राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जुलाई। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को उनके घरों के आसपास खेलते-खेलते पढ़ाने के उद्देश्य से हर गांव प्रिंटरिच गांव मुहिम चलाया जा रहा है। इस योजना में शिक्षकों द्वारा गांव की गलियों और घरों में पढऩे-लिखने के विषय वस्तु का वॉल पेंटिंग किया जा रहा है, ताकि बच्चों को उनके आसपास खेलते-खेलते पढऩे की सुविधा मिल जाए। इसी कड़ी में खैरागढ़ के वनांचल गांव देवरी में भी प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण किया जा रहा है।
खैरागढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला देवरी के प्रभारी शिक्षक राजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि बच्चे अपने घर-परिवार एवं परिवेश से बहुत सी ज्ञान की बातें सीखते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते गांव की दीवारों पर हिन्दी वर्णमाला, अंग्रेजी के अल्फाबेट, गिनती, पहाड़ा, ज्यामितीय आकृति, सब्जी के नाम, फूलों के नाम, जानवरों के नाम, फलों के नाम, पक्षियों के नाम अंग्रेजी एवं हिन्दी में और सामान्य ज्ञान का वॉल पेंटिंग करवाया गया है। बीईओ महेश भुआर्य, बीआरसी भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई से जोडऩे की दिशा में यह एक सराहनीय प्रयास किया गया है। शाला के प्रधान पाठक रेशमलाल बेरवंशी, शिक्षक राजेश कुमार प्रजापति, मनीष यादव, सरस्वती वर्मा एवं शिक्षा सारथियों द्वारा मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है और ग्राम में बच्चों की सुलभ शिक्षा हेतु प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया है।
सरपंच केजराम साहू, उपसरपंच मानिक टंडन, शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष केवल साहू, ग्राम पंचायत सचिव नाजनीन नियाजी ने बताया कि गांव में प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से बच्चों को सीखने समझने के नए अवसर प्राप्त होंगे और बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी। संकुल समन्वयक चंद्रशेखर गुनी ने बताया की प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से माता-पिता और ग्रामीण भी अपने आपको पढ़ाई से जोडक़र बच्चों को सीखने-सिखाने में सहयोग कर पाएंगे और इसी तरह संकुल के अन्य सभी शालाओ में भी प्रिंटरिच वातावरण बनाने का प्रयास किया जाएगा।