कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 23 जुलाई। विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम मुलमुला में आज नेशनल लाइव स्टॉक योजनांतर्गत 2 दिवसीय जिला स्तरीय पशु मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम के करकमलों से हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासन की सुराजी योजनाओं ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये संजीवनी का कार्य कर रही है। ‘नरवा योजना’ से जहां नदी नालों के सतही जल का संरक्षण कर उन्हें पुनर्जीवत किया गया है और भूमिगत जल का स्तर बढऩे से अब ये नदी नाले बारहमासी सदा नीरा हो गये हैं और कृषकों द्वारा दो से तीन फसल लिये जाने से उनकी आर्थिक सामाजिक स्थिति में अभूतपूर्व बदलाव आया है और ‘गरवा योजना’ के अंतर्गत पशुधन एवं उनके उत्पादों को संवर्धन कर ग्राम समृद्धि से जोड़ा गया है और इसी प्रकार ‘घुरवा’ के तहत् जैविक खाद के महत्व तथा ‘बाड़ी’ के तहत् साग-सब्जी के उत्पादन को भारी प्रोत्साहन मिला है और विश्वास है कि विकास की यह यात्रा अनवरत रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने अंचल के प्राकृतिक उत्पाद मुख्यतया ‘तिखूर कंद’ की प्रशंसा की। जिसके कारण अंचल को विशेष प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने जैविक खेती को सबल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जैविक खेती के चलन से आम जनमानस के स्वास्थ्य पर दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे।
‘गोधन न्याय योजना’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों पशुपालक इससे लाभांवित हुए हैं और अब गोठान बहुद्देशीय रोजगार के केन्द्र बन रहे हैं, जो अंतत: किसानों को आर्थिक रूप से और भी सशक्त बनाएगी। मौके पर अपने उद्बोधन के दौरान उन्होंने उपस्थित ‘पशु सखियों’ से उनके कार्य के संबंध में चर्चा भी की।
इसके पूर्व उप संचालक पशुधन विभाग डॉ. शिशिरकांत पाण्डे ने विभाग की योजनाओं एवं उपलब्धियों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी और गोठानों में चारा एवं पशु प्रबंधन पर जन भागीदारी का भी आह्वान किया ताकि जिले में पशु नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया जा सके।
इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गोठान की भूमिका का महत्व बताते हुए गोठानों में पशुधन को बढ़ावा देकर वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप जैसे उच्च गुणवत्तायुक्त खाद तैयार करने में महिला समूह के योगदान को सराहनीय बताया और कहा कि गोठान की समस्त सम्मिलित गतिविधियां महिलाओं के आय अर्जन के स्त्रोत के रूप में उभरी है।
कार्यक्रम के अंत में नोडल अधिकारी डॉ. नीता मिश्रा ने जिला स्तरीय पशु मेला की विस्तृत रूपरेखा को रेखांकित करते हुए उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। इसके साथ ही इस संगोष्ठी कार्यक्रम में डॉ. सुरेन्द्र नाग, डॉ. हितेश मिश्रा, डॉ. आरती, श्रीमती संध्या राय, डॉ. आरके मरकाम, डॉ. एआर ठाकुर द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान भी दिये गये। कार्यक्रम का संचालन मन्नूलाल चुरेन्द्र ने किया और मौके पर जनप्रतिनिधि तरूण गोलछा, बुधराम नेताम, भरत देवांगन, सरपंच मयाराम मरकाम उपस्थित रहे।