गरियाबंद
निरीक्षण बाद भाजपा किसान मोर्चा ने लापरवाही के लगाए आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 जून। जिले के धान उपार्जन केंद्रों में किसानों द्वारा बेचे गए धान कट्टों का निर्धारित समय पर उठाव व परिवहन नहीं होने से लगभग पचास प्रतिशत धान बारिश में भीगकर खराब हो चुका हैं, जिसका खमियाजा उपार्जन केंद्र समिति पर थोप दिया जाएगा। पूर्व सांसद व पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदू लाल साहू ने राज्य की कांग्रेस सरकार व प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।
उक्त बातें सोमवार को पूर्व सांसद श्री साहू ने भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा के निर्देश पर गठित टीम जिला भाजपा किसान मोर्चा पदाधिकारियों के साथ जिले के धान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण दौरान खुले में रखे धान कट्टों में बारिश से भीगने से अंकुरित होने, तो भीगा धान कट्टा सडऩे की हकीकत सामने आने पर कही।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन के कुप्रबंधन और बदइंतजामी के चलते समितियों में अन्न की बर्बादी हो रही है। जिसकी सुध लेने वाले जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी भी इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने समिति प्रबंधक से धान के उठाव और रखरखाव को लेकर जानकारी ली और साथ ही उपार्जन केन्द्र में रखे धान के बोरियों की जांच भी की। पूर्व सांसद ने बताया कि समिति केन्द्रों में रखे धान रखरखाव के अभाव में सड़ चुका है, धान के बोरे बारिश में भीग चुके है, धान की जरई तक निकल आई है, इसके बाद भी जिम्मेदार प्रशासन इसके उठाव और रखरखाव में गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है।
पूर्व सांसद ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के कई खरीदी केन्द्रों में अब तक धान का उठाव नहीं हुआ है, इसके चलते समिति को नुकसान उठाना पड़ेगा, सुखत और सड़े धान का हर्जाना समितियो को उठाना पड़ेगा, शासन ने इससे सीधे तौर पर हाथ खीच लिया है।
एक ओर भूपेश सरकार किसान हितैषी बनती है दूसरी ओर किसानों की मेहनत के उत्पाद को बर्बाद कर रही है। कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।
भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री मनीष हरित ने कहा कि सड़े धान और सुखद की भरपाई राज्य सरकार समितियों के मत्थे मड़ रही है, जो सरासर गलत है, क्योंकि शासन की लापरवाही से धान का उठाव और रखरखाव नहीं हो पाया है।
श्री हरित ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस धान सड़ा कर, शराब निर्माताओं से साठंगांठ कर उसको लाभ पहुंचाने की कोशिश में है। इसका खामियाजा समितियों को भुगतना पड़ेगा। चूकि समिति किसानों पर आधारित है, इसलिए सीधा नुकसान किसानों को होगा और उनका कमीशन कटेगा, जिससे आने वाले समय में समिति डिफाल्टर होने के कगार पर आ जाएगी।
इस अवसर पर उनके साथ मुरलीधर सिन्हा, रिखीराम यादव, अनुप भोसले, प्रीतम सिन्हा, सुरेन्दे सोनटेके, परस देवांगन, किशोर यदु, दशरू राम सिन्हा, रूपेश साहू, धनराज विश्वकर्मा, राकेश देवांगन, मुकेश सिन्हा भी उपस्थित थे।