रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 जुलाई। नगर निगम का दूसरे दिन की सामान्य सभा की बैठक में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच गोल बाजार के पुनर्निर्माण को लेकर गहमागहमी का दौर चलता रहा। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के पार्षद मृत्युुंजय दुबे ने सदन के सामने सवाल रखते हुए रायपुर केे ऐतिहासिक धरोहर गोलबाजार के पुनर्निर्माण प्रस्ताव को लेकर दुकानदारों के मालिकाना हक और ओपन टेंडर को लेकर सवाल उठाया। जिस पर विपक्ष के पार्षदों ने सदन में सहमति जताई। पिछले दो वर्षों में गोलबाजार के दुकानों के किरायानामा और अवैध रूप से संचालित कर रहे दुकानदारों की जानकारी मांगी।
सदन में बताया गया कि रायपुर के गोलबाजार एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में है। जहां लोग कई पीडिय़ों से वहां दुकानें चला रहे हैं। आज वहां कि दुकान की व्यवस्था और यातायात की समस्या को देखते हुए लगभग 4 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने गोलबाजार का प्रस्ताव रखा गया। जहां पर कई वर्षों से चला रहे दुकानदारों को उनके मालिकाना हक देने एवं यातायात की समस्या को देखते हुए निर्णय लिया गया।
पूर्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने यह घोषणा की थी कि शासकीय नजूल जमीनों को कलेक्टर दर पर निगम को अबंटित किया जाएगा। जिससे कई वर्षों से चला रहे दुकानदारों को उनका मालिकाना हक दिया जा सके। सदन में आगे भी पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल जवाब का सिलसिला जारी रहा।