कोरिया

दर्जनों अटल आवास अधूरे, ग्रामीण परेशान, आज तक नहीं मिला सचिव को प्रभार
22-Jul-2021 7:55 PM
दर्जनों अटल आवास अधूरे, ग्रामीण परेशान, आज तक नहीं मिला सचिव को प्रभार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर, 22 जुलाई। पक्के मकान का सपना था, अटल आवास भी स्वीकृत हो गया, अब बनवाने की जिम्मेदारी पंचायत की थी, राशि निकली, मटेरियल सप्लायर को राशि भी गई, परन्तु बीते ढाई वर्ष से ज्यादा हो गये, अब तक ग्रामीण अपने पक्के अटल आवास में रहने नहीं जा सके है, दूरस्थ ग्राम पंचायत में दर्जनों अटल आवास अधूरे है। सरकारी बदली अब कोई सुध लेने नहीं जाता, जबकि सचिव ने अब तक प्रभार नहीं दिया। अब ग्रामीण परेशान हंै। इस संबंध में सोनहत एसडीएम प्रशांत कुशवाहा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मैं देखता हूं कि क्यों प्रभार नहीं दिया गया।

सोनहत जनपद के नवगठित ग्राम पंचायत रावतसरई के सचिव का तत्कालीन सीईओ तुलिका प्रजापति ने स्थानांतरण के एक दिन पूर्व सोनहत स्थानंातरित कर दिया, जिसके बाद से आज तक रावतसरई में पदस्थ किए सचिव को प्रभार नहीं दिया गया है। यही कारण है कि ग्रामीणों को उनके आवासों की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

 रावतसरई में दर्जनों की संख्या में आदिवासी हितग्राहियों के अटल आवास ढाई साल से अधूरे पड़े हंै। ज्यादातर हितग्राहियों के अटल आवास योजना के तहत पक्का मकान निर्माण कार्य तो शुरू कर डोर लेबल तक खड़ा कर दिया गया है। इसके बाद लगभग कई हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हुए हंै। उसके बाद काम बंद कर दिया गया।

ग्रामीणों का कहना कि सचिव ने अपना ट्रांसफर सोनहत करवा लिया, कई महिने बीत गए ,आज तक प्रभार नहीं दिया है। सुनने में आ रहा है कि अंतिम किश्त नहीं आई है, इसलिए काम बंद है।

 दरअसल, ग्राम पंचायत रावतसरई सोनहत जनपद क्षेत्र का दूरस्थ पंचायत है, यहां तक जिम्मेदार अधिकारी भी कभी कभार ही पहुंच पाते है जिस कारण यहां पर पंचायत की मनमानी चरम पर देखी जा सकती है। वहीं जिनको उक्त योजना के तहत आवास आबंटित किया गया है वे पक्के मकान में रहने का सपना ही देख रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कोरिया जिले के कई पंचायतों में अटल आवास योजना की उचित मानिटरिंग नहीं होने के कारण आज भी जिले के कई पंचायतों में उक्त योजना के तहत जिन हितग्राहियों को पक्का आवास आबंटित हुआ, उसका निर्माण कार्य आधा अधूरा पडे हुए है। इसे जल्द पूरा कराने की दिशा में संबधित पंचायत के सचिवों की रूचि नहीं दिखाये जाने एवं गोलमाल किये जाने के कारण ही आज कई पंचायत क्षेत्रों में हितग्राहियों के अटल आवास योजना के तहत पक्का आवास नहीं बन पाया, जिसके चलते हितग्राही अपने पुराने कच्चे मकान में ही परिवार सहित निवासरत हैं।

आवास किसी के नाम स्वीकृत बनवाया कोई दूसरा

 रावतसरई में प्रधानमं़त्री अटल आवास योजना को लेकर भारी गड़बड़ी देखी जा सकती है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार रावसरई में पंडो महिला अतवरिया के नाम पर अटल आवास स्वीकृत हुआ, लेकिन इसके नाम का स्वीकृत अटल आवास को कोई और बनवा लिया। हालांकि निर्माण कार्य अभी अधूरा है। इसके संबंध में सरपंच से संपर्क नहीं होने के कारण पता नहीं चल सका। यदि  ग्राम रावतसरई में जितने भी हितग्राहियों के नाम अटल आवास योजना का पक्का मकान स्वीकृत किया गया है उसकी जानकारी ली जाये तो और भी गड़बड़ी उजागर हो सकती है।

विशेष संरक्षित जनजातियों के कई मकान अधूरे

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत रावतसरई के पंडोपारा में कई पंडो परिवार के नाम अटल आवास स्वीकृत किये गये। उन सभी परिवारों का अटल आवास अधूरे पड़े हुए हैं। डोर लेवल तक निर्माण कार्य कराये जाने के बाद निर्माण कार्य कई महीने से उसी हाल में अधूरा पड़ा हुआ है। विशेष संरक्षित जनजाति को भी इस पंचायत में योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार विशेष संरक्षित जनजाति के जवाहिर, ननकू, भिनसरिया, सोमारसाय के साथ अन्य पंडो परिवारों के साथ अन्य आदिवासियों के नाम स्वीकृत अटल आवास आधे अधुरे पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में यह जांच का विषय है कि आखिर हितग्राहियों के नाम स्वीकृत अटल आवास अधूरे क्यों पड़े हुए हंै?

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