महासमुन्द
एक साथ दो बड़ी नदियों में बाढ़ की स्थिति बनी, तो बचाव कार्य होगा प्रभावित
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद, 20 जून। कम संसाधनों के साथ बाढ़ नियंत्रण वाले सरकारी अमले और नगर सेना जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में बसे लोगों को बचाने के लिए पूरी तैयारी में हैं। वर्तमान में विभाग के पास दो जनरेटर मौजूद हैं, लेकिन दोनों खराब हंै। केवल दो मोटर बोट हैं, इसमें एक एल्यूमिनियम और 1 रबर बोट है। वहीं लाइफ जैकेट 24, लाइफ वाच 40, सर्च लाइट 3, ट्यूब 7, मनीला रोप 12 व नायलोन रोप 8 नग हैं। महासमुंद जिले में 20 तैराक भी हैं।
मालूम हो कि जिले के कई नदी-नाले मानसून के साथ ही उफ ान पर आ जाते हैं। इनके उफान पर आने के कारण जिले के कई गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। हर साल बारिश सीजन के साथ ही कलेक्ट्रोरेट में बाढ़ नियंत्रण शाखा एक्टिव हो जाता है। रोजाना होने वाली बारिश के आंकड़ों और बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के साथ ही इससे निपटने के लिए उक्त विभाग तैयार रहती है। इसके साथ ही नगर सेना के तैराक और जवानों को आगामी बारिश सीजन तक 24 घंटे एक्टिव रखा जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति पर तत्काल एक्शन लिया जा सके। फिर भी चर्चा है कि यदि एक साथ दो बड़ी नदियों महानदी और जोंक में बाढ़ की स्थिति निर्मित होती है तो बचाव कार्य प्रभावित होगा।
जिले के बाढ़ नियंत्रण शाखा का दावा है कि जिले के 38 गांव ही बाढ़ प्रभावित हैं, जबकि नगर सेना के पास मौजूद डाटा के हिसाब से 64 गांव ऐसे हैं, जो नदी-नाले के किनारे स्थित हैं और बाढ़ प्रभावित हैं। ये सभी ऐसे गांव हैं, जहां अत्यधिक बारिश के कारण कभी भी बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। बाढ़ नियंत्रण दल के सहायक नोडल अधिकारी आदित्य कुंजाम ने बताया कि जिले में जो बाढ़ प्रभावित गांव हैं, वहां आगामी दिनों में यदि ऐसी कोई स्थिति निर्मित होती है तो उससे निपटने के लिए हमारी पूरी तैयारी है।
जिले के कुल 64 गांव बाढ़ प्रभावित गांवों मेेंं मुडिय़ाडीह, पासिद, कर्राडीह, खमतरई, सिरपुर, बडग़ांव, बरबसपुर, घोड़ारी, मुढ़ेना, बम्हनी, नांदगांव, अछोला, गढ़सिवनी, पीढ़ी, मोहकम, खड़सा, कनेकेरा, मुरकी, घनसूली, जीवतरा, लभराकला, लाफिनकला, केशवा, साल्हेभांठा, शेर, चिंगरौद, झारा, नायकबांधा, परसापाली, बिराजपाली, डोंगाझर, कोल्दा, लिलेसर, बोईरलामी, उदरलामी, अनसूला, कुरमाडीह, बल्दीडीह, भुरकोनी, चंडीभऔना, बानीपाली, केंदुमुड़ी, भीखापाली, लाखनपाली, मुड़पहार, अंतरला, जटाकन्हार, पलसापाली, छिर्राखार, कोलिहादेवरी, अंतरझोला, बिटांगीपाली, पिपलखुटा, सुरंगीपाली, दुधीपाली, हाड़ापथरा, कपसाखुटा, कुम्हारी, खुसरूपाली, कर्राभौना व बेंदारी शामिल हैं।