दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 25 जुलाई। जिले में जून माह की स्थिति में सीमांकन के 683 प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं हो पाया है। सीमांकन के जिले में कुल 851 प्रकरण लंबित है। इनमें 168 समय सीमा के भीतर का है शेष प्रकरणों का समय सीमा के भीतर निराकरण नहीं किया जा सका है। समय सीमा के बाहर के प्रकरणों में सर्वाधिक दुर्ग विकासखंड में 466 प्रकरण लंबित है।
जानकारी के अनुसार सीमांकन के प्रकरणों का 15 दिनों के अंदर निराकरण किया जाना है, मगर जिले में अनेक प्रकरण 1 से 2 वर्ष तक लंबित है जानकारी के अनुसार जिले में सीमांकन के कुल 3220 प्रकरण लंबित है इनमें से 2369 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। वही समय सीमा के बाहर जिन प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। इनमें 649 प्रकरण 1 वर्ष की अवधि के अंदर के हैं 34 प्रकरणों का 1 से 2 वर्ष की अवधि के बीच भी निराकरण नहीं हो पाया है। सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण नहीं होने से विवादित जमीन में खेती करने को लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है। इसी तरह के अनेक प्रकार की दिक्कतों का सामना भूमि स्वामी को करना पड़ता है। सीमांकन के दुर्ग विकासखंड में सर्वाधिक 1964 प्रकरण दर्ज है।
इनमें से 1468 का निराकरण हो चुका है। विकासखंड में लंबित पूरे 496 प्रकरण समय सीमा के बाहर के हैं इनमें 466 प्रकरण 1 वर्ष तक की अवधि का है। वही 30 ऐसे प्रकरण है, जिनका 1 से 2 वर्ष के बीच भी निराकरण नहीं हो पाया है। इसी प्रकार धमधा विकासखंड में सीमांकन के कूल 599 प्रकरण दर्ज है। इनमें 414 का निराकरण हो चुका है। वही 185 प्रकरण लंबित है लंबी प्रकरणों में 168 समय सीमा के भीतर 14 1 वर्ष तक का एवं तीन प्रकरण 1 से 2 वर्ष के बीच की है इसी प्रकार पाटन विकासखंड में कुल 657 सीमांकन के प्रकरण दर्ज हैं। इनमें से 487 का निराकरण हो चुका है यहां कुल 174 प्रकरण लंबित है। इनमें से 169 प्रकरण 1 वर्ष तक की अवधि का है, जिसका समय सीमा पर निराकरण नहीं हो पाया है ।वही एक प्रकरण ऐसा है जिसका 1 वर्ष से अधिक समय बाद भी निराकरण नहीं हो सका है।