बिलासपुर
अब तक स्थाई गौठान नहीं बना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 19 जून। कोटा नगर पंचायत में किसानों और गौ पालकों से गोबर खरीदी दो माह से बंद है, जिससे गौ पालकों और किसानों में रोष है। वहीं अब तक यहां स्थाई गौठान नहीं बना है, अस्थाई रूप से वार्ड नं 1 में मणिकंचन केंद्र में ही गोबर खरीदी की जा रही थी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना के तहत पूरे प्रदेश में पशुपालकों से गोबर खरीद रही है, लेकिन कोटा नगर पंचायत में इसका सीधा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बताया जाता है कि कोटा नगर पंचायत में अभी तक गौठान का न निर्माण हो पाया है और न ही नये गौठान बनाने के लिये जगह भी तय कर पाये हैं। अभी अस्थाई रूप से वार्ड नं 1 डिपरापारा में कचरा प्रबंधन करने बनाये गये स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए मणिकंचन केंद्र में ही गोबर खरीदी किया जा रहा है, लेकिन गौठान और गोबर खरीदी करने के लिए जगह की कमी है और भारी मात्रा खरीदे गोबर के लिए सुरक्षित जगह भी नहीं है।
मणिकंचन केंद्र के काम करने वाले कहते हैं कि पुराने गोबर खरीदी हुआ, उसका रखरखाव ही नहीं हो पा रहा है। अभी बरसात में किसानों एवं गौ पालको के लाये गोबर को खरीदने की जगह भी नहीं है।
किसानों के आय बढ़ाने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरूवात की है, लेकिन गौ पालकों व किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इस संबंध में आदित्य दीक्षित ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कोटा का कहना है कि यह मुख्यमंत्री जी की महत्वपूर्ण योजना गोबर खरीदी जल्द शुरू होनी चाहिए, जिससे गौपालकों और किसानों का लाभ होगा।
अमृता प्रदीप कौशिक अध्यक्ष नगर पंचायत कोटा का कहना है कि कोविड काल के कारण से गोबर खरीदी बंद था और हमारे पास गौठान के लिए उपयुक्त जगह नहीं है। हमने परिषद की मिटिंग करके नये गौठान बनाने वार्ड नं-1 में जगह चयन करके राजस्व विभाग को दो बार लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं आया है, और कोटा में नये गौठान बनाने हेतु पैसा आ गया है।
इस संबंध में पूछने पर कोटा एसडीएम टी आर भारद्वाज ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मुझे आपके माध्यम से जानकारी मिली है, क्यों खरीदी नहीं हो रही है, इसको दिखाता हूं। वहीं कोटा सीएमओ सागर राज से इस सबंध में ‘छत्तीसगढ़’ ने जानकारी लेने फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।