राजनांदगांव

प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में सेंधमारी करने वाला गिरोह पकड़ाया
22-Jun-2021 12:48 PM
प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में सेंधमारी करने वाला गिरोह पकड़ाया

फरार मुख्य आरोपी के बांग्लादेशी घुसपैठिया होने का शक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जून।
राजनांदगांव पुलिस ने प्रदेश के करीब आधा दर्जन जिलों में सेंधमारी करने वाले एक शातिर चोर गिरोह को धरदबोचा है। पुलिस ने गिरोह के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने राजनांदगांव समेत धमतरी, मुंगेली, बेमेतरा और कवर्धा  समेत अन्य जिलों में चोरी की दर्जनों वारदात की है। शातिर गिरोह के सदस्य फेरीकर बर्तन बेचकर घरों की रेकी करते थे। वारदात के बाद चोर गिरोह बकायदा अपना नाम बदलकर दूसरे इलाकों में घरों की तलाश करते थे। गिरोह का मास्टर माईंड फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस को आशंका है कि मुख्य आरोपी बांग्लादेशी घुसपैठिया हो सकता है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। 

सोमवार को एसपी डी. श्रवण ने पत्रकारों को बताया कि जिले में लगातार हो रही चोरियों की पतासाजी के लिए एक टीम गठित की गई थी। पुलिस को शहर के जीवन कालोनी के एक सीसीटीवी में एक संदिग्ध युवक  की तस्वीर मिली। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इसी चोर की तलाश करते गिरोह के गिरेबान में हाथ डाला। पुलिस ने 9 आरोपियों को पाटेकोहरा इलाके के एक किराये के मकान से हिरासत में लिया। वहीं दूसरे सदस्यों को रायपुर से पकड़ा। 

बताया जा रहा है कि गिरोह का मास्टर माईंड गोविंदा उर्फ अशरफ चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। चोरी का सामान मुख्य आरोपी के जरिये कोलकाता में बेचा जाता था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने  मोहम्मद अबू, फरजान खान, सुमंत ख्ंाडोकार, मोहम्मद मकसूद अली, मोहम्मद जॉनी अली, मोहम्मद सुमन्त खान, मासूम शेख व मोहम्मद बादोल को गिरफ्तार करने के बाद चोरियों के दर्जनों मामलों का खुलासा हुआ। पुलिस ने चोरी के सामान खरीदने के आरोप में मध्यप्रदेश के एक जौहरी विकास सोनी को भी आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल का यह चोर गिरोह लंबे समय से सूने मकानों में घुसकर चोरी की वारदात करता रहा है। 

राजनांदगांव जिले में रोजाना चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही थी। पुलिस का कहना है कि गिरोह का सरगना गोविंदा सदस्यों के पकड़ाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की ओर भाग गया है। मोबाइल रिकॉर्ड खंगालने पर पुलिस को गोविंदा का बांग्लादेश का लिंक मिला है। डाटा खंगालने पर यह साफ हो गया है कि वह बांग्लादेश के किसी व्यक्ति से लगातार संपर्क में था। अंतरराज्यीय गिरोह होने के चलते पुलिस को कई वारदातों को लेकर ठोस जानकारियां भी मिली है। पत्रकारवार्ता में एएसपी प्रज्ञा मेश्राम और सीएसपी लोकेश देवांगन समेत अन्य अफसर शामिल थे। 

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