कोरिया

नवनिर्मित कचराघर शेड के नीचे मोहल्ला क्लास
22-Jul-2021 8:03 PM
नवनिर्मित कचराघर शेड के नीचे मोहल्ला क्लास

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर, 22 जुलाई। कोरिया जिले के भरतपुर के ग्राम पंचायत कसौड़ा में मुख्य मार्ग स्थित नव निर्मित एसएलआरएम सेंटर (कचराघर) का उपयोग फिलहाल मोहल्ला क्लास के लिए किया जा रहा है, वहीं 6वीं से 8वीं तक के बच्चों की मोहल्ला क्लास मुख्य मार्ग स्थित नवनिर्मित शेड में लगाई जा रही है।

कोरिया जिले के भरतपुर जनपद के ग्राम कसौडा में छोटे बच्चों को एसएलआरएम सेंटर (कचराघर) में टेबल बेंच लगाकर पढ़ाई कराते देखा गया, जिस पर कई सवाल उठाये जा रहे हंै। बच्चों को मोहल्ला क्लास के नाम पर कचरा घर में कक्षा का संचालन क्यों कराया जा रहा है।

वहीं शिक्षक बताते हैं कि गांव में कहीं ऐसी सार्वजनिक जगह नहीं है, जहां मोहल्ला क्लास लगाई जा सके, नवनिर्मित एसएलआरएम सेंटर (कचराघर) को अभी उपयोग में नहीं लाया गया है, इसलिए उसमें टेबल बेंच लगाकर मोहल्ला क्लास शुरू की दी गई।

ग्राम पंचायत कसौड़ा द्वारा पंचायत क्षेत्र में एसएलआरएम सेंटर (कचराघर) का निर्माण कराया गया है, लेकिन उसमें कचरा अभी फेंका नहीं जा रहा है। भवन खाली देखकर शिक्षकों द्वारा बनाये गये कचरा घर में ही क्लास का संचालन कराया जा रहा हैं। ठीक उसके सामने कुछ बच्चों को एक शेड के नीचे बैठाकर मोहल्ला क्लास में पढ़ाई करायी जा रही है। वहीं ज्यादातर पहली से पांचवी तक के बच्चों को कचरा घर में टेबल बेंच लगाकर बैठाया गया है और पढ़ाई करायी जा रही है। पढऩे बैठे ज्यादातर बच्चे मास्क नहीं लगाये हुए नजर आये। इस तरह वर्तमान में जिले भर में ऑफलाईन पढ़ाई के तहत मोहल्ला क्लास के माध्यम से स्कूल के बाहर सार्वजनिक भवनों व शेड के नीचे मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है।
 
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए अभी स्कूल नहीं खोले है लेकिन इस दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए मोहल्ला क्लास व ऑन लाईन क्लास संचालित की जा रही है। इस दौरान किसी भी हाल में स्कूलों में कक्षा का संचालन नही किया जाना है बल्कि ग्राम क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों में मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है।

स्कूल भवन में कोरोना बाहर के भवनों में खतरा नहीं
सरकार द्वारा कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए ऑनलाईन व ऑफलाईन कक्षाओं का संचालन करने के निर्द्रेश दिये गये है जिसके तहत ज्यादातर स्कूलों ,द्वारा ऑफलाईन कक्षा संचालित की जा रही है जिसके संबंध में निर्देश है कि गांव के किसी सार्वजनिक स्थल पर विद्यार्थियों का मोहल्ला क्लास लिया जाये जिसके बाद कई जगहों पर सामुदायिक भवन, सार्वजनिक शेड, व अन्य सार्वजनिक भवनों में बैठाकर पढ़ाई करवायी जा रही है। इस तरह देखा जाये तो विद्यार्थी सार्वजनिक भवन में बैठकर या शेड मंच के नीचे बैठकर पढाई कर रहे है जहां सरकार का मानना है कि कोराना नहीं पहुंचेगा, जबकि स्कूल के कक्षा में बैठाकर पढ़ाई कराने की सख्त मनाही है। इस तरह भवन में बच्चों को बैठाने  से कोरोना संक्रमण का डर है वही अन्य सार्वजनिक भवनों में बैठाये जाने पर कोराना का डर नहीं है।

मोहल्ला क्लास में उपस्थिति बढिय़ा
इन दिनों जिले भर में शिक्षकों द्वारा मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। जिससे कि बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा जा सके और पढ़ाई में निरंतरता बनी रहे। यह अच्छी पहल है लेकिन ज्यादातर जगहों के मोहल्ला क्लास में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है। परन्तु कसौड़ा में ऐसा नहीं है, यहां काफी संख्या में बच्चे मोहल्ला क्लास में शामिल हो रहे हंै। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में धान रोपा लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस कई में स्कूली विद्यार्थी भी अपने परिवार के साथ रोपा लगाने पहुंच रहे है। कई बच्चे तो दूसरे के खेतों में रोपा लगाने की मजदूरी कर रहे हैं, जिससे कि उन्हें पारिश्रमिक प्राप्त हो रहा है जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अधिकांश मोहल्ला क्लास में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है।

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