दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 18 जून। दंतेवाड़ा जिले में 16 ऐसे भी गांव है, जहां बीते एक साल में कोरोना वायरस संक्रमित कोई मरीज नहीं मिला। ये गांव है कुहचेपाल,बासनपुर, जारम, फूंडरी, फसरमदुर, किडरीरास, प्रतापगिरी, नडेनार, छोटे गादम, बड़े गादम, मुनगा, कोडरीपाल, जियाकोरता, कुटरेम, मुलेर एवं तनेली।
इन गांवों के प्रशासन ने अपने गांव की सभी सीमाओं पर पहरा दिया। जिससे कोई बाहरी व्यक्ति गाँव में प्रवेश नहीं कर सके। इसके फलस्वरूप गांव में कोरोना संक्रमण का कोई मामला 1 जून 2020 से अब तक सामने नहीं आया। गांव के लोग सिर्फ बहुत जरूरी काम होने पर ही गांव से बाहर जाते थे। गांव के लोगों ने दिन-रात गांव की सीमाओं पर पहरा दिया, जिससे कोई बाहरी व्यक्ति अंदर ना आ सके।
जागरूकता दल से मदद-कलेक्टर
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि प्रशासन जिले को कोविड मुक्त बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। यहां स्थित गांव को कोविड मुक्त बनाने प्रशासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में कोरोना जागरुकता दल का गठन किया गया है। जिसमें शिक्षक, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, जो सरपंच, सचिव एवं जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कार्य करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर निगरानी, होम आइसोलेशन में रहने वालों की निगरानी, आदिवासी गोंडी और हल्बी भाषाओं में जागरूकता कार्यक्रम और संगरोध केंद्रों की स्थापना जैसे कुछ उपाय किए गए।
दंतेवाड़ा जिले की 36 वर्षीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता एक कोरोना जागरुकता दल का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या अप्रैल में थी। इसके बाद घर-घर जाकर निगरानी शुरू की गई। हम सुबह निकलते थे और हर दिन शाम को ही लौटते थे। कोविड जैसे लक्षण दिखने वाले किसी भी व्यक्ति को जिसे खांसी, सर्दी, बुखार या अन्य लक्षण हो। उनका तुरंत परीक्षण कर आइसोलेशन किया गया। जरूरत पडऩे पर कोविड केयर या अस्पताल में भेजा गया। इसके साथ ही तत्काल प्रोफिलैक्टिक किट प्रदान किए गए।