रायपुर

साइनस के ट्यूमर का बिना चीरे के दूरबीन पद्धति से सफल ऑपरेशन
27-Jul-2021 6:10 PM
साइनस के ट्यूमर का बिना चीरे के दूरबीन पद्धति से सफल ऑपरेशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 जुलाई।
पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय-डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नाक कान गला (ईएनटी) रोग विभाग के डॉक्टरों द्वारा साइनस में होने वाले इनवर्टेड पेपिलोमा नामक बिनाइन ट्यूमर को बिना चीरे के दूरबीन पद्धति से निकालकर 75 वर्षीय मरीज के विकृत हो चुके चेहरे को ठीक किया एवं बुजुर्ग के आंखों की रोशनी जाने से बचाया।

  ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा के मार्गदर्शन में ईएनटी की डॉ. मान्या ठाकुर राय एवं टीम द्वारा ट्यूमर को विस्तृत फंक्शनल एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी तथा ड्राफ एवं एंडोस्कोपिक मीडियल मेजिलेक्टॉमी  विधि से बिना चीरे के दूरबीन पद्धति से सफलतापूर्वक निकाला गया। ऑपरेशन के दौरान दिमाग से संबंधित किसी प्रकार की कोई जटिलताएं न आये इसके लिये न्यूरो सर्जन डॉक्टर देबाब्रत साहना एवं टीम को साथ में लेकर ईएनटी के डॉक्टरों ने दूरबीन पद्धति से ट्यूमर को निकाला।

साइनस में होने वाले इनवर्टेड पैपिलोमा ट्यूमर के कारण 75 वर्षीय मरीज को पिछले 2 साल से सांस लेने में समस्या, 6 महीने से लगातार सिरदर्द एवं 15 दिनों से आंखों में धुंधलापन की शुरुआत हो गई थी। डोंगरगढ़ निवासी इस मरीज ने कई जगह अपना उपचार कराया। अंतत: अम्बेडकर अस्पताल में मरीज की बीमारी का सही उपचार मिला।

डॉ. मान्या ठाकुर के मुताबिक यह केस विशेष इसलिए है क्योंकि इस केस में सामान्यत: फ्रंटल साइनस से संपूर्ण बीमारी को हटाने के लिए कंबाइंड अप्रोच की आवश्यकता होती है, परंतु इस केस में बिना चेहरे में चीरा दिए ट्यूमर को निकाला गया। दूसरा यह बहुत दुर्लभ होता है कि इनवर्टेड पेपिलोमा पूरे दिमाग की निचली सतह एवं आंखों के सॉकेट (नेत्र कोटर अथवा नेत्र गुहा) में एक साथ जाए। ऐसे केस बहुत कम देखने को मिले हैं। अगर प्रकाशनों(पब्लिकेशन) की समीक्षा की जाए तो आंखों के सॉकेट तक जाने वाले अब तक 9 केस दर्ज हुए है एवं दिमाग की सतह तक पहुंचने वाला लगभग 19 केस दर्ज हुए हैं ।

डॉ. मान्या ठाकुर के अनुसार, इनवर्टेड पैपिलोमा एक बिनाइन ट्यूमर है जो कि कैंसर की तरह आसपास के सामान्य रचना को ध्वस्त कर देता है एवं बार-बार होता है। यह सामान्यत: मैक्सिलरी साइनस में पाया जाता है लेकिन इस केस में यह पूरा स्कल बेस यानी ब्रेन के नीचे तक फैला हुआ था एवं आंखों के सॉकेट में दबाव बना रहा था। सामान्यत: इसे दूरबीन पद्धति एवं चीरे दोनों की सहायता से निकाला जाता है। 

बुजुर्ग मरीज जब ओपीडी में आया तब सीटी स्कैन एवं बायोप्सी जांच में एक विशाल साइनोनासल इनवर्टेड पैपिलोमा की पुष्टि हुई जो पूरी नाक, पैरानासल साइनस, ऑर्बिट एवं दिमाग की निचली सतह तक फैला हुआ था। इतना विस्तृत एवं आकार में बड़ा होने के बावजूद बिना बाहरी चीरे के पूरी तरह से एंडोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर को हटाया गया।

इसमें कोई बाहरी चीरा की आवश्यकता नहीं पड़ी और ओपन सर्जरी की तुलना में रिकवरी जल्दी हो गई। ऑपरेशन के तुरंत बाद ही मरीज को दिखाई ना देने की समस्या सिर दर्द एवं सांस लेने की समस्या से निजात मिल गया। डॉक्टर मान्या ठाकुर के अनुसार, इनवर्टेड पेपिलोमा जो कि ऑर्बिट एवं दिमाग के निचली सतह तक पाए गए हैं वह पूरी दुनिया में 19 केस ही रिपोर्ट हुए हैं।

 

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