राजनांदगांव

सावन के पहले सोमवार में होगी बोलबम की गूंज
25-Jul-2021 2:09 PM
सावन के पहले सोमवार में होगी बोलबम की गूंज

 

शिवालयों में तैयारी पूरी, जलाभिषेक के साथ होगी पूजा-अर्चना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जुलाई।
आषाढ़ की बिदाई के साथ ही सावन मास की शुरूआत हो गई है। रविवार से शुरू हुए सावन महीने के कल पहले सोमवार को बोलबम की गूंज शहर समेत जिलेभर में सुनाई देगी। वहीं शिवालयों में तैयारी पूरी कर ली गई है। जलाभिषेक के साथ भगवान शिव के भक्त पूजा-अर्चना करेंगे। आज से शुरू हुए सावन मास आगामी माह 22 अगस्त तक चलेगा। सावन मास में 5 रविवार और 4 सोमवार पड़ेंगे।

इधर शिवभक्त सावन मास के प्रथम सोमवार को मंदिरों व देवालयों में नदी का जल लेकर जलाभिषेक करने की तैयारी में है। कल सोमवार को भक्तगण स्थानीय शिवनाथ नदी से कांवर में जल लेकर मंदिरों और शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। साथ ही नदी से शिवालयों तक शिवभक्त बोलबम के जयघोष लगाएंगे। कल सावन मास के पहले सोमवार होने की वजह से मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ेगी और लोग शिवलिंग में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक समेत अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करेंगे। वहीं भक्तगण बोलबम और हर-हर महादेव के जयघोष करेंगे।

इधर रविवार को सावन मास प्रारंभ होने के साथ ही मंदिर और देवालयों के प्रभारियों द्वारा भी भक्तों की भीड़ उमडऩे की आशंका को उनकी तैयारियां भी अंतिम चरण में है। इसी के साथ ही सावन महीने में हर दिन विविध धार्मिक आयोजन भी होंगे। घरों में जहां भगवान भोलेनाथ की पौराणिक गाथाओं से प्रवचन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

जिलेभर के मंदिरों में भी भक्ति पर आधारित ज्ञानवर्धक विचार पुजारियों द्वारा दिए जाएंगे। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगने की उम्मीद के आधार पर तैयारी शुरू कर दी गई है। साल दर साल भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए युवतियों के साथ युवकों में भी रूचि बढ़ी है। सावन महीने को भक्ति की लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए यह महीना सबसे पवित्र होता है, इसलिए माहभर घरों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थलों में भगवान शिव की स्तुतिगान होती रहती है।

सावन महीने को तप और उपवास के लिए भी जाना जाता है। खासतौर पर युवतियां और महिलाएं कठिन व्रत रखकर परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं। मंदिरों में सुबह और शाम महिला और युवतियों की तादाद ज्यादा होती है। उधर उपवास रखने के साथ महिलाएं भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से धार्मिक व्याख्यानों को सुनने मंदिरों में जुटती है। सावन महीने में हुए धार्मिक घटनाक्रमों को सुनने के साथ महिलाएं आपस में भक्ति में लीन होती है। महिला और युवतियों की वजह से भक्तिमय वातावरण अलग अंदाज में दिखाई देता है। सावन मास आज से शुरू होने के साथ ही देवालयों व मंदिर समिति व भक्तों की तैयारियां अंतिम चरण में है। इसके साथ ही मंदिरों के सामने दुकान लगाने वाले लोग भी सावन मास को लेकर दुकान लगाने की तैयारियों में है।

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