गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 25 जून। अखिल भारतीय आदिवासी समाज द्वारा 11 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर आदिवासी विकास परिषद से रैली निकाल कर राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार को अखिल भारतीय आदिवासी समाज द्वारा राज्यपाल के नाम सौंपे गये ज्ञापन में आरोप लगाया कि कई बार अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर जिला प्रशासन के नाम ज्ञापन देने के बाद भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए अब राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग के लिए निवेदन किया गया है।
मांगों में पांचवीं अनुसूची का पूर्णत: पालन किया जाए, गरियाबंद में कृषि महाविद्यालय एवं लॉ महाविद्यालय खोले जाने की मांग, अ.भा.आ.वि.परिषद् मजरकट्टा (गरि) में मंगलभवन स्वीकृत करने की मांग, इसी प्रकार पैरी घुम्मर डायवर्सन के बांयी तट नहर कार्य प्रारंभ है, जहां पारागांव से आधा कि.मी. आगे नहर में लगायी गयी पाईप गहराई में होने के कारण नहर का पानी वर्षा ऋ तु में उल्टा बह रहा है एवं पाईप के पास नवनिर्मित नहर बह गयी है, जिसे ऊपर किया जाए जिससे पारागांव सढौली छिन्दौला में सिंचाई हो सके। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे कर्मी को तत्काल हटाया जाए, आदि मांगें हैं।
मीडिया से चर्चा करते हुते सामाजिक नेताओं का कहना है कि हमारी मांगें जायज है और शासन प्रशासन को इस पर अमल करना चाहिए। अगर हमारी मांगों को अनदेखा किया जाएगा तो आने वाले समय में समाज द्वारा जिला में प्रदेशव्यापी रैली और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उक्त रैली को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा चाक चौबंद व्यवस्था के लिए पुलिस जवान तैनात किया गया था। रैली शांति पूर्ण संपन्न हुआ।