महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 जुलाई। शिव पूजा के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम और शुभ माना गया है। शिव भक्त सावन महीने का वर्ष भर इंतजार करते हैं। शिवालयों में तैयारी की जा रही है। सावन का महीना शिव को समर्पित है। आज आषाढ़ मास का अंतिम दिन है।
हिंदू कलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास को चौथा महीना माना गया है। सावन का महीना 25 जुलाई से आरंभ होगा। बरोंडा चौक स्थित दुर्गा मंदिर के पुजारी हेमंत द्धिवेदी कहते हैं कि भगवान शिव की विशेष पूजा का महीना सावन इस बार 29 दिन का होगा। कल 25 जुलाई से शुरू हो रहे हिंदी महीने में कृष्णपक्ष की द्वतीया और शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि का क्षय हो रहा है। लेकिन कृष्ण पक्ष में छठ तिथि दो दिन रहेगी। इससे कृष्ण पक्ष तो पूरे 15 दिन का होगा, लेकिन शुक्ल पक्ष 14 दिन का ही रहेगा।
पंडित जी के मुताबिक हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना सावन 22 अगस्त तक चलेगा। सावन का महीना रविवार को ही खत्म होगा। इस बार सावन में चार सोमवार और दो प्रदोष व्रत रहेंगे। इसके अलावा कई विशेष शुभ योग भी आएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है। पंडित का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले बार की भांति इस बार भी श्रद्धालु अपने-अपने घरों में रहकर व्रत रख सकते हैं और पूजा-पाठ भी कर सकते हैं।
मालूम हो कि शिव भक्त हर साल सावन में सोमवार को व्रत करते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। ऐसा योग कम ही पड़ता है। जातक जिनकी कुंडली में चंद्र नीच का है या पाल ग्रहों से युक्त है। इस योग से उन्हें भी लाभ होता है। इस बार सावन में दो बार श्रवण नक्षत्र पड़ रहा है और इन चारों सोमवारों में प्रत्यक्ष विधान पूजा से रोगों और पारिवारिक कलेश का नाश होता है। लेकिन तीसरी लहर के मद्देनजर इस साल भी कांवर यात्रा पर रोक है। जिला प्रशासन ने धार्मिक आयोजनों पर अभी भी प्रतिबंध बनाए रखा है।