धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 28 जुलाई। विधायक रंजना डीपेंद्र साहू द्वारा विधानसभा मानसून सत्र के प्रथम दिवस सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से धमतरी पीएचई विभाग द्वारा रनिंग वाटर योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में पानी व्यवस्था के लिए कराए गए कार्यों के सम्बंध में एवं वर्षा काल में प्रतिबंधित अवधि पर महानदी में हो रहे अवैध उत्खनन का मुद्दा उठाया।
धमतरी पीएचई विभाग में रनिंग वाटर योजना के तहत कराए गए पूर्ण कार्यों का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा ?
जिस पर विभागीय मंत्री रूद्रकुमार द्वारा जवाब में कहा कि 2019-20 में 515 रनिंग वाटर स्कीम के कार्य की राशि रुपए 1134.19 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 257 कार्य पूर्ण एवं 258 कार्य अपूर्ण (अप्रारंभ) बताया गया, जिसमें पूर्ण कार्यों के भुगतान की राशि 184.85 लाख एवं 254.48 लाख का भुगतान राशि बकाया है,भुगतान की निश्चित समयावधि बताना सम्भव नहीं, कारण विभागीय राज्यमद में पर्याप्त राशि नही होना है।
रेत के निर्धारित भंडारण व क्षेत्र से अधिक रेत का भण्डारण कर शासन प्रशासन को इस कारोबार से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उत्तर देते हुए कहा गया सम्बंधित लोग नुकसान पहुंचा रहें हैं ?
जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जवाब देते हुए कहा कि रायपुर संभाग में सस्टेनेबल सैड माइनिंग मैनेजमेंट की गाइड लाइन (केन्द्रं सरकार)के अनुसार 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी में रेत खनन पर लगाया प्रतिबंध का पालन किया जा रहा हैं तथा जांच समिति बनाकर औचक निरीक्षण पश्चात जांच करते हुए अवैध उत्खनन जहां भी पाया जाता है वहां कार्रवाई की जा रही है तथा आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे बताया कि रायपुर संभाग में 15 जून की स्थिति मे 114 चिन्हाअंकित जगह पर भंडारण की अनुमति दी गई है जिसका क्षेत्र एवं मात्रा भी निर्धारित की गई है, जिसमें से चार लोगों ने भंडारण नहीं किया है उन्होंने आगे बताया कि अवैध भंडारण के 4 प्रकरण बनाए गए हैं जिसमें 43,000 रुपए का अर्थदंड आरोपित किया गया है।
उसके पश्चात विधायक ने महिमा सागर वार्ड धमतरी के प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बहुमंजिला आवास निर्माण को विभागीय मंत्री के समक्ष रखते हैं हुए आवास निर्माण, अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान एवं नजूल भूमि सक्षम अधिकारी से आबंटन कराए जाने की शर्तों की जानकारी एवं स्थल सत्यापन की जानकारी मांगी।
जिसमें विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा आबंटन कराए जाने की निहित शर्तों थी, परंतु सत्यापन का प्रस्ताव नहीं होना बताया।