दुर्ग

आज भी प्रासंगिक है कबीर की वाणी
27-Jul-2021 9:29 PM
आज भी प्रासंगिक है  कबीर की वाणी

दुर्ग, 27 जुलाई। गुरु पूर्णिमा पर वीआईपी नगर रिसाली भिलाई में महंत अंत राम द्वारा लिखित नाटक पुस्तक सदगुरु कबीर चारितावली पर समीक्षा संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता डॉ. दीनदयाल साहू पत्रकार व साहित्यकार, राम सेवक समाजसेवी, भरत दास मानिकपुरी, तेजराम सक्य, चतुर साहू, राम गुलाल साहू, संत राम साहू और मुकुंद दास मानिकपुरी ने अपने-अपने विचार रखे। 

लेखक ने इस पुस्तक प्रकाशन से संबंधित अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने पुस्तक पर सारगर्भित अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के दौर में भी कबीर जी के दोहे व उनकी वाणी प्रासंगिक है। साथ ही इस पुस्तक के अंशों को लोक नाट्य के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने की बात कही। इसके साथ ही कबीर के दोहों का आज समाज में प्रभाव पर चिंतन किया गया। इसके बाद भजन मंडलियों द्वारा कबीर जी के भजनों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन सी आर साहू ने किया।
 

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