बस्तर
जगदलपुर, 27 जुलाई। कभी बस्तर जिले को लोग शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा मानते थे, किन्तु आज परिस्थिति पूरी तरह बदली हुई है। जिला कलेक्टर रजत बंसल के मार्गदर्शन में कोरोना के दौरान बन्द पड़ी शालाओं में हम बच्चों को कैसे पढ़ाई से जोड़ सकें, इसको लेकर नित नए नवाचारी कार्यों के साथ बस्तर जिले में पढ़ाई का जो माहौल तैयार हुआ। वह आज भी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
आमचो बस्तर रेडियो लाउडस्पीकर से पढ़ाई हो या मोटरसाइकिल गुरुजी,मिस कॉल गुरुजी इन नवाचारी कार्यों को लेकर बस्तर जिले में शिक्षा का माहौल बना रहा जो आज भी देखने को मिलता है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनहित में शासन के निर्देश पर प्रशासन द्वारा समय-समय पर लॉकडाउन लगाया जाता रहा है। लॉकडाउन की अवधि समाप्ति उपरांत मोहल्ला क्लासों में केवल कुछ ही बच्चे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। ऐसी स्थिति को देखते हुए बस्तर जिले के विकासखण्ड-तोकापाल की शिक्षिका नीलम शोरी एवं वालिंटियर मनीषा मौर्य के द्वारा आर्गमेंटेड रियालिटी तकनीकी का प्रयोग मोहल्ला क्लास में किया, आर्गमेंटेड रियालिटी क्लास में ऐसा फोटो वीडियो जिसमें ऑब्जेक्ट उपलब्ध ना होने पर उसे आभासी तौर पर दिखाया जा सके। नीलम ने शाला की शिक्षिका कल्पना वैध एवं वालेंटियर मनीषा मौर्य को इस तकनीकी से अवगत कराया, इस नवाचारी से मोहल्ला क्लास में जहां दस बच्चे आते थे, वहीं आज चालीस से ज्यादा बच्चे आते हैं।
नीलम कहती हैं कि इस तकनीकी के माध्यम से बच्चों को प्रभावी शिक्षा उपलब्ध कराते हुए हम बेहतर तरीके से बच्चों को सीखने में मदद कर सकते हैं। वालिंटियर मनीषा मौर्य भी इस तकनीक से काफी प्रभावित हुई । उनका कहना है कि आज विषम परिस्थिति में भी बच्चे शतप्रतिशत मोहल्ला क्लास में आकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो कि इसकी सफलता को बयां करती है।
खण्ड़ स्रोत समन्वयक अजय शर्मा जहाँ इन नवाचारी कार्यों को लेकर मार्गदर्शन सहित निरन्तर संपर्क कर कार्य को गति प्रदान करने में लगे रहते हैं। जिला कलेक्टर रजत बंसल ने इस नवाचारी कार्य को लेकर शिक्षिकाओ सहित वालिंटियर की प्रसंशा करते हुए कहा कि बस्तर में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का कार्य प्रशंसनीय है।