सरगुजा
समाजसेवी आत्मा राम जायसवाल को दी श्रद्धांजलि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 19 जुलाई। हिंदी साहित्य परिषद सरगुजा के तत्वावधान में परिषद की कवियत्री माधुरी जायसवाल के निवास पर गजलकार शायरे शहर यादव विकास व डॉ सुधीर पाठक के आतिथ्य गीता द्विवेदी के विशिष्ट आतिथ्य व हिंदी साहित्य परिषद सरगुजा के जिलाध्यक्ष विनोद हर्ष की अध्यक्षता में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ पुर्णिमा पटेल की सरस्वती वंदना नित नयन जल से पखारुं पांव तेरे शारदे से हुआ। इसके पश्चात कवियत्री माधुरी जी के पिता स्व. आत्मा राम जायसवाल को उनकी पुण्यतिथि पर सभी के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
गोष्ठी में आगे गीतकार कृष्ण कांत पाठक ने वर्षा गीत क्षिति का श्रृंगार करने मचल रहा बादल की प्रस्तुति दी। अर्चना पाठक ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का समर्थन करते हुए पांव थम जाते मगर रुकती कहां हैं बेटियां,माधुरी जायसवाल ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए हर खुशी हर ग़म के साथ थे मेरे पिता,परिषद के महासचिव संतोष दास सरल ने गजल- दिल धडक़ने लगा शुरू फ़साना हुआ,अम्बरीष कश्यप ने गजल- दिल दुखता है आंखें मेरी रोती हैं,उमेश पाण्डेय ने कोरोना महामारी पर श्मशान भी आज हैरान हुआ, आशा पाण्डेय ने अश्क भरी अंखियों की पीड़ा, जिलाध्यक्ष विनोद हर्ष ने श्रद्धांजलि रचना फेरा जब जब सर पे हाथ आपने हर दुआ का क्षण में शमन हो गया, दोहा रचियता मुकुन्दं लाल साहू ने इतनी ज्यादा गर्मियां उमस न जिसका पार, श्याम बिहारी पाण्डेय ने कोरोना पर चीन से निकली ये काली डरनिया, गीता द्विवेदी ने तेरी कृपा हो तेरी दया हो हे शारदे मां, डॉ सुधीर पाठक ने ने सरगुजिहा रचना तो मुख्य अतिथि यादव विकास ने अपनी गजल में भगवान के सबके हृदय में विराजमान होकर होने की बात कहकर गोष्ठी का समापन किया।
गोष्ठी का संचालन परिषद के उपाध्यक्ष श्याम बिहारी पाण्डेय ने व आभार प्रदर्शन माधुरी जायसवाल ने किया ।