कांकेर

न घर न नौकरी, जीविका चलाना मुश्किल, नक्सलियों द्वारा मारने का डर भी
02-Jul-2021 8:58 PM
 न घर न नौकरी, जीविका चलाना मुश्किल, नक्सलियों द्वारा मारने का डर भी

   सैकड़ों नक्सल पीडि़तों ने निकाली रैली, कहा मांगें पूरी नहीं होने पर दिल्ली में देंगे धरना   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कांकेर, 2 जुलाई। सरकार की अनदेखी और नक्सलियों द्वारा मार दिए जाने के भय से नक्सल पीडि़त लगभग दो सौ परिवार जिला मुख्यालय में सडक़ पर उतरे। नक्सल पीडि़तों ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने धरना देंगे।

कल जिला मुख्यालय में नक्सली पीडि़त दो सौ से अधिक परिवार के लोगों ने जिसमें महिलाएं भी काफी संख्या में थीं, एक रैली निकाली। हाथों में वे बैनर व तख्तियां लेकर नारे लगा रहे थे। रैली के बाद उन्होंने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के जरिए उन्होंने अपनी मांगें रखी है। उन्होंने बताया  कि उनके पास रहने के लिए न तो घर है न ही नौकरी है। उन्हें अपनी जीविका चलाना मुश्किल हो गया है। इधर उन्हें नक्सलियों द्वारा मार दिए जाने का डर अलग सता रहा है।

  पीडि़त परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके नाम पर दी जाने वाली राशि भी उन्हें नहीं मिल रही है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी राशि नहीं दी जा रही है। उनके लिए रहने खाने की बड़ी समस्या है। अपनी जीविका कैसे चलाएंगे, उनके लिए एक चुनौती बनी हुई है।

नक्सल पीडि़त महिला कंवर टांडिया ने कहा कि उनके पास रहने के लिए घर नहीं है , न जीविका का कोई साधन है। उन्हें केवल सहायता मिलने का आश्वासन दिया जाता है।  पीडि़त परिवार के सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांगें पूरी करने कहा है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने धरना देंगे।

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