रायपुर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। यह एक ऐसा मामला है जिसमें तीन सगे भाई आजीवन कैद की सजा पूरी होने के बाद भी 9 साल से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह के भीतर प्रकरण के निपटारे के आदेश दिए हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस पूरे मामले पर विधि मंत्री मोहम्मद अकबर को ज्ञापन भी दिया गया है।
डीकेएस भवन के पास रहने वाले तीन सगे भाई मोहन राव, शंकर राव, और कृष्णा राव, हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए थे। इन तीनों को अदालत में विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। ये सभी 14 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। सजा पूरी होने के बाद भी इनकी रिहाई नहीं हो पा रही है।
बताया गया कि मोहन राव अंबिकापुर, और शंकर राव, कृष्णा राव दुर्ग जेल में बंद हैं। सजा पूरी होने के बाद रिहाई न होने पर इन कैदियों की माता जी. राजेश्वरी ने अलग-अलग स्तरों पर गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने 12 मार्च 2021 को अपने आदेश में तीन माह के भीतर तीनों की क्षमा याचिका पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद पीडि़त पक्ष के लोगों ने विधि मंत्री मोहम्मद अकबर से मुलाकात की, और उन्हें विस्तार से मामले की जानकारी दी।
कैदियों के परिजनों ने बताया कि आजीवन कारावास 14 साल में पूरा हो जाता है, लेकिन ये तीनों को 19 साल हो चुके हैं। यही नहीं, क्षमा की अवधि को जोड़ दिया जाए, तो 25 साल हो जाते हैं। यानी 9 साल अतिरिक्त हो गए हैं। श्री अकबर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण पर जेल विभाग को तुरंत कदम उठाने के लिए लिखा है। परन्तु अभी तक कैदियों की रिहाई की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।