बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 20 जुलाई। क्षेत्र में मानसून की दगाबाजी से किसानों के चेहरे पर तनाव के लक्षण स्पष्ट दिख रहे है। जून में थोड़ी राहत की बारिश के बाद जुलाई में एन वक्त पर भीषण गर्मी के तेवर से कृषि योग्य भूमि पानी के लिये तरस रहे है। खासकर खरीफ फसल जो कि बहुंतायत संख्या में कृषक लेते है उन्हे पानी के इंतजार मे तरसना पड़ रहा है। हर सुबह से शाम तक किसान उपर बादलों की ओर इस आशा से निहार रहा है कि झमाझम बारिश हो जाये, ताकि उसकी खेती किसानी की गाड़ी आगे बढ़ सके गत वर्ष की तुलना में इस जुलाई को हुई कम बारिश ने लोगों के होश उड़ा दिये है।
खासकर छोटे व मध्यम किसान जो पुरी तैयारी के साथ खेत बोआई में जुटे हुये थे वे इस वक्त आसमानी बारिश न होने से चिंतित हो रहे है। वहीं जिनके पास नलकूप व बोरपंप की व्यवस्था है। वे थोडी बहुंत किसानी कार्य को आगे बढ़ा रहे है, लेकिन वे भी मानते है कि आसमान से हुई बारिश ही उनके फसल के ग्रोथ को आगे बढ़ा सकता है इधर शहर के खाद व्यापारी भी पानी के न आने से चिंतित हो रहे है, क्योंकि खरीफ फसल को लेकर विभिन्न प्रकार के कृषि खाद का संग्रहण अच्छी ग्राहकी की उम्मीद मे कर बैठे है, लेकिन आसमानी बारिश नहीं होने से खाद बाजार भी औधे मुंह गिरा पड़ा हुआ है। व्यापारियों की लागत फंसे होने से व्यापार जगत मे चिंता का माहौल व्याप्त है। बोआई के दौरान खेतों में पर्याप्त जल न होने से पौधों पर जहां धूप की तेज मार पड़ रहीं है। वहीं कुछ कीडे भी खेतों में सक्रिय है। बहरहाल बारिश के अभाव मे समूचा कृषि क्षेत्र सिर्फ आसमान की ओर टकटकी लगाये देख रहा है कि कब झमाझम बारिश हो और कब वे कृषि कार्य को आगे बढ़ाने निकल पड़े फिलहाल तेज गर्मी व खुले आसमान मे किसानों की चिंता बढ़ा दी है।