राजनांदगांव
कहा-समस्या का निराकरण नहीं होने पर सडक़ में आने की तैयारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 22 जुलाई। शहरीय क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के लिए यदि ग्रामीण क्षेत्रों में जानबूझकर पॉवर कट कर सप्लाई रोकी गई तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो फिर किसानों व ग्रामीणों को लेकर सडक़ पर आउंगी और इसके लिए केवल अफसर ही जिम्मेदार होंगे। सप्ताहभर से चल रहे पावर कट व लो-वोल्टेज से परेशान क्षेत्रवासियों ने खुज्जी विधायक छन्नी साहू को अपनी पीड़ा बताई तो विधायक श्रीमती साहू ने मंगलवार को बिजली कंपनी के ईडी को मोबाइल पर कहा कि यदि शहरी क्षेत्रों में बिजली बहाली के लिए यदि जानबूझकर अंबागढ़ चौकी व छुरिया ब्लॉक में सप्लाई रोका गया तो वे परिणाम भुगतने को तैयार रहे।
सप्ताहभर से क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या ने लोगों को परेशान कर रखा है। इस मुद्दे को लेकर अब ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को घेरना शुरू कर दिया है। शिकायतों और समस्याओं को लेकर विधायक श्रीमती साहू ने मंगलवार को विद्युत कंपनी के ईडी टीके मेश्राम से मोबाइल में सवाल-जवाब किया।
विधायक ने नाराजगी जाहिर करते कहा कि शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बहाली के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पॉवर कट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जानबूझकर खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति रोकी गई तो यह उचित नहीं होगा। विधायक ने कहा कि वे क्षेत्र की जनता के साथ है और उनकी जनता परेशान हुई तो वे सभी को साथ लेकर सडक़ में आ जाएंगी। इसके लिए कंपनी ही जिम्मेदार होगी। विधायक श्रीमती साहू ने चीफ इंजीनियर से कहा कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण कराए।
सत्ता पक्ष कर रहा है गांधीगिरी तो विपक्ष दे रहा है अल्टीमेटम
बिजली गुल व लो-वोल्टेज की समस्या के निदान के लिए जहां सत्ता पक्ष से जुड़े कांग्रेस नेता व पदाधिकारी जहां गांधीगिरी कर व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्ष के प्रतिनिधि अल्टीमेटम व ज्ञापन सौंपकर बिजली कंपनी से व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी की अगुवाई में जहां कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी बिजली कंपनी के अधिकारियों को गुलदस्ता व फूल भेंटकर बिजली आपूर्ति को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं भाजपा के पदाधिकारी बिजली अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल्द ही व्यवस्था नहीं सुधरी तो वे आंदोलन के लिए सडक़ पर आएंगे। इधर बिजली मुद्दे को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। सत्ता पक्ष व विपक्ष इस मुद्दे को लेकर अब सडक़ में आने लगे हैं।