्वयं के साथ धोखाधड़ी होने की जानकारी हुई। जिससे पीडि़तों द्वारा थाना छुरा में इसकी लिखित शिकायत की गई।
जांच दौरान शिकायत सही पाये जाने पर आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही थी। प्रकरण में 16 जून को पुलिस अफसरों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी छुरा निरीक्षक संतोष भुआर्य के नेतृत्व वाली संयुक्त टीम द्वारा आरोपी पटवारी नटेश्वर नायडु एवं भूमि विक्रेता रमेशर निषाद को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया, जो अपराध कारित करना स्वीकार करने से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है, वहीं एक अन्य विक्रेता बिशेसर निषाद की 2-3 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है।
उक्त कार्रवाई में थाना छुरा के निरीक्षक संतोष भुआर्य, सउनि 0 नीलूराम दीवान, आरक्षक रविशंकर नेताम, नरेन्द्र साहू, ललित नेताम, शिवदयाल नागेश, डेकेश्वर सोनी की सराहनीय भूमिका रही।