राजनांदगांव

सावन की झड़ी से शिवनाथ की धार तेज
28-Jul-2021 12:12 PM
सावन की झड़ी से शिवनाथ की धार तेज

आषाढ़ में सुस्त मानसून झड़ी लेकर लौटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जुलाई।
आषाढ़ माह में सुस्त रहा मानसून झड़ी लेकर लौट आया है। जिले में पिछले 24 घंटे से रिमझिम फुहार के साथ मानसून सक्रिय हो गया है। मानपुर-मोहला इलाके में शहरी इलाकों की तुलना में अच्छी बारिश हो रही है। पठारी इलाकों में बादलों के मेहरबानी से खाली पड़े बांध-बैराज भरने लगे हैं।  मोंगरा बैराज में 71 फीसदी बारिश का पानी भरते ही शिवनाथ की रफ्तार तेज होने लगी है। हालांकि अभी भी गुजरे साल की तुलना में कई बांधों की स्थिति अब भी कमजोर है। बांध-बैराजों को भरने में कुछ दिन और लग सकते हैं।

इधर मानसूनी बारिश से छलकने की दिशा में बढ़ रहे मोंगरा के पानी से शिवनाथ की धार बढ़ते ही राजनांदगांव मोहारा एनीकट लबालब हो गया है। बताया जा रहा है कि मोंगरा जलाशय की स्थिति अन्य बांधों की तुलना में सबसे बेहतर है। मोंगरा में कैचमेंट एरिया से अच्छी पानी की आवक हुई है। बताया जा रहा है कि बैराज का जलस्तर बढ़ते ही एक हजार क्यूसेक पानी पिछले दो दिनों से छोड़ा जा रहा है। इससे पहले भी बैराज से पानी छोड़ा गया। इसी तरह सूखानाला में 28 फीसदी, घुमरिया में 49 और खातूटोला में 17 प्रतिशत पानी का भराव हुआ है।

बताया जा रहा है कि खातूटोला की स्थिति सबसे कमजोर है। झड़ी लगने से बांध-बैराज को सूखे से उबरने में मदद मिलेगी। इस बीच शिवनाथ नदी भी धीरे-धीरे उफान की ओर बढ़ रही है। मोंगरा से छोड़े पानी के चलते मोहारा एनीकट का पुराना पुल खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। पुराना पुल डूबने  से महज 3 फीट के करीब है। बताया जा रहा है कि शिवनाथ में पानी भरते ही तटीय इलाकों में हाईअलर्ट किया गया है।

बताया जा  रहा है कि मानसूनी बादल फिलहाल रिमझिम फुहार के साथ बरसते रहेंगे। अगले  24 घंटे में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है।  इस बीच खेती के लिए रिमझिम बारिश को बेहद अनुकूल माना जा रहा है। वहीं तापमान के लिहाज से बारिश फायदेमंद साबित होगी। गुजरे आषाढ़ के महीने में बादलों की दगाबाजी से किसान परेशान रहे। आषाढ़ के महीने में ही खंड वर्षा जैसी स्थिति बन गई थी। जिसके चलते किसानों के मन में अकाल की आशंका घर कर गई थी।

बताया जा रहा है कि झड़ी लगने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। फसलों को झड़ी से सम्हलने का मौका मिलेगा। जमीन में पर्याप्त पानी होने की स्थिति में फसलों के लहलहाने की पूरी संभावना है। इस बीच मानसून ने लौटकर झड़ी का रूप अख्तियार कर लिया है। झड़ी से जनजीवन पर असर पड़ा है। रोजमर्रा के कामकाज से जुड़े लोगों को घर से निकलने में दिक्कतें हुई। हालांकि तापमान में गिरावट आते ही ठंडी हवाओं से लोगों को उमस से छुटकारा मिला। बहरहाल पिछले दो दिनों से जारी बारिश ने सावन के महीने में मेहरबानी दिखाई। ऐसे में पूरे सावन के महीने में बेहतर बारिश होने की उम्मीदें बंधी हुई है।


बांध-बैराजों की स्थिति
क्र. जलाशय के नाम    क्षमता    भराव
1    मोंगरा जलाशय     32 मि.घन मी.     71 प्रति.
2    सूखा नाला बैराज     11 मि.घन मी.     28 प्रति.
3    खातूटोला     3.75 मि.घन मी.    17 प्रति.
4    घुमरिया जलाशय    2.72 मि.घन मी.    49 प्रति.
5    पिपरिया जलाशय     40.56 मि.घन मी.    75 प्रति.
6    रूसे जलाशय    9.18 मि.घन मी.    51 प्रति.
7    ढ़ारा जलाशय    5.08 मि.घन मी.    39 प्रति.
8    मटियामोती जलाशय 36.48 मि.घन मी.    9 प्रति.
9    मडियान जलाशय    11.59 मि.घन मी.    43 प्रति.

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