राजनांदगांव
चौबीसों घंटे रेत भरी गाडिय़ां दौड़ रही, सडक़ बदहाल, आवाजाही मुश्किल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 24 जुलाई। यह तस्वीर छग- महाराष्ट्र सीमा से लगा नक्सल प्रभावित टाटेकसा से खैरी सडक़ की है। चौकी, चिल्हाटी, पाटन मुख्य मार्ग में यह सडक़ टाटेकसा ग्राम के कुछ फासले पर बांयी ओर ग्राम खैरी को जोड़ती है। तीन किमी की लंबाई वाले इस सडक़ का निर्माण तीन वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग द्वारा किया गया है। इस मार्ग में केवल पैदल यात्री, साइकिल व दुपहिया सवार ही चलते हैं। हल्के वाहन के नाम पर केवल ट्रैक्टर व माजदा ही चलती है। भारी वाहन तो इस मार्ग पर कभी चलती ही नहीं थी, पर इस सडक़ में स्थित खैरी नदी से रेत निकालने के लिए कुछ महीनों से इस रूट पर चौबीसों घंटे मेटाडोर दौड़ रही है। रेत चोरों ने इस रोड की इतनी दुर्दशा कर दी है कि अब इस मार्ग में सफर के लिए पैदल यात्रियों व दुपहिया सवारों को भी जान की बाजी लगानी पड़ रही है। ग्रामीण लंबे अरसे से रेत चोरों पर कार्रवाई एवं सडक़ की मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज प्रशासन तक नहीं पहुंच पा रही है। मार्ग का मरम्मत व रेत के अवैध खुदाई करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
ग्राम पंचायत टाटेकसा के सरपंच राकेश कुमार कोमरे, पंचायत सचिव श्याम कुमार यादव एवं खैरी के पटेल गणेश कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि टाटेकसा से खैरी के मध्य तीन वर्ष पूर्व वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग द्वारा सडक़ का निर्माण किया गया है।
सरपंच व सचिव की माने तो सडक़ निर्माण के समय वर्किंग एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य से जुड़ा कोई सूचना फलक नहीं लगाया था। इससे यह सडक़ का निर्माण कितनी लागत में हुई, यह इस गांव के ग्रामीणों के भी जानकारी में नहीं है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सडक़ का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया है। जिससे यह सडक़ सालभर में ही खराब हो गई है। पंचायत सचिव ने बताया कि एक वर्ष पूर्व सडक़ मरम्मत भी हुआ है, लेकिन यह फिर जैसे का तैसा हो गया है।
सरपंच व सचिव ने बताया कि सडक़ मरम्मत के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग को आवेदन किया है, लेकिन उस पर अब तक विभाग द्वारा ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। पंचायत पदाधिकारियों व ग्रामीणों का मानना है कि रेत चोरों व नदी से रेत का अवैध उत्खनन करने वाले इस मामले में अधिक दोषी हैं, क्योंकि उनकी वजह से सडक़ की हालत बद से बदतर हो गई है।
रेत के नाम पर अवैध उगाही
खैरी नदी से काफी अरसे से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। पिछले एक वर्ष से तो यहां पर अवैध उत्खनन 24 घंटे चल रहा है। यहां से कोरचाटोला, चिल्हाटी, आमाटोला, रंगकठेरा, बंजारी गंैदाटोला व चौकी के आसपास तक आ रही है। ग्रामीणों ने शुरूआत में अवैध उत्खनन रोकने के लिए मांग की, लेकिन जब इस पर अंकुश नहीं लगा तो उन्होंने भी रेत लेने आने वाली गाडिय़ों से अवैध वसूली शुरू कर दी। गांव में तो वसूली के लिए बकायदा बेरियर भी लगा दिया गया और 24 घंटे निगरानी के लिए यहां पर पालियों में दो-दो आदमी बिठा दिए गए। गांव के विकास के नाम पर यहां हर गाडिय़ों से तीन-तीन सौ रुपए वसूली भी की जा रही है। अब जब रोड़ की दुर्दशा हो गई और बरसात में इस मार्ग में लोगों का पैदल चलना मुशिकल हो गया तो अब ग्रामीण भी इसका विरोध के लिए सामने आ रहे हैं।
पंचायत सचिव श्याम कुमार यादव ने बताया कि खैरी में गांव समिति द्वारा नदी से रेत निकालने वाले गाडिय़ों से विकास के नाम पर शुल्क लिया जाता है। इसमें ग्राम पंचायत का कोई हाथ व संरक्षण नहीं है।
तहसीलदार एचएन खुंटे ने कहा कि ग्रामीणों से शिकायत मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना एवं संबंधित विभाग को सडक़ मरम्मत के लिए जानकारी दी गई है।