बस्तर
जगदलपुर, 24 जुलाई। जनता कांग्रेस छतीसगढ़ जे के जगदलपुर विधानसभा अध्यक्ष व बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चाँद ने बयान जारी करते हुए कहा कि बस्तर में कोविड संक्रमण काल में जब कोविड नियमों के पालन पर राजनीतिक, सरकारी व अन्य जरूरी आयोजनों को अनुमति का प्रावधान राज्य सरकार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है। तो बस्तर के विभिन समाज के आस्था के केंद्र धार्मिक स्थलों को कोविड के फैलाव के नाम पर बन्द रखने का सरकारी फैसला कहां तक न्यायोचित है।
बस्तर के जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए, कि इन धार्मिक स्थलों में सेवा दे रहे धर्म गुरुओं व अन्य सेवार्थियों के परिवार का पालन पोषण धार्मिक स्थल की सेवा प्रारम्भ होने पर निर्भरता रखता है। ऐसे में लॉकडाउन व कोविड संक्रमण के फैलाव के बढऩे के संभावनाओं को देख इन्हें आज पर्यंत तक बंद रखा गया है। जबकि कोविड के आंकड़े निर्धारित छूट मापदंड के अन्तर्गत कम मात्रा में दर्ज हो रहे हैं। जिनके चलते राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा राजनीतिक ,सरकारी,व अन्य आयोजनों व अन्य प्रतिष्ठानों को खोलने व कार्य की अनुमति प्रदाय की जा रही है। तो मानवीय आस्था को ध्यान में रख, सभी समाज के धार्मिक स्थलों को भी कोविड नियमों के पालन के आदेश के साथ खोलने व कार्य गतिविधियों के संचालन की अनुमति राज्य सरकार को देनी चाहिए।
हमारी अपील है बस्तर के जनप्रतिनिधियों से कि वह सभी धर्म के धर्म गुरुओं को मासिक मानदेय दिलवाएं, जो अन्य प्रदेशों में लागू है। वह छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर में लागू करवाने की पहल राज्य के मुख्यमंत्री व केबिनेट के समकक्ष रखे। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे व बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा बस्तर में संविधान के धार्मिक स्वंत्रता के अधिकार के तहत बस्तर में सभी समाज के स्थापित धार्मिक स्थल को खोलने की अनुमति देने व धर्म गुरुओं को मासिक सरकारी मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपेगी।