बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 25 जुलाई। रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के नाम पर ट्रैक्टर मालिकों से एसडीएम द्वारा किए जा रहे अवैध वसूली से परेशान मालिकों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया और जिला कलेक्टर के नाम एसडीएम के अवैध वसूली की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है ।
आरोप है कि ग्रीष्म काल में बोर उत्खनन करवा रहे लोगों से कोरोना लॉक डाऊन के उल्लंघन का हवाला देते हुए बोर करने वाले मशीनों को जप्त किया गया था बाद में लेनदेन कर उसे छोड़ दिया गया। इसी तरह रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर रहे लवन क्षेत्र के 10 ट्रेक्टर ट्रॉली को तहसीलदार एवं राजस्व विभाग की टीम ने पकड़ा था बाद में दो दिन बाद रात के समय एसडीएम ने उक्त ट्रैक्टरों को बिना किसी कार्यवाही के छोड़ दिया गया । इस बाबत जब एस डी एम से ‘ छत्तीसगढ़’ प्रतिनिधि ने चर्चा की तो एस डी एम ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैंने ट्रैक्टरों को बिना कार्यवाही के छोड़ा है जिसको जहाँ भी शिकायत करना है कर सकते हैं ।
ट्रैक्टर मालिकों का आरोप है कि एस डी एम द्वारा ट्रैक्टरों को रोककर सीधे 10 से 15 हजार रुपए की मांग की जाती थी और रूपए नहीं देने पर एक महीने के लिए गाड़ी थाने में खड़ी करवा देने की धमकी दी जाती थी । एक महीने गाड़ी खड़ी होने एवं खनिज विभाग में भारी भरकम जुर्माना से बचने ट्रेक्टर मालिकों द्वारा मुंहमांगी रकम एस डी एम को दे दिया जाता था । एस डी एम के अवैध वसूली से परेशान ट्रेक्टर मालिकों ने एक मत होकर 23जुलाई शुक्रवार को सुबह करीब 11 : 30 बजे ट्रेक्टर एवं मजदूरों को लेकर अचानक एस डी एम कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी करने लगे । एस डी एम की अनुपस्थिति में तहसीलदार श्यामा पटेल ने ट्रेक्टर मालिकों के ज्ञापन लिया और उनकी बात जिला कलेक्टर के पास प्रेषित किए जाने का आश्वासन दिया है ।
ट्रेक्टर मालिकों ने जिला कलेक्टर एवं मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए बताया कि एस डी एम द्वारा खुलेआम रुपए की मांग की जा रही है । जून माह में ट्रेक्टर मालिक आशीष दुबे से 7500 रुपये , सुनील यादव से 5000 रुपये , मधु यादव से 13000 रुपये , नंदू धीवर से 8000 रुपए , रामचंद्र घृतलहरे से 12500 रुपये , मनोज यादव 8000 रुपये , मनी राम पटेल से 8000 रुपये इसी तरह एक सौ से भी अधिक ट्रेक्टर मालिकों से 10 से 15 हजार रुपये अवैध वसूली किए जाने का ट्रेक्टर मालिकों ने आरोप लगाया है । रामा धीवर से भी 15 000 रुपये की मांग की जा रही थी और देने में असमर्थता व्यक्त किए जाने पर उसके ट्रेक्टर के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।