बालोद
मास्टरमाइंड सहित 4 गिरफ्तार, 1 फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 27 जून। डौण्डीलोहारा के जाटादाह में 22 जून की रात में हुई 13 लाख की लूट की घटना फर्जी निकली। मोबाइल कारोबारी के कर्मियों ने ही दोस्तों संग लूट की कहानी गढ़ी थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं एक फरार है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी.आर. पोर्ते ने शनिवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता कर बताया कि 22 जून की रात्रि 10.45 बजे सूचना मिली कि थाना डौण्डीलोहारा क्षेत्र के ग्राम जाटादाह में पुल के पास दल्ली राजहरा-राजनांदगांव मेन रोड पर अज्ञात मोटर सायकल सवार आरोपी द्वारा कार के शीशे को तोडक़र सेल्समैन अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया से मारपीट कर उसके बैग में रखे 13,34,000 रूपये लैपटाप, बारकोड स्कैनर एवं अन्य सामान लूट कर फरार हो गये हंै। घटना की सूचना पर आरोपियों के वारदात के पश्चात भागने के संभावित समस्त रास्तों पर नाकेबंदी कर सरहदी जिलों को ततसंबंध में नाकेबंदी हेतु सूचना दी गई। प्रार्थी पूनम कोचर की रिपोर्ट पर थाना डौण्डीलोहारा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मामले को गम्भीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी.आर. पोर्ते द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिया गया। वारदात घटित कर लूट की रकम व अन्य सामान लेकर फरार हुए आरोपियों की बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा अब्दुल अलिम खान के पर्यवेक्षण में तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद दिनेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक विशेष टीम तैयार किया गया। टीम के द्वारा प्रार्थी पूनम कोचर ,सेल्समैन अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया से बारीकी से पूछताछ कर अपने मुखबीर तंत्र, सीसीटीवी फुटेज एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की सघन पता तलाश प्रारंभ की गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अधिकारियों तथा विशेष टीम द्वारा घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर ग्राम जाटादाह से कुसुमकसा, राजहरा, डौण्डीलोहारा, देवरी इत्यादि जगहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। तकनीकी साक्ष्य एकत्रित कर प्रकरण के संबध में जानकारी प्राप्त किया गया। सेल्समैन अक्षय तिवारी से घटना के संबंध में संपूर्ण जानकारी ली गयी। घटनास्थल, सीसीटीवी फुटेज और अक्षय तिवारी एवं उसके साथी सचिन महोबिया के बयान में विरोधाभाष होने से प्रथम दृष्टया वास्तविक घटना नहीं होने के संदेह पर टीम द्वारा अक्षय तिवारी एवं उसके साथी सचिन महोबिया का पृथक-पृथक बयान दर्ज किया गया। दोनों के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि इनके द्वारा योजना बनाकर लूट जैसी फर्जी घटना बताया जा रहा है।
अक्षय तिवारी से कड़ाई से पूछताछ करने पर यह ज्ञात हुआ कि वह मोबाईल व्यवसायी पूनम कोचर के राजनांदगांव स्थित उसके मोबाईल दुकान में बतौर सेल्समेन व ड्रायवर पिछले 4-5 वर्षों से कार्य कर रहा था। इस दौरान वह राजनांदगांव से देवरी, लोहारा, राजहरा, डौण्डी, भानुप्रतापपुर, पखांजुर के मोबाईल दुकानदारों को मोबाईल सप्लाई करना व उनसे रकम की वसूली करने का कार्य करता था। वसूली से प्राप्त लाखों रूपये को वह हमेशा ही राजनांदगांव पहुंचाकर अपने मालिक पूनम कोचर को देता था। इस प्रकार वह अपने सेठ का विश्वास जीत लिया था। इसी का फायदा उठाते हुए लालच में आकर लगभग 3-4 महिने पहले स्वयं व अपने फुफेरा भाई ऋ षभ शुक्ला के साथ नाटकीय ढंग से योजना बनाया। इसके लिए इन्होंने सिकोला भाठा दुर्ग के अपने 2 अन्य साथियों रनजोत सिंह उर्फ शिबू व दिलप्रीत सिंह को प्लान के बारे में विस्तार से समझाकर घटना स्थल व रूट का पूर्व से अभ्यास भी किया।
घटना दिनांक को पूर्व प्लान के मुताबिक जब आरोपी अक्षय तिवारी अपने सहकर्मी सचिन महोबिया के साथ पंखाजूर, भानुप्रतापपुर, बांदे, दुर्ग कोंदल, दल्लीराजहरा आदि जगहों में मोबाईल बेचकर वसूली की रकम लेकर वापस राजनांदगांव की ओर आ रहे थे। तब पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक जाटादाह के थोड़ा दूर पूर्व मोटर सायकल से आये उनके साथी रंजोत सिंह व दिलप्रीत सिंह को अक्षय तिवारी अपनी कार से देखकर पूर्व से बैठे हुए शिबू और दिलप्रीत को अपने गाड़ी का हार्न बजाकर तथा कार के लाईट को अपर डिपर कर इशारा किया गया। उसकी गाड़ी आगे धीरे-धीरे बढ़ते देख शिबू और दिलप्रीत अपने मोटर सायकल से अक्षय की कार का पीछा करते आये और जाटादाह के पहले वाले नाला को क्रास करते ही अक्षय तिवारी ने डामर रोड से नीचे कार को उतार कर नाली के पास ले जाकर खड़ा कर दिया। जिससे दिलप्रीत व शिबू के द्वारा बाईक वहीं खड़ी कर अपने पास रखे हथौड़े से ड्रायवर साईड वाली कांच को तोड़ दिया। चूंकि कार में उसके साथ सहकर्मी सचिन महोबिया भी था, इसलिए इन दोनों के द्वारा उनसे मारपीट का नाटक कर जबरदस्ती दरवाजे को खोलकर रकम व अन्य सामान वाले बैग को लूट कर ले गये। तब अक्षय और सचिन वहां से 01 कि.मी. आगे आकर जाटादाह तालाब किनारे मंदिर पास कार को रोककर कार के पीछे चक्का का हवा खोलकर पीछे पंचर होना जैसे दिखाये तथा सचिन ने सेठ पूनम कोचर को फोन कर घटना के बारे में बताया कि हमें लूट लिया गया है। उसके बाद लूट को देखने वाले सही माने, यह सोचकर अक्षय और सचिन ने अपने-अपने बैग को जो कार के पीछे सीट में रखा था वहीं पर तालाब में फेंक दिये। कुछ दिन बाद इस रकम को आपस में बांटने का प्लान बनाये थे। प्लान के मुताबिक कुल रकम में से सचिन महोबिया, दिलप्रीत सिंह तथा रंजोत सिंह को 1-1 लाख रूपये एवं स्वयं घटना के मास्टर मांइड अक्षय तिवारी व ऋ षभ शुक्ला 5-5 लाख रूपये आपस में बांटना तय किये थे।
प्रकरण के 4 आरोपी अक्षय तिवारी दुर्ग, सचिन महोबिया राजनांदगांव, रंजोत सिंह उर्फ शिबू दुर्ग, दिलप्रीत सिंह भुट्टर दुग को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण का 1 आरोपी ऋषभ शुक्ला सिकोला दुर्ग फरार है, जिसे टीम द्वारा सरगर्मी से तला किया जा रहा है।