गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 3 जुलाई। सर्व आदिवासी समाज छग के प्रदेश प्रतिनिधि नीलकंठ सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आदिवासी बाहुल्य जिला गरियाबंद में आदिवासी व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के लोगों को व्यापक पैमाने में धड़ल्ले से धर्मांतरित किया जा रहा है।
सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश प्रतिनिधि नीलकंठ सिंह ठाकुर ने कहा कि समाज के लोग गैरजनजाति एवं धर्मान्तरित होने से समाज खतरे में पड़ता जा रहा है। जो अपने ईष्ट देव, समाज के रीति नीति, परम्परा को छोडक़र विधर्मी बने लोगों का आरक्षण भी समाप्त होना चाहिए। इस दिशा में समाज को सामूहिक प्रयास कर समाज को बचाया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे मध्यप्रदेश राज्य का उदाहरण देते हुऐ कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति व परिवार अपने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो सबसे पहले संबंधित जिला कलेक्टर को अपनी स्वेच्छा को लिखित में आवेदन देकर इजहार करना होगा। जिस पर जिलाधीश ने जिले पुलिस अधिक्षक के द्वारा छान बीन किया जाएगा कि कही अन्तर्राष्ट्रीय षड़षत्र के शिकार तो नहीं है। किसी प्रकार की शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य प्रकार की प्रलोभन सू प्रेरित तो नहीं है।
जांच पर किसी भी प्रकार की षडय़ंत्र नहीं पाये जाने पर ही उसे व उनके परिवार को गैर जनजाति होने व धर्मांतरण करने की अनुमति मिलेगी। एमपी की तर्ज पर छग में भी गैरजनजाति होने व धर्मांतरण में रोक की नीति बनानी चाहिए। ताकि भोले भाले आदिवासियों को प्रलोभन से बचाया जा सके। इस संबंध में छग राज्य के राज्यपाल व शासन के मुख्यमंत्री को नीति बनाने की मांग करने की बात कही।