सरगुजा
बृहस्पति के पीएसओ वाहन पर हमले का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 29 जुलाई। रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के सुरक्षाकर्मियों के वाहन पर हमले के मामले में लुंड्रा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंह सहित तीनों को कल जमानत मिल गई है।
जमानत पर बाहर आने के बाद वीरभद्र उर्फ सचिन सिंहदेव ने कहा कि आज न्याय दिवस है और मुझे भी न्याय मिला है। यह एक सोची समझी साजिश थी, जिसमें मुझे फंसाया गया था। मैं भी कांग्रेस पार्टी का एक पदाधिकारी व कार्यकर्ता हूं और अपनी बातों को पार्टी के सामने रखूंगा और उसके बाद ही बाकी बातें मैं सभी के साथ साझा करूंगा।
गौरतलब है कि रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के विधायक दल की बैठक में रायपुर जाने से पहले अम्बिकापुर के बंगाली चौक पर फॉलो गार्ड की गाड़ी पर हमला किए जाने का आरोप लगा था। इस घटना के दौरान विधायक सर्किट हाउस में मौजूद थे, जबकि काफिले में सिर्फ पीएसओ, सुरक्षाकर्मी व कैमरामैन थे। इस मामले में पुलिस ने वीरभद्र सिंह, धन्नू उरांव व सोनू उर्फ संदीप रजक को विभिन्न धाराओं के साथ ही एसटी-एससी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
यह मामला बड़ा तूल तब पकड़ा, जब विधायक ने इस घटना को सीधे खुद से जोड़ते हुए मंत्री टीएस सिंहदेव पर अपनी हत्या कराने का आरोप लगा दिया था। इस मामले को लेकर दो दिनों तक छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा, सदन ठप रहा, विपक्ष ने भी जमकर हंगामा किया। मंत्री सिंहदेव के सदन से जाने के बाद बुधवार को विधायक ने सदन में मामले में माफी मांग ली और शासन ने मंत्री को क्लीन चिट दी तो दूसरी तरफ बुधवार को ही इस पूरे मामले में विधायक के फॉलो गार्ड की गाड़ी पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए सचिन बाबा उर्फ वीरभद्र सिंह व उनके साथियों को जमानत मिल गई।
जमानत पर बाहर आते ही समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने फूल माला व आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को एक साजिश करार दिया है।