गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 27 जून। नगर पालिका परिषद भवन के मुख्य द्वार पर लगी वर्तमान निर्वाचित परिषद के नाम की शिला पर पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय गोयल ने आपत्ति कर हस्तक्षेप की मांग की है। दरअसल इस स्थान पर पहले पूर्व निर्वाचित परिषद की शिला लगी थी, चुनाव के बाद गठित नई बॉडी ने इसे हटवाकर अपनी लगवा दी। हालांकि अब अध्यक्ष धनराज मध्यानी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने हटाए गए पूर्व परिषद के नाम वाला पत्थर भवन के हाल में ससम्मान लगाने निर्देशित किया है और शिला बदलना सामान्य प्रक्रिया है।
शिलालेख में वर्तमान के परिषद् के सदस्यों का नाम बदलने के कारण पूर्व पालिका अध्यक्ष एवं आर्थिक प्रकोष्ठ रायपुर जिला ग्रामीण संयोजक विजय गोयल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा ये उचित नहीं है, मैंने तो पूर्व की दो महिला पार्षदों द्वारा गुजारिश करने के पश्चात् ही ये निर्णय लिया था। वैसे भी नगर की जनता जानती है, मैंने कभी भी पत्थर की राजनीति नहीं की है। आप पूरे नगर में घूम कर देख ले हमारे द्वारा दोनों कार्यकाल में जितने भी एतिहासिक काम हुए है, उनके शिलालेखो में प्रथम क्रम में मेरा नाम कहीं भी नहीं दिखेगा। कलाम कोठी जो कि सांस्कृतिक भवन के नाम से था, उसे मैंने अपने विवेक से अतिरिक्त राशि का इंतजाम कर नगरवासियों के लिए बहुआयामी रूप दिया, जिम भवन जो की आज तक चालू नहीं हो सका, बैडमिंटन हॉल, स्यान भवन, ई-लाइब्रेरी, शहीद हेमू कालानी, शहीद वीरनारायण चौक इत्यादि, इनमे आपको कही भी मेरे नाम का शिलालेख नहीं मिलेगा, क्योकि मैंने विकास कार्यो को अंजाम दिया है, नाम के पीछे नहीं भागा। वैसे भी नगरवासी मेरे किये विकास कार्यो को भूले नहीं है। लेकिन वर्तमान में उस शिलालेख में दर्ज नामो को मिटा कर अपना नाम दर्ज करना ये वाकई ठेस पहुचाने वाला कृत्य है। उक्त कार्य नियम विपरीत है।
यह कृत्य वर्तमान के स्थानीय शासन प्रशासन की ओछी मानसिकता एवं संकीर्ण विचारधारा को प्रदर्शित करता है। इस कार्य से हर जन प्रतिनिधि आहत हुआ है। हमारे कार्यकाल के पूर्व पार्षदगण चाहे वो किसी भी राजनैतिक दल का हो इस घटना से सभी दुखी है, भले ही वो खुल कर नहीं बोल पा रहे है। अभी जिस जगह यह कार्य किया गया है, बगल में और भी रिक्त जगह है, वहां पर स्वर्ण अक्षरों वाला पत्थर बना कर लगवा लेते।