बलरामपुर
जय बुढ़ादेव आदिवासी किसान उत्पादन समिति ने पेश की है मिसाल
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलरामपुर, 23 जुलाई। विकासखण्ड वाड्रफनगर के बगईनार में 250 किसान पूर्ण रूप से जैविक खेती कर रहे हंै तथा खेती में कृषकों द्वारा किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। जय बुढ़ादेव आदिवासी किसान उत्पादन समिति से जुड़े इन किसानों ने जैविक खेती की अनुठी मिसाल पेश की है। कृषक यूरिया के स्थान पर जीवामृत तथा कीटनाशक के स्थान पर निमास्त्र व हांडीदवा का उपयोग कर रहे हैं।
समिति के अध्यक्ष व किसान रामकुमार ने उत्साह व आत्मविश्वास के साथ कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों व जैविक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। रामकुमार बताते हैं कि समिति के किसान जमीन के एक-एक इंच का बेहतर प्रबंधन व उपयोग करने के लिए प्रयासरत् है, जिससे समिति अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेगी।
उन्होंने आगे बताया कि कृषक बड़ी मात्रा में नीमास्त्र, जीवामृत आदि का उत्पादन घर पर ही करते है, जिसमें बहुत अधिक लागत भी नही है। समिति के किसान औषधीय गुणों से युक्त धान कि खेती तथा दलहन व धान के देशी किस्म के बीजों का संरक्षण भी कर रहे हंै।
रामकुमार ने बताया कि समिति आने वाले समय मे स्थानीय देशी किस्म के बीजों के संरक्षण के लिए बीज बैंक स्थापित करेगी।
कलेक्टर ने समिति के कार्यों की प्रशंसा की तथा कृषकों के आत्मविश्वास को सराहा। उन्होंने समिति के कृषकों के द्वारा किये जा रहे इन कार्यों से जिले के अन्य विकासखंडों के कृषकों को अवगत कराने की भी बात कही।