सुकमा

पोलावरम बांध को ले अफवाहों पर ध्यान न दें-प्रसाद शर्मा
09-Jul-2021 9:17 PM
पोलावरम बांध को ले अफवाहों पर ध्यान न दें-प्रसाद शर्मा

   कांग्रेस सरकार का दोहरा मापदण्ड    

कोंटा, 9 जुलाई। भाजपा के कद्दावर नेता प्रसाद शर्मा ने एक अंतराल के बाद राजनीतिक रूप से फिर सक्रिय हो गए हैं, जिसके चलते अब भाजपाइयों में उत्साह का माहौल है।  कुछ समय पूर्ण उनकी पत्नी मौसम मुत्ति पूर्व जिला पंचायत सदस्य के निधन के बाद से सक्रिय राजनीति से दूरी बनाये रखा था। जैसे जैसे नगर पंचायत चुनाव नजदीक आते जा रहा है, भाजपाई कांग्रेस पर हमला करने से पीछे नही हट रहे हैं।

 मीडिया से चर्चा में भाजपा नेता प्रसाद शर्मा ने पोलावरम बांध को लेकर कांग्रेस पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 2005 में जब पोलावरम बांध का नींव डाला गया, तब संयुक्त आंध्रप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी  और केंद्र में भी यूपीए की सरकार थी, अगर कांग्रेस की सरकार आदिवासियों की हितैषी होती तो पोलावरम बांध निर्माण को रोक सकती थी, परंतु कांग्रेस की यूपीए सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिससे बांध के निर्माण को रोका जा सकें। तात्कालिक भाजपा की रमन सरकार ने आदिवासियों की हित के लिए पोलावरम बांध के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया, मगर ढाई साल के भूपेश सरकार ने पोलावरम बांध को लेकर कोई कदम नहीं उठाया, यह चिंता का विषय हैं।

 सबरी नदी तट पर बण्ड की मांग

प्रसाद शर्मा ने कहा कि कोंटा एक प्राचीन नगरी है। पूरे प्रदेश में कोंटा की अलग पहचान है। बांध बनने से कोंटा नगर का एक तिहाई हिस्सा डुबान में आ सकता है, जिससे इस नगरी की पहचान खत्म हो जाएगी और साथ-साथ कई आदिवासी ग्राम पोलावरम के चपेट में आ रहे हैं, जिससे एक समुदाय की संस्कृति, सभ्यता लुप्त हो जाएगी। कोई भी आदिवासी अपना जल , जंगल , जमीन छोड़ कर कहीं नहीं जाना चाहता है। क्या पोलावरम बांध आदिवासियों को पूछ कर बनाया गया है ?  इस बांध के निर्माण में आदिवासी अपना जल जंगल जमीन का आहुति क्यों देंगे? सरकार को आदिवासियों की हितों की रक्षा के लिए कोई आदिवासी बेघर न हो, इसलिए सबरी तट पर पूर्व में हुए सर्वे अनुसार बण्ड का निर्माण किया जाना चाहिए एवं एर्राबोर से लेकर कोंटा तक जहां जहां ढलान क्षेत्र आता है, वहां सडक़ को ऊंचा करने की आवश्यकता है।

पोलावरम को लेकर गोपनीय बैठकों का भाजपा से कोई संबंध नहीं- शर्मा

प्रसाद शर्मा ने मीडिया के पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि इन दिनों कोंटा के विभिन्न वार्डों से लेकर आसपास ग्राम आसिरगुड़ा तक पोलावरम बांध को लेकर बैठकें कर जो मुआवजा  दिलवाने की बात कर रहे हैं, उनसे भाजपा का कोई ताल्लुक नहीं हैं। इस तरह की गोपनीय बैठकें करने की भारतीय जनता पार्टी को आवश्यकता नहीं है। कुछ तथाकथित लोगों के द्वारा भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के लिए इस तरह का कृत्य कर रहे हैं। शर्मा ने मीडिया  के माध्यम से अपील की है  कि अफवाहों पर ध्यान न दें, मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है।

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