बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 17 जुलाई। जिला पंचायत कृषि स्थाई समिति की सभापति एवं सदस्य उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक के नेतृत्व में डौंडीलोहारा विकासखंड के विभिन्न गांवों में फसल चक्र परिवर्तन को देखा।
िजला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व कृषि स्थाई समिति की सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर ने बताया कि राज्य में उद्यानिकी फसलों का अनुसंधान, नवीन उद्यानिकी तकनीक एवं उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने मैं जिले के किसान रुचि ले रहे हैं। फल, सब्जी, पुष्प, औषधि एवं सुगंधित फसलों के क्षेत्र विस्तार में सफलता मिली है। इसके लिए विभाग अनुदान भी दे रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य रकबे एवं उत्पादन में 13वें स्थान पर है।
कृषि स्थाई समिति की सभापति ललिता पीमन साहू ने बताया कि राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा घुरवा गरवा एवं बाड़ी योजना अंतर्गत एक लाख से अधिक बाड़ी का जीर्णोद्धार, भूमि विकास, फल पौधा एवं सब्जी बीज वितरण इत्यादि का कार्य किया जा रहा है।
उद्यानिकी विभाग की उपसंचालक आकांक्षा सिन्हा ने बताया कि उद्यानिकी फसलों हेतु किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा तथा बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत स्थानीय सब्जी भाजी की प्रजातियों के संरक्षण हेतु विभागीय रोपणिया मे इन फसलों का बीज उत्पादन किया जा रहा है। सदस्यों ने कोसमी में पन्नालाल जैन के 50 एकड़ के फार्म में कम्प्यूटराइज्ड खेती तथा इजराइल टिशु कल्चर केला का अध्ययन किया।
उन्होंने खैरीडीह में मां शीतला महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष पूर्णिमा सिन्हा तथा सचिव तामेश्वरी ठाकुर व टेकराम देवांगन से बाड़ी विस्तार पर बातचीत की। समूह की महिलाओं ने बताया कि व्यक्तिगत अनुदान की तरह समूह को भी अनुदान दिया जाए। सदस्यों के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथिलेश र्नूरेटी, धनेश्वरी सिन्हा, पीमन साहू, केशव शर्मा, नौशाद कुरेशी, नरेंद्र सिन्हा, खुमान कुरेटी उपस्थित थे। समिति ने अलीखूंटा में वृहद केला उत्पादन, राणाखुजी मैं पाम की खेती तथा अछोली मे उद्यानिकी विभाग की नर्सरी का निरीक्षण किया।