कोण्डागांव

पशु मेले में पशु प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया शुभारंभ
26-Jul-2021 9:11 PM
    पशु मेले में पशु प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया शुभारंभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 26 जुलाई। नेशनल लाईव स्टॉक मिशन योजनान्तर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय पशु मेले में आयोजित होने वाली पशु प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का शुभारम्भ जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम द्वारा किया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने पशु प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जिले के पशुधन के स्तर के विकास हेतु किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष ने गौठानों में पशुओं की आवक को प्रेरित करते हुए पशुओं का गोठानों में ही इलाज, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान करने हेतु विभाग को सलाह देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा  किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन से जोडक़र उनकी आय में वृद्धि के साथ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जिले के आदिवासी अंचलों में गाय, बकरी, सूकर एवं मुर्गी पालन के अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध है. ग्रामीण जन खेती के साथ देशी मुर्गी, बकरी, सूकर आदि को बेचकर 04 से 05 हजार रूपये तक प्रति माह अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।

इस प्रदर्शनी प्रतियोगिता के 07 प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए जिले के कोने-कोने से आये 74 पशुपालकों हिस्सा लिया। जहां पशुपालको द्वारा उन्नत पशुओं की प्रदर्शनी लगाई। इस प्रदर्शनी में गिर नस्ल की गाय का वर्चस्व रहा। साहिवाल, थारपारकर, मुर्रा भैंस की शुद्धता को अन्य पशुपालकों एवं ग्रामीणों ने पहली बार देखा। बकरे, भेड़ एवं बस्तर की पहचान असील मुर्गा ने प्रदर्शनी में लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

कार्यक्रम में अजोला उत्पादन, धान के पैरे के यूरिया उपचार व साइलेज बनाने की विधि का प्रदर्शन भी किया गया। पशुधन विभाग के द्वारा बनाया गया गौठान का मॉडल भी आकर्षण का केन्द्र रहा।

इस दौरान उपाध्यक्ष जिला पंचायत भगवती पटेल ने कहा कि असमय वर्षा व मौसम की मार से कृषक हमेशा पीडि़त रहा है। पशुपालन से किसानों को आर्थिक स्थिरता प्राप्त होगी।

इस प्रदर्शनी जैसे प्रयासों के माध्यम से अच्छे नस्लों के पालन हेतु कृषकों को प्रेरित करना आवश्यक है साथ ही कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना चाहिए।

इस अवसर पर उप संचालक, पशुधन विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं एवं गतिविधियों के संबंध में किसानों को जानकारी देते हुए जल्द ही जिले में चारा बैंक स्थापित करने के बारे में बताया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से आये वैज्ञानिक डॉ. संतोष झा ने गोठानों में चारा विकास हेतु उन्नत किस्म के चारा बीज की उपलब्धता कराने हेतु चयनित गोठानों में उन्नत किस्म के नेपियर, सुपर नेपियर, सीओएस, सुडान, ज्वार एवं मक्का चारा बीज का वितरण कर जिले में चारागाह विकास योजना का शुभारंभ किया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश द्वारा इस अवसर पर जिन चयनित किसानों को मछली के बीज का वितरण एवं बत्तख वितरण किया गया ताकि जिले में समन्वित कृषि का मॉडल विकसित किया जा सके। इस कार्यक्रम में पशु चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान हर वर्ग में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी कृषकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम सरपंच मयाराम मरकाम एवं मनीशंकर देवंागन, नवीन कोटडिय़ा, बिन्दु शर्मा जैसे जनप्रतिनिधियों सहित विभाग की ओर से नोडल अधिकारी डॉ. नीता मिश्रा एवं समस्त वरिष्ठ एवं कनिष्ठ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, समस्त पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी सम्मिलित हुए।

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