महासमुन्द
एक करोड़ 85 लाख सरकारी खजाने में जमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 जुलाई। महासमुन्द जिले में 7500 वर्ग फीट तक योजनांतर्गत महासमुन्द नगरीय क्षेत्र सहित बागबाहरा, पिथौरा और सरायपाली के 19 अतिक्रामक का व्यवस्थापन कर उन्हें भू मालिकाना हक प्रदान किया गया। इसके एवज में इन सभी 19 लोगों से एक करोड़ 84 लाख 90 हजार रुपए की निर्धारित राशि लेकर सरकारी खजानें में जमा की गयी।
ऐसे व्यक्ति जो 20 अगस्त 2017 के पूर्व के अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन अतिक्रामक व्यक्ति द्वारा भूमिस्वामी हक में भूमि चाहता वे अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व या तहसीलदार से सम्पर्क कर नियमानुसार उक्त भूमि का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हंै। जिला स्तरीय पर गठित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन समिति के अनुसंशा के अनुसार जिले के नगरीय क्षेत्र 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित भूमि पर इस के तहत् नियमानुसार भू-स्वामी हक ले सकते हंै।
राजस्व से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना में महासमुंद नगरीय क्षेत्र में 8 भूमि अतिक्रमण, नगरीय क्षेत्र बागबाहरा अंतर्गत 6 भूमि अतिक्रमण, नगरीय क्षेत्र सरायपाली अंतर्गत 4 एवं नगरीय क्षेत्र पिथौरा अंतर्गत 1 भूमि अतिक्रमण इस प्रकार कुल 19 अतिक्रामक का व्यवस्थापन कर उन्हें भू मालिकाना हक दिया गया है। इसके एवज में जिससे एक करोड़ 84 लाख 90 हजार रुपए शासन के कोष में जमा हुए हैं।
मालूूम हो कि राज्य शासन के गाईड लाईन के अनुसार केवल थोड़ा सा शुल्क चुकाकर नागरिक अपने पट्टों पर भूमि स्वामी अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। यदि कोई अतिक्रामक है तो वो भी इसके लिए तय की गई नियत राशि चुकाकर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते हैं। भूमि स्वामी हक प्राप्त करने से संपत्ति के विक्रय में, बैंक लोन में, बंटवारा करने तथा अन्य तरह की सभी दिक्कत दूर हो जाएगी। इस तरह के अवसर नागरिकों के समक्ष बहुत कम ही मिलते हैं जिन्हें उन्हें खोना नहीं चाहिए। जिले के अनेक नागरिकों ने इसके लिए आवेदन किए हैं और उन्हें भूमि स्वामी अधिकार प्रदान किए जा रहें हैं।
इन प्रकरणों पर शीघ्रता से कार्रवाई की जा रही है। यह भूमि स्वामी हक प्राप्त करने के लिए यह अच्छा अवसर है इस अवसर का लाभ नागरिकों को उठाना चाहिए। राजस्व अधिकारियों द्वारा भी जिन लोगों ने भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन लगाए हैं उनके मामले तय समय में निराकृत किए जा रहे हैं।