सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 22 जुलाई। सुकमा जिले में एक बार फिर से सीआरपीएफ ने मानवता की मिसाल पेश की है। सीआरपीएफ 74 वीं बटालियन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जिला अस्पताल में एडमिट एक 65 वर्षीय आदिवासी वृद्धा को रक्तदान कर उनकी जान बचाई है।
बीते दिनों सुकमा के जिला अस्पताल में एडमिट एक आदिवासी वृद्धा सोयम चिनक्का को ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता थी, जो सोशल मीडिया में वायरल होने के 24 घण्टे बाद भी नहीं मिला। जैसे ही ये पोस्ट सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी संदीप कुमार नीरज को मिली, उन्होंने मरीज के परिवार से सम्पर्क किया और दोरनापाल से 36 किलोमीटर दूर सुकमा जिला अस्पताल पहुंच रक्तदान किया जिस कारण मरीज को समय पर खून मिल पाया।
सोयम परिवार ने वक्त पर मदद और इस सराहनीय कार्य के लिए सीआरपीएफ का आभार व्यक्त किया। इस पर 74वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी संदीप नीरज ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए मुझे जानकारी मिली कि ओ निगेटिव ब्लड की आवश्यकता है, जो आसानी से नहीं मिलता, पर सौभाग्यवश मेरा था, इसलिए मैंने रक्तदान किया। हमारी लड़ाई नक्सलियों से है, जो हम लम्बे समय से लड़ रहे हैं। इसके साथ समाज के आम जनता की मदद के लिए भी प्रयासरत रहते हैं।
वहीं मरीज के परिजन ने बातचीत में कहा कि काफी प्रयास के बावजूद ओ निगेटिव ब्लड नहीं मिला, जिसके बाद सीआरपीएफ 74 वीं बटालियन के अधिकारी ने 36 किमी दूर होने के बाद भी रक्तदान करने आए। मैं औऱ मेरा परिवार उनको धन्यवाद व्यक्त करता हूं।