छत्तीसगढ़ » गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में लगातार विदेशी सैलानी पहुंच रहे है। गुरूवार को जर्मनी से पहुंचे पर्यटक दल राजिम कुंभ की भव्यता एवं मेले का विस्तार को देखकर अत्यंत प्रसन्न हो गए। वे जैसे ही राजीवलोचन मंदिर पहुंचे मंदिरों में उत्कीर्ण कलाकृतियों ने खासा प्रभावित किया। त्रिवेणी संगम बीच स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर को देखकर अभिभूत हो गए। विदेशी पर्यटकों ने पूरे मेला क्षेत्र का पैदल चलकर भ्रमण किया।
मीडिया से बात करते हुए रेजिना मारिया, स्टीफेन जोसेफ मारिया, हिल्डेगाल्र्ड रेल्डा, चृस्टा, उलरिका, सिल्केमारिया, लेंस, अलरिच ने कहा कि हम राजिम पहली बार आए हैं। यहां आकर काफी प्रफूल्लित हैं। यहां की संस्कृति और लोगो के आत्मीय स्वागत काफी प्रभावित किया है। भारत की अध्यात्मिक और धार्मिक तथा संस्कृति को देखने और समझने के लिये भारत आए हैं। बताया कि हम भारत की संस्कृति एवं यहां के रहन-सहन से रूबरू होना चाहते हैं। यहां की सांस्कृतिक विरासत खासतौर से प्रभावित कर रही है।
उन्होंने बताया कि असम, सिक्किम तथा कलकत्ता भी गए, लोगों से मिले अच्छा लगा। लेकिन जिस आत्मियता से छत्तीसगढ़ के लोगो ने स्वागत किया वह हमारे लिए विशेष अनुभव है। पर्यटक दल ने राजिम में भगवान राजीव लोचन, श्री कुलेश्वरनाथ महादेव, तथा संत समागम में पहुंचकर संतों से आशीर्वाद लिया। इसके अलावा नागा साधुओ से भी मुलाकात की। इस दौरान फोटो खिंचवाने तथा सेल्फी लेने मेला घूमने आए लोगों की उमड़ पड़ी। इन पर्यटकों ने भी आनंद लेते हुए उपस्थित जन समूह के साथ फोटो खिंचवाई।
प्रयागराज के बाद मध्य भारत में कोई प्रयागराज है तो वह राजिम-बृजमोहन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। राजिम के त्रिवेणी संगम में 24 फरवरी से शुरू हुए राजिम कुंभ कल्प-2024 का 8 मार्च को भव्यता के साथ समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने की। राजिम कुंभ के दौरान संगम नगरी राजिम कुंभ कल्प में अयोध्या धाम का आकर्षक वैभव दिखा। इस वर्ष का राजिम कुंभ कल्प रामोत्सव के रूप में मनाया गया। कुंभ में देशभर से साधु-संत एवं महामंडलेश्वर भी शामिल हुए। समापन समारोह के अवसर पर मुख्यमंच में राज्यपाल श्री हरिचंदन एवं मौजूद अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया। साथ ही प्रदेष की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
समापन समारोह में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी राजिम के कुंभ मेले में शामिल होकर मुझे आत्मिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम मेले में पधारे समस्त संतों, विद्वानों और धर्मगुरुओं को मैं प्रणाम करता हूं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि देश के प्रतिष्ठित आचार्यों, साधु, संतों, महामंडलेश्वर, महात्माओं का आगमन राजिम में हुआ है। संतों के दिखाए मार्ग पर चलने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के हृदय स्थल में महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम नगरी, छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रतिष्ठित प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस वर्ष 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से राजिम कुंभ कल्प मेले का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व विभाग द्वारा किया गया। इस मेले का आज समापन हुआ।
उन्होंने कहा कि मेले में कलाकारों का संगम, श्रद्धालुओं की असीम आस्था और संतों के आशीर्वाद से राजिम कुंभ मेले ने देश में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इस मेले में छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई है जहां शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से अवगत होकर नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं, जो अत्यंत सराहनीय है।
समापन अवसर पर राज्यपाल श्री हरिचंदन ने भस्मासुर की कहानी को बयां किया। मुख्य मंच में राज्यपाल को राजिम कुंभ कल्प लोक आस्था का विराट संगम पुस्तिका भेंट की गई। समापन समारोह में धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद चुन्नीलाल साहू, राजिम विधायक रोहित साहू, रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा, राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष रेखा सोनकर, प्रबंध संचालक पर्यटन जितेन्द्र शुक्ला, कलेक्टर दीपक अग्रवाल, एसएसपी अमित तुकाराम कांबले सहित देशभर से आए साधु संत, महामंडलेश्वर सहित भारी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 5 साल बाद पुन: भारतवर्ष के वासी इस भव्य आयोजन के साक्षी बने है। सभी प्रतीक्षा में थे की राजिम कुंभ का पुन: आयोजन होना चाहिए। उन्होंने इस भव्य कुंभ के आयोजन के लिए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज माता शक्ति स्वरूपा का दिन महिला दिवस और भगवान शिव का दिवस महाशिवरात्रि है। यह ब्रह्मांड के सृजन का दिन है। उन्होंने सभी को राजिम कुंभ कल्प की बधाई देते हुए कहा कि राजिम कुंभ में पहुंच के कृतार्थ हुए।
समापन समारोह में संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 5 साल बाद पुन: राजिम कुंभ का भव्य आयोजन हुआ। यह सब साधु संतों के आशीर्वाद से ही संपन्न हुआ। उन्होंने सभी साधु संतों को प्रणाम करते हुए उनका अभिवादन किया। राजिम कुंभ कल्प में देशभर के साधु-संत, महात्मा एवं महामंडलेश्वर ने शामिल होकर सद्गुणों की अमृत वर्षा की। इससे सभी श्रद्धालुगण कृतार्थ हुए। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में नदियों, पानी को बचाने जुटी साध्वी प्रज्ञा भारती का आभार व्यक्त करता हूं। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मभूमि है, प्रभु श्रीराम का वन गमन मार्ग है यह पूरे देश और विष्व को पता लगे इसी उद्देश्य से राजिम कुंभ कल्प का आयोजन किया जा रहा है। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ में इस वर्ष 20 लाख से अधिक श्रद्धालुगण शामिल हुए। उनके सहयोग से यह कुंभ संपन्न हुआ। कुंभ में देशभर के साधु संत एवं शंकराचार्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के बाद मध्य भारत में कोई प्रयागराज है तो वह राजिम है। यहां हजारों साल प्राचीन मंदिर है। ऋषि मुनियों का आश्रम है। राजिम धार्मिक, सांस्कृतिक महत्वों के लिए पूरे देश में विशेष स्थान रखता है।
राज्यपाल ने राजिम कुंभ में की महानदी की महाआरती
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन राजिम कुंभ कल्प 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान राज्यपाल हरिचंदन महानदी के त्रिवेणी संगम में पहुंचकर महानदी के तट पर महानदी आरती में शामिल हुए। साथ में राजिम विधायक रोहित साहू, रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा सहित जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकों ने महानदी की महाआरती की। राजिम कुंभ कल्प में जबलपुर से आयी साध्वी प्रज्ञा भारती के साथ ग्यारह पंडितों ने मंत्रोच्चारण कर महानदी की महाआरती कराई।
राज्यपाल ने लयबद्ध अनुशासन के साथ पूरे विधि विधान से महानदी आरती की। इस अवसर पर महानदी का त्रिवेणी संगम भक्तिमय हो गया। महाआरती का एक साथ प्रज्जवलित होना शंख, कपूर, चवर, आचमन पूरे मेला परिसर आरती मंडप को भावविभोर कर दिया। महाआरती में शिव स्त्रोत के बाद सामूहिक महाआरती की गई। इस अवसर पर अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगणों के आरती से जय-जय श्री राम के जयकारे से आरती घाट गूंज उठा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 मार्च। हल्की गुलाबी ठंड के बीच महाशिवरात्रि पर शुक्रवार तडक़े सुबह बड़ी संख्या में भक्तों ने राजिम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की।
धर्म के प्रति आस्था का जूनुन गुरूवार की रात से ही देखने को मिल रहा था। आस्था और श्रद्धा के चलते भोलेनाथ महादेव जी के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले भक्त तडक़े 2 बजे से ही राजिम संगम की धार में डुबकी लगाने पहुंच गए थे।
महाशिवरात्रि पर इस पुण्य स्नान को काफी महत्व माना जाता है, इसलिए तडक़े से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुगण पुण्य स्नान कर दीपदान किया। पश्चात दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर और श्री राजीव लोचन मंदिर, बाबा गरीब नाथ की ओर लग गई। श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन करने लाईन में डटे अपनी बारी की इंतजार करते रहे। यह सिलसिला तडक़े तीन बजे से जारी रहा है।
महाशिवरात्रि पर्व पर स्नान के बाद दीपदान करने की परंपरा कई सौ वर्षों पहले से ही चली आ रही है। इस परंपरा का पालन आज भी श्रद्धालुगण करते देखा गया है। नदी की धार में दोने में रखा दीपक की लौ किसी जुगनू की भांति चमकती नजर आई। कई महिलाओं ने रेत का शिवलिंग बना कर बहुत ही श्रद्धा के साथ बेल पत्ता, धतुरा के फूल चढ़ाकर आरती भी किया।
मान्यता के अनुसार यहां कई भक्त नदी अपने मासूम बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया है। श्रीकुलेश्वर मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह पंडितों का हुजुम भी लगा हुआ था, जहां भगवान श्री सत्यनारायण और शिवजी की कथा भी श्रद्धालुजन करा रहे थे।
महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का है खास महत्व
वैसे तो पर्व व त्योहार में स्नान का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने का खास कारण है। बताया जाता है महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोलेबाबा की प्रार्थना कि जाए, तो मां पार्वती और भोलेनाथ सीधे भक्तों की मनांकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शंकर के शरीर पर शमशान के भस्म गले में सर्पों की हार कंठ में विश जटाओं में पावन गंगा तथा माथे में प्रलयंकारी ज्वाला उनकी पहचान है।
माना जाता है कि महानदी, सोंढूर, पैरी के संगम में स्नान करने से तन पवित्र तो होते है बल्कि मन की मलिनता दूर हो जाती है। इस दिन संगम की सूखी रेत पर सूखा लहरा लेने का भी परंपरा है। विश्वास है कि भोलेनाथ अन्य वेश धारण कर मेले का भ्रमण करते हंै।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला 2024 के अंतिम दिवस महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नागा बाबाओं, साधु-संतों, विभिन्न अखाड़ों ने शाही स्नान के लिए ऐतिहासिक शोभायात्रा संत समागम स्थल परिसर से सुबह 8 बजे निकाली गई।
इस शोभा यात्रा में समस्त नागा, साधु-संतों के साथ अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू, संस्कृति विभाग के उप संचालक प्रताप पारख, मेला आयोजन समिति के गिरीश बिस्सा के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि व विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए।
शोभायात्रा में सुसज्जित पालकियों शाही बग्गी, घोड़ों में विभिन्न साधु-संत सवार थे। शोभायात्रा संत समागम से शुभारंभ होकर श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पीछे मार्ग से नेहरू बाल उद्यान होते हुए, राजिम पुल, पं. सुंदरलाल शर्मा चौक, गौरवपथ राजिम, व्हीआईपी मार्ग होते हुए मेला में बने शाही कुंड में पहुंचे। शोभायात्रा का स्वागत दोनों शहर नवापारा और राजिम में विभिन्न चौक चौराहों में फूलमालाओं बरसा कर किया गया। शोभायात्रा में विभिन्न चौक में अनेकों अस्त्र-शस्त्रों से लैस नागा बाबाओं, साधु-संतों का शौर्य प्रदर्शन करते हुए अखाड़े चलाते रहे। नागा साधुओं के तलवार और फरसा भांजते खुशी से नाचते देखकर मेले में आए अंचल वासी रोमांचित हो उठे। धीरे-धीरे आगे बढ़ता शोभायात्रा शाही कुंड के पास पहुंचा, जहां शस्त्र पूजन पश्चात सर्वप्रथम नागा बाबाओं ने कुंड में छलांग लगाई और शाही स्नान की प्रक्रिया पूरा की। नागा बाबाओं के साथ अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू भी कुंड में डुबकी लगाने के लिए उतर गए। शाही स्नान करने विभिन्न अखाड़ों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस विहंगम दृष्य को देखने पूरे मेला क्षेत्र के अलावा कुंड के पास बड़ी संख्या श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थी की भीड़ उमड़ी हुई थी।
शाही यात्रा की भव्यता का आनंद लेने, फ्रांस, इटली के अलावा अन्य देशों से पहुंचे विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। सुरक्षा के मदद्ेनजर पुलिस की चाकचौबंध व्यवस्था थी। इस शाही यात्रा में सबसे पहले श्री पंच दशनामी सन्याशी अखाड़ा के नागा साधु, अखिल भारतीय पंच रामानंदी वैष्णव अखाड़ा के तीनों अनी श्रीपंच निर्मोही अनि अखाड़ा, श्रीपंच निर्मोही दिगम्बर अखाड़ा, श्रीपंच निर्मोही निर्वाण, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के अलावा करीब पंथ, सतनाम पंथ के संतों ने भाग लिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 8 मार्च। ग्राम पंचायत कोपरा में पंचायत सचिव के रूप में पदस्थ किशन साहू को वित्तीय अनियमितता, पंचायत के ऑडिट में गड़बड़ी, शासकीय कार्यों में अरूचि, पद का दुरूपयोग, शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना सहित राष्ट्रीय कार्यक्रम जल जीवन मिशन को गंभीरतापूर्वक संचालित नहीं करने एवं दायित्वों के विपरित पंच को पद से हटाने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है।
इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी किये है। उक्त प्रकरण अंतर्गत कोपरा के सरपंच-सचिव द्वारा 15वें वित्त मद से बिना स्वीकृति राशि आहरण करने पर कुल 69 लाख 52 हजार 278 रूपये की वसूली भी की जायेगी। इसमें से सरपंच राजेश्वरी साहू से 34 लाख 76 हजार 139 रूपये एवं सचिव किशन लाल साहू से 34 लाख 76 हजार 139 रुपये की वसूली की जायेगी। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने एसडीएम राजिम को पत्र जारी कर उक्त राशि वसूली करने के निर्देश दिये।
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि सचिव किशन साहू द्वारा अपने पदीय दायित्वों के विपरीत वार्ड क्रमांक 06 के पंच दिलेश्वरी पटेल को धारा-36 के तहत पंच पद से बर्खास्त कर दिया गया था। तत्संबंध में उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, उनके द्वारा पत्र का जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने ग्राम पंचायत के मासिक बैठक में वार्ड क्रमांक 06 के पंच दिलेश्वरी पटेल एवं वार्ड कमांक 07 के पंच अजय साहू को अकारण ही बैठक की सूचना नहीं दी। साथ ही बैठक में भाग लेने से रोका गया। उनके द्वारा 15वें वित्त आयोग वित्तीय वर्ष 2021-22 का ऑनलाईन आडिट निर्धारित समय-सीमा में नहीं कराया गया। तत्संबंध में जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। उन्हें निरंतर चेतावनी देने के उपरांत भी उनके द्वारा लगातार विधिसम्मत कार्य संपादन नहीं किया गया। इसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 में निहित प्रावधानों के तहत किशनलाल साहू, ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्व विभागीय जांच संस्थित किया गया है।
विभागीय जांच में किशनलाल साहू, सचिव ग्राम पंचायत कोपरा द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरित स्वयं एवं सरपंच के संयुक्त हस्ताक्षर से 20 मई 2023 को वार्ड क्रमांक 06 के पंच दिलेश्वरी पटेल को उनका पंच पद रिक्त होने की सूचना दिया जाना पाया गया।
किशनलाल साहू, ग्राम पंचायत सचिव के उक्त कृत्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जनहित के दृष्टिकोण से उनका ग्राम पंचायत सचिव के पद पर बने रहना वांछनीय नहीं होने के फलस्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के भाग तीन नियम 5 (छ) के तहत् एतद् द्वारा ग्राम पंचायत सचिव (पंचायतकर्मी) के पद से बर्खास्त किया जाता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 8 मार्च। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी रूपकुमारी चौधरी गुरुवार को जिला मुख्यालय गरियाबंद पहुंची। पहली बार शहर आगमन पर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तिरंगा चौक में आतिशबाजी और पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। साथ ही प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर उन्हे बधाई भी दी। इस दौरान राजिम विधायक रोहित साहू, पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी, पूर्व राजिम विधायक एवं लोकसभा सह संयोजक संतोष उपाध्याय भी उनके साथ मौजूद रहे।
स्वागत कार्यक्रम के बाद लोकसभा प्रत्याशी श्रीमति चौधरी भाजपा कार्यालय में जिले के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से रूबरू हुई। यहां उन्होंने सभी का परिचय लिया साथ ही लोकसभा चुनाव में जीत का मूलमंत्र भी दिया। बैठक में श्रीमति चौधरी ने कहा कि इस बार का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 400 पार का लक्ष्य दिया है। इसे पूरा करने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर प्रयास करना होगा, तभी जीत सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि महासमुंद लोकसभा 15 साल से भाजपा की परपरागत सीट रही है। इस बार फिर महासमुंद लोकसभा में कमल खिलाना है। अपने प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी जो जिम्मेदारी और दायित्व देती है सभी कार्यकर्ता उसका निष्ठा से पालन करते हैै। पार्टी ने मुझे अवसर दिया है। लेकिन सभी कार्यकर्ता स्वयं प्रत्याशी के रूप मे काम करेंगे तभी लोकसभा में जीत होगी। इस दौरान उन्होंने केन्द्र व राज्य की योजनाए भी गिनाई। जिसे लेकर घर घर प्रचार-प्रसार करने का आव्हान किया।
बैठक में राजिम विधायक रोहित साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार महिला सशक्तिकरण, महिला के सम्मान और महिलाओ के उत्थान के लिए काम कर रही। महासमुंद लोकसभा से मोदी जी ने महिला नेत्री की अवसर दिया है। यह पूरे लोकसभा के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। मोदी की गांरटी सरकार ने पूरी की है। इसे लेकर अब जनजन तक पहुॅचना है और भाजपा को विजय दिलाना है। बैठक में भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री सहित जिले एवं भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपाट, 7 मार्च। मैनपाट में लंबे समय बाद हाथियों ने एक बार फिर से धावा बोल उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। बुधवार की रात ग्राम नर्मदापुर में अचानक हाथियों का दल पहुंच गया और चिंघाड़ लगाई तो ग्रामीण, कोरवा परिवार बच्चों के साथ भाग खड़े हुए।
हाथियों के जंगल की ओर जाने के बाद गुरुवार को सुबह ग्रामीण जब बस्ती में वापस लौटे तो तबाही का नजारा देख और ज्यादा परेशान हो गए।
हाथियों ने खेत के समीप बने झोपड़ी को तहस नहस कर दिया था, वहीं गेहूं की फसल भी तबाह हुई थी। मौजूदा समय में गेंहंू की फसल में दाने पकने शुरू हो रहे हैं, जिससे फसल की तबाही ने चिंता बढ़ा दी है।
बताया जा रहा है कि बुधवार की रात करीब 8 बजे दो हाथी सबसे पहले ग्राम बरीमा, अरंग में फसल को नुकसान पहुंचाते हुए ग्राम नर्मदापुर में प्रवेश किया और दुमु कोरवा नामक ग्रामीण की झोपड़ी उजाड़ फसल को भी नुकसान पहुंचाया। जिस बस्ती में हाथियों ने झोपड़ी उजाड़ा, उस बस्ती में काफी कम आबादी है, और दूरी - दूरी पर घर है।
वन विभाग के मैदानी अमले के द्वारा ग्रामीणों में हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। हाथी गांव से लगे जंगल में डटे हुए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। यह समस्त क्षेत्र गिरी (पर्वत) तथा वनों से आच्छादित हैं इसे गिरिवन क्षेत्र कहा जाता था, परंतु कालांतर में गरियाबंद कहलाया। भूमि, अग्नि, आकाश और हवा पंचभूत कहलाते है। इन्हीं पंचभूतों के स्वामी भूतेश्वरनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान है, यहां भूतेश्वरनाथ प्रांगण अत्यंत विशाल हैं, जो भूतेश्वरनाथ धाम को भव्यता प्रदान करते है। वनों से आच्छादित सुरम्य स्थलि बरबस मन को मोह लेती हैं, समय-समय पर यहां भक्तजन रूद्राभिषेक कराते हैं कांवरियों को सावन में भूतेश्वरनाथ को जल चढ़ाने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर विश्व के विशालतम स्वयंभू शिवलिंग भूतेश्वरनाथ महादेव के दर्शन एवं पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ेगा। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व भूतेश्वरनाथ में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और तीन दिनों तक यहां मड़ई-मेला का आयोजन भी किया जाता है। जिसको लेकर प्रदेश के अन्य जिलों से श्रद्धालुगण अपना श्रद्धा लिए महादेव के दर्शन को पहुंचते हैं। जन आस्था को ध्यान में रखकर पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से चाक-चौबंध व्यवस्था किया जाता है, जिससे कि किसी तरह का भगदड़ नहीं हो सकें।
उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिला के ग्राम मरोदा में विश्व के सबसे विशालतम स्वयंभू शिवलिंग स्थित है। महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर भूतेश्वरनाथ महादेव शिवभक्तों का आस्था केंद्र बन गया है, जिससे कि प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्तगण यहां पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी होने प्रार्थना करते हैं। भूतेश्वरनाथ महादेव स्वयंभू शिवलिंग हैं, जिसके पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मुरादे पूरी होती है। इसी श्रद्धा और विश्वास के चलते ही भूतेश्वरनाथ महादेव शिवभक्तों के आस्था का केंद्र बन गए हैं।
ज्ञात हो कि यह ऐसा शिवलिंग है जिसके बारे में मान्यता है कि यह हर वर्ष नित-नित बढ़ते ही जा रहा है, जो अब काफी विशालकाय हो गया है। हरे-भरे प्राकृतिक वादियों के बीच जिला मुख्यालय गरियाबंद से महज तीन किमी दूर अद्भुत, अकल्पनीय सा दिखता यह शिवलिंग पूरे छत्तीसगढ़ के शिवभक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां दूर-दूर से भक्त जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने पहुंचते हैं। यह विश्व का सबसे विशाल और प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में माना जाता है, यह शिवलिंग प्रतिवर्ष अपने आप में बढ़ता जा रहा है श्री भूतेश्वर धाम महिमा में लिखा गया है कि इस शिवलिंग की ऊंचाई सन् 1978 में 48 फीट, सन् 1987 में 55 फीट, सन् 1996 में 62 एवं सन् 2022 में इनकी ऊॅचाई 72 फीट उंचा और 210 फीट गोलाकार में है। शिवलिंग के समीप प्राकृतिक जलहरी है, शिवलिंग के पीछे बाबा कि प्रतिमा है, जिसमें माता पार्वती व गणेश, कार्तिक, नंदी के साथ विराजमान हैं। जहां पर पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ, पार्वती, श्रीगणेश एवं कार्तिके के दर्शन और पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं के मन मांगी मुरादें जरूर पूरी करते हैं, यही कारण है कि बीते 15-20 सालों में यहां पहुंचने वाले भक्तों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। वहीं मंदिर प्रागंण में कई अन्य मंदिर बने हुए हैं। आज महाशिवरात्रि के दिन प्रदेश के अन्य जिलों सहित अंचल के दूर-दूराज इलाकों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान भूतेश्वरनाथ के दर्शन करने पहुंचेंगे। जिसे लेकर पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग भूतेश्वर नाथ महादेव में आज महाशिवरात्रि का पर्व भक्तिमय वातावरण में वैदिक पूजन करते हुए मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के पर्व को महादेव की पूजा-अर्चना की दृष्टि से उत्तम माना गया है। प्रदेश सहित जिले के ग्रामीण अंचलों के लोग सुबह से ही महाशिवरात्रि के अवसर पर महादेव के मंत्रों का जाप करते हुए श्रद्धालु पूजन कर मनचाहा वरदान मांगेगे।
मान्यता के अनुसार इस दिन वैदिक मंत्र जाप करते हुए महादेव का जलाभिषेक व व्रत पूजन का विधान है। शिवभक्त भूतेश्वरनाथ में पहुचकर शिवलिंग में बेलपत्र चढ़ा कर दूध से अभिषेक करते हैं। बताया जाता है कि भगवान भूतेश्वरनाथ के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और इसकी महिमा अपरंपार है, जो मुरादे यहां दिल से मांगी जाती है भगवान भूतेश्वरनाथ उसे जरुर पूरा करते है, इसीलिए यहां की महिमा लगातार बढ़ती ही जा रही है।
यह स्थान छत्तीसगढ़ के प्रयाग तीर्थ राजिम से दक्षिण पूर्व में 48 किमी की दूरी पर तीन ग्रामों के सिहद्धा पर साल के वनों से अच्छादित के मध्य में ग्राम-मरौदा (गरियाबंद) के समीप स्थित है। बुजुर्गों का कहना है कि कोल्हापुर (महाराष्ट्र) से एक वृद्धा माताजी आई, इन्होंने ही सर्वप्रथम अंचल के लोगों को इस प्राकृतिक शिवलिंग के संबंध में ज्ञात कराई तब से श्रद्धालु भक्तजन यहाँ भगवान भोलेनाथ के नाम से पूजा-अर्चना करते चले आ रहे है। मरौदा (गरियाबंद) के इस प्राकृतिक अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग को देखकर आश्चर्य चकित हो जाना पड़ता है, क्योंकि इस प्राकृतिक शिवलिंग में गंगा, चन्द्रामा, त्रिपुण्ड प्राकृतिक रूप में स्पष्ट दिखाई देते है। इसे श्री भूतेश्वरनाथ (भकुर्रा-बैल के हुंकारने के आवाज को भकुर्रा) महादेव कहते है। इस स्थान से 5 किलोमीटर की दुरी पर माँ बम्हनी का वास पर्वत शिखर पर स्थित है। वहाँ तक जाने का सुगम रास्ता नहीं है, इसलिए इनकी स्थापना पर्वत के निचले भाग में की गई है।
श्री भुतेश्वरनाथ समिति के लोगों ने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 8 मार्च शुक्रवार को भूतेश्वरधाम में सिरकट्टी आश्रम के गोवर्धन महाराज एवं चेतन महाराज (अंबाला वाला) द्वारा प्रात: 6 बजे दूध, दही और शहद से जल अभिषेक किया जायेगा इसके तत्पश्चात प्रकाश रोहरा (गुल्लु सेठ) वीनु दासवानी, अजय रोहरा, आशीष रोहरा, बीरू यादव, कुंजलाल, शत्रुघन साहू, बालकुमार, जलील बेग खान, द्वारा प्रतिवर्ष की भांति प्रात: 9:00बजे से प्रसाद वितरण एवं दोपहर 1:00 बजे से श्रद्धालुओं के लिए भंडारा रखा गया है। समिति सेवाराम ग्राम जडज़ड़ा, सचिव जलीज खान, कोषाध्यक्ष बलेश कुमार, सदस्य पवन कुमार, शत्रुघन साहू, अजय रोहरा, बीरू यादव, रमेश मेश्राम, प्रकाश रोहरा, पम्मन रोहरा, अजय सिन्हा सहित ग्राम मरौदा के ग्रामीणजन महाशिवरात्रि के तैयारी में जुट गये है।
शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस अधीक्षक अमित कांबले, एडनिशनल एस.पी. डी.सी. पटेल ने पुख्ता तैयारी कर ली है, पुलिस विभाग की टीम भुतेश्वरनाथ धाम में मौजूद रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 7 मार्च। मैनपुर भारतीय जनता पार्टी मैनपुर की ओर से नारी शक्ति वंदन पर प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के शिक्षक कॉलोनी सामुदायिक भवन मैनपुर में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोकसभा 2024 के चुनाव की तैयारी पर जोर दिया गया और महिलाओं के लिए संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर उन्हें इसका लाभ दिलाने का आह्वान किया।
सामुदायिक भवन में भारतीय जनता पार्टी द्वारा नारी शक्ति बंधन अधिनियम पारित किए जाने पर सम्मेलन किया गया। समुदायिक भवन में वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी को नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम के तहत देश के सभी मातृ शक्ति एवं बिहान योजना के अंतर्गत सभी स्वसहायता समूह की दीदियों ने सामुदायिक भवन में पहुंचकर प्रधानमंत्री के वर्चुअल संवाद को सुना नारी शक्ति के सहयोग से भारत को सशक्त और आत्म निर्भर भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष दुलार सिन्हा ने बहनों को संबोधित करते हुए कहा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा उनके नेतृत्व में देश इसी प्रकार अनवरत प्रगति करता रहेगा। कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा जिला उपाध्यक्ष योगेश शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष दुलार सिन्हा, भाजपा मंडल महामंत्री दिलीप साहू, मनोहर बघेल, मोहन सिंह कुशवाह, नारी शक्ति वंदन योजना के मंडल संयोजक घनश्याम मरकाम, सरिता ठाकुर, नंदिनी नेताम, तुलसी राठौर, देवन नेताम, भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष महेश कश्यप, व्यापारिक मनोज निर्मलकर, प्रदीप शर्मा, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष कुमारी बाई, पटेल युवा मोर्चा कार्य समिति सदस्य रोहित ध्रुव, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंजली खालको बिहान योजना के अधिकारी सहित स्व सहायता समूह की बहने उपस्थित थीं।
मैनपुर, 7 मार्च। प्रदेश के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माता का विगत दिनों निधन हो गया। भाजपा नेताओं ने मंत्री के राजधानी रायपुर के मॉलश्री बिहार स्थित निवास पहुंच कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष दुलार सिन्हा, भाजपा महामंत्री दिलीप साहू, विक्की साहू, मोहन सिंह कुशवाहा शामिल हुए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। गरियाबंद संभाग अंतर्गत गरियाबंद, छुरा, मैनपुर और देवभोग संभाग में लाइनमैन दिवस का आयोजन किया गया। गरियाबंद उपसंभाग में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कार्यपालन अभियंता अतुल तिवारी रहे। सभी लाइनमैन, सहायक लाइनमैन और अन्य तकनीकी कर्मचारियों का कार्यपालन अभियंता अतुल तिवारी एवं सहायक अभियंता गणेश प्रसाद ने पुष्पगुच्छ (बुके)भेंट कर तथा गुलाल लगाकर स्वागत किया।
सभी लाइन कर्मचारियों के निस्वार्थ योगदान के सम्मान के लिए लाइनमैन दिवस का आयोजन कर उन्हें सम्मानित किया गया। अपने उद्बोधन में अतुल तिवारी ने कहा कि लाइनमेन दिवस आयोजन कर सभी लाइनमेन का सम्मान के लिए भारत सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने लाइन कर्मचारियों के विधुत सुधार तथा निर्बाध विद्युत व्यवस्था बनाये रखने हेतु उनकी मेहनत और जज्बे को सराहा। साथ ही उन्होंने बताया कि लाइनमैन दिवस के साथ -साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जा रहा है। सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अपने कार्य को करने की समझाइस दी गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर सहित प्रतिनिधी मंडल द्वारा 7 बिंदुओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकत कर समस्याओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए ज्ञापन, त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
छग टीचर्स एसोसिएशन जिला प्रतिनिधि समस्याओं को लेकर डीईओ को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि सेवाकाल के दौरान निधन एवं सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के स्वत्वों के भुगतान तथा परिवार पेंशन प्राधिकार पत्र शीघ्र जारी कर सेवानिवृत्त हुए शिक्षक एलबी संवर्ग का समस्त प्रकरण तैयार कर शीघ्र भुगतान, शिक्षक एल.बी. (टी व ई) संवर्ग का सेवा पुस्तिका का सत्यापन स्थानीय निधि संपरीक्षक एवं कोष व लेखा रायपुर से हो, संविलियन पूर्व के समयमान, पुनरीक्षित, लंबित ऐरियर्स का भुगतान, चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश में रहे शिक्षकों का नियमानुसार अवकाश स्वीकृत कर वेतन भुगतान, अनुकम्पा नियुक्ति-सेवाकाल के दौरान दिवंगत शिक्षकों (एल.बी.) का शेष प्रकरण शीघ्र निपटारा कर उनके आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति, विश्वविद्यालयी एवं प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित शिक्षकों का अनुमति आदेश शीघ्र प्रसारित किए जाने जैसे उपरोक्त समस्याओं पर जिला शिक्षाधिकारी रमेश कुमार निषाद द्वारा विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया एवं त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष सहित जिला सचिव सुरेश केला, जिला कोषाध्यक्ष नंद कुमार रामटेके, ब्लॉक अध्यक्ष जितेंद्र सोनवानी, ब्लॉक सचिव संजय यादव, भगवंत कुटारे, पुरुषोत्तम ध्रुव, राजेन्द्र कुमार बागे उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं से सीधे संवाद किया। उन्होंने शासन की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से देश की मातृशक्ति को अवगत कराने नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम के तहत पूरे देश की महिलाओं को सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि पूरे 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार है। महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और सशक्तिकरण ही मोदी की गारंटी है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से बालिकाओं को लाभ मिला, उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना के तहत मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, हर घर नल योजना से लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है। वहीं शासन द्वारा नारी हित के लिए अन्य योजनाएं और अभियान चलाकर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने राजिम कुंभ मेला स्थल में वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विधायक रोहित साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिले की महिला समूह एवं मेला आगंतुकों ने वर्चुअल मध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को सुना। इस अवसर पर राजिम विधायक रोहित साहू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के गरीब, मजदूर, किसान सहित महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गरीब, मजदूर, किसान, युवा, महिला सहित सभी वर्गों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं की आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार अनेेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। महिलाओं की समृद्धि के साथ ही उनके लिए रोजगार व स्वरोजगार पैदा करने के लिए सरकार संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लाखों समूहों की महिलाओं से सीधे संवाद किया। यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक पल है।
राजिम, 7 मार्च। छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज धर्म नगरी राजिम में 24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला में प्रदेश सहित देश एवं विदेशों से भी सैलानी पहुंच रहे हैं। राजिम कुंभ के पहले दिन पोलैंड से विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। आज 12वें दिन फ्रांस से विदेशी दंपत्ति राजिम मेला में घूमते हुए नजर आए। मीडिया से चर्चा के दौरान फ्रासिंस दंपत्ति ब्रोनो और पास्कल ने बताया कि वे दो माह के लिए भारत भ्रमण पर आए हुए हैं। राजिम कुंभ कल्प में घूमने के आए हैं। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे यहां की सांस्कृतिक, संस्कृति और धरोहर को देखना चाहते है। वे बनारस, इलाहाबाद और बौद्ध, गया भी जाएंगे। राजिम कुंभ पहुंचकर उन्होंने साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति द्वारा चलाए जा रहे भंडारे में भगवान राजीव लोचन व राजिम माता प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर भंडारे में आए हुए लोगों को भोजन प्रसाद भी वितरण किया। उन्होंने बताया कि यहां के लोगों की आत्मिक भावना और संस्कृति से काफी प्रभावित हूं मुझे यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। कोई भी धार्मिक मेला संतों के बिना अधूरा है। इसीलिये देश में होने वाले चारों कुंभ सहित धार्मिक आयोजनों में संत समागम का होना उतना ही जरूरी है जितना भोजन में नमक। इसी प्रकार राजिम में आयोजित होने वाले कुंभ कल्प में संतो को आमंत्रित करते हुए संत समागम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। यहां पर देशभर के साधु-संत, महात्मा, शंकराचार्य, मंडलेश्वर, महामण्डलेश्वर, नागा साधु आदि संत समागम का हिस्सा बनते है और धार्मिक चर्चा में अपने उद्बोधन से आने वाले श्रद्धालुओं को कृतार्थ करते है।
वैसे भी कहा जाता है कि जहां संतों का वास या आगमन होता है, वह क्षेत्र तीर्थ बन जाता है। चूंकि राजिम स्वयं तीर्थ के रूप में स्थापित है लिहाजा यहां साधु संतो का आगमन सोने पे सोहागा की मानिद है। यहां पर पहुंचे संतों ने स्वयं स्वीकारा कि जितना मान सम्मान संतों को राजिम कुंभ कल्प मेले में मिलता है। उतना देश के अन्य क्षेत्रो में आयोजित मेलों में नहीं मिलता है। यहां पर मंत्री एवं जनप्रतिनिधि स्वयं संतों की अगवानी करते हुए उनका स्वागत करते है। उनके रहने ठहरने की उत्तम से उत्तम व्यवस्था की जाती है। पूरा प्रशासनिक अमला उनकी सेवाश्रासस में लगा रहता है।
यहां से आम आदमी की तरह संतो से मिलते है। वैसे किसी भी राज्य का मंत्री अपना प्रोटोकाल तोडक़र नहीं मिलता यही है छत्तीसगढ़ की संत संस्कृति का परिचय। छत्तीसगढ़ की धर्मपरायण जनता हर तिलकधारी को ब्राम्हण समझती है और हर भगवाधारी को संत समझकर उनका आदर करती है, जो यहां की जनता का निष्छल प्रेम का द्योतक है। छत्तीसगढ़ की मिट्टी की सीरत ही ऐसी है कि वह अपने यहां आने वाले हर किसी का बिना भेदभाव के साथ आत्मसात करते हुए। उनका स्वागत सत्कार करती है। यह दृष्य आपको राजिम आकर स्वयं दिखाई देगा कि राजिम की जनता किस आत्मिक भाव से पूरी श्रद्धा के संतों की सेवा करते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के 12वें दिन संत समागम स्थल में वैष्णव नागाओं ने अपनी पंथ परंपरा के अनुसार निशान पूजा कर अपनी परम्परा का निर्वहन किया।
जानकारी के अनुसार भारत देश में कुल तेरह अखाड़े है जिसमें तीन अखाड़े वैष्णव संप्रदाय के है ये तीनो अखाड़ो ने राजिम कुंभ में प्रतिनिधित्व किया। जो श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा, श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़़ा के महंत नागा मौजूद थे। कालांतर में जब देश में अधर्मी आक्रांताओ ने सनातन धर्म पर हमला किए तब संतो की एक लड़ाकू फौज का गठन किया गया, जिन्हें अस्त्र-शस्त्र की विद्या से रण कौशल की दीक्षा देकर इन्हें धर्म की रक्षा का दायित्व सौंपा गया। इन दलों के पास एक विशाल छड़ी में ध्वज होता था जिसे निशान कहते है।
यह निशान अखाड़ों की मान्यता के अनुसार हनुमान जी का प्रतिनिधित्व करते है और इस निशान को हनुमान जी का आशीर्वाद मानकर उनके दिशा-निर्देश अनुसार धर्म की रक्षार्थ अक्रांताओ से युद्ध करते थे। जिससे सनातन धर्म की रक्षा किया जा सके। सदियों पुरानी यह परंपरा आज भी बादस्तुर जारी है और इस परंपरा का निर्वहन कुंभ में पूजा अर्चना कर तथा संतो द्वारा शौर्य प्रदर्शन कर किया जाता है। इसी परंपरा का निर्वहन पूरे भव्यता और विधि-विधान के साथ राजिम कल्प कुंभ में मौजूद समस्त अखाड़ों के संतों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के सानिध्य में किया गया। जिसमें महामण्डलेश्वर सर्वेश्वर दास जी, मण्डलेश्वर राधेश्याम के अलावा संस्कृति विभाग के उप संचालक प्रताप पारख, मेला आयोजन समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा, केंद्रीय समिति के विशिष्ट सदस्य लीलाराम साहू, सदस्य नागेंद्र वर्मा, अनुज राजपूत, देवेंद्र पाटकर आदि उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में श्रीकुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने सांस्कृतिक मंच में स्थानीय कलाकार शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाहवाही लूट रहे हैं। मंच पर प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक, लोक कलामंच, भजन संध्या, रामायण, पंथी, सुआ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखर रही है।
मेला के 12वें दिन चौबेबांधा के श्रीराम दरबार मानस मंडली द्वारा रामायण की प्रस्तुति दी। जिसमें हनुमान जी द्वारा माता सीता को खोजने लंका जाने वाले पात्र का बताया। कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति में छुईया के चैतूराम नाचा पार्टी ने प्रहसंग और नृत्य की प्रस्तुति दी। खेमचंद यादव लोहरसी ने भजन संध्या के माध्यम से ईश्वर की स्तुति की, जिसमें प्रभु तुम चंदन..... जग में सुंदर है दो नाम.... ऐसी लागी लगन..... इन गीतों ने दर्शको को भक्ति की रास्ता दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बेमेतरा के कुंती गंधर्व ने पंडवानी के माध्यम से दर्शको को बताया कि कौरव और पांडवो के द्वारा जुआ खेला गया जिसके परिणाम के बारे में बताया। पंडरीपानी के पुरूषोत्तम बंजारा ने जस झांकी की प्रस्तुति दी गई। जिसमें माता दुर्गा के नव अवतारो का उल्लेख किया का तोला मानव दाई का तोला मानव वो..... जैसे और भी अनेक जसगीत प्रस्तुत किए। फुलझर गौकरण मानिकपुरी ने लोकमंच के द्वारा अनेक छत्तीसगढ़ी गीत के साथ नृत्य की प्रस्तुति दी। राजिम के जगन्नाथ पटेल ने नंगाड़ो के साथ और मंच पर अनेक रंग के गुलाल उड़ाते हुए फाग गीत की प्रस्तुति दी गई। जिसमें माहौल होलीमय बना दिया। कुसुमबुड़ा के ईशा रानी धु्रव ने राजा भरथरी की प्रेम कहानी की प्रस्तुति दी। प्रशान्त सोनवानी कठौली ने मानस भजन जय-जय राम, जय सिया राम.... गीतो को गाकर दर्शको को भी गुनगुनाने के लिए मजबूर किया। जयलाल परगनिहा बहेराबुड़ा गरियाबंद ने जसगीत को दर्शको को सरल बताने के लिए झांकी भी दिखाया गया। लोकनृत्य दल ने भी शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। कलाकारों का सम्मान राजिम विधायक रोहित साहू, राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष रेखा-जितेन्द्र सोनकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधयों ने स्मृति चिन्ह और गुलदस्ता भेंटकर किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में जहां मेलार्थियों के लिए भरपूर मनोरंजन का केंद्र होता है। घूम-घूमकर छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक इसके हर पल का आनंद लेते है। वहीं मेला में कई प्रकार के लोग आते है, जो अपने आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाते हैं। अपनी विभिन्न सामग्री को आकर्षक ढंग से सजाते है उसका विक्रय करते है। लेकिन मेले में कुछ ऐसे भी दृश्य दिखाई देते है जिसे देखकर आनंद की प्राप्ति तो होती ही है, लेकिन एक प्रश्न भी उठता है इतनी छोटी उम्र में अद्भुत कला को कैसे सीख लेते है?
राजिम कुंभ में नदी परिसर के पास कवर्धा से आई शीतल जो रस्सी पर बेखौफ चलकर अपने करतब से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। दोनों ओर खुंटे के बीच तनी रस्सी में वह संतुलन स्थापित करती है और वह दोनों हाथ से डंडा पकड़ी सिर पर चार कलश रखकर तेज गति से रस्सी पर जब वह चलती है और करतब दिखाती है तब दर्शकों की तालियों की गडग़ड़ाहट होती है , तो उनकी हौसलों को नई उड़ान मिलती है। पतली रस्सी में उसके पैर जरा भी नहीं लडख़ड़ाते फिल्मी गीतों की धुन में मस्त रहकर पूरे जोश से अपने कला का प्रदर्शन करती बच्ची के चेहरे में एक अलग प्रकार की चमक दिखाई देती है। उसकी मां उमादेवी ने बताया कि इस करतब को दिखाने के लिए बचपन से ही उन्हें प्रशिक्षण देते है और अलग-अलग स्थानों में जहां मेला लगता है या बड़े आयोजन होते है, वहां जाकर अपना करतब दिखाते है। उनके परिवार का यही एक मात्र कमाई का एक जरिया है। घर में कोई पुरूष न होने के कारण छोटे बच्चों को पालने के लिए हमें यह करना पड़ता है। भीख मांगकर खाने से बेहतर है कि अपने हुनर से मजबूत बने और किसी के उपर बोझ न रहकर अपनी कमाई करें। पढ़ाई करने की उम्र में इस प्रकार कार्य से उनका भविष्य अंधकारमय होता है इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ ही इस कला को अपनाये है।
हर वर्ष मेले में आते है विगत कई वर्षों से हम मेले में आ रहे है, लेकिन इस बार राजिम की भव्यता देखते ही बन रही है और इस करतब की सराहना करने के साथ-साथ दर्शक प्रोत्साहन स्वरूप रूपये दे रहे है। जिससे अच्छी कमाई हो रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। तेंदूपत्ता तोड़ाई के लिए समितियों द्वारा शाख कर्तन शुरू कर दिया गया है। इस बार तेंदूपत्ता की आवक बढऩे की संभावना है। मानक बोरा दर बढ़ा दिए जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों का परिवार भी दिलचस्पी ले रहे हैं। मार्च महीने के लगते ही तेंदूपत्ता का सीजन प्रारंभ हो गया है और समितियां बूटा कटाई में जुट गई हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली तेंदूपत्ता श्रमिकों को मिल सके।
वनमंडल के उप प्रबंध संचालक जिला यूनियन अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि वन मंडल में इस वर्ष 83 हजार मानक बोरा तेंदू पत्ता का लक्ष्य निर्धारित है। मौजूदा स्थिति में बूटा छोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस वर्ष कुल 560 संग्रहण केंद्र बनाएं गए है। तेंदूपत्ता के लिए अग्रिम टेंडर 69 समितियों हो चुकी है। इस वर्ष राज्य शासन ने वनवासियों को तेंदूपत्ता संग्राहकों को 55 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाएगा।
तेंदूपत्ता छोपाई कार्य के लिए 70 समितियों में जनजागृति चलाया जा रहा है। समय-समय पर प्रबंधकों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिसके चलते 3 हजार प्रशिक्षण में शामिल हुए। उप प्रबंधक श्री श्रीवास्तव ने बताया कि 55 सौ तेंदूपत्ता संग्रहकों में काफी उत्साह है, पूर्व में 4 हजार रुपये तेंदूपत्ता संग्रहण दर दिया जाता था, वहीं वर्तमान राज्य शासन इस दफा 15 सौ रूपए की बढ़ोतरी की है।
सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य
वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए कहा कि संग्रहण के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 80 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है।
जिला यूनियन अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि वन मंडल में इस वर्ष 83हजार मानक बोरा तेंदू पत्ता का लक्ष्य निर्धारित है। मौजूदा स्थिति में बूटा छोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस वर्ष कुल 560संग्रहण केंद्र बनाएं गए है। तेंदूपत्ता के लिए अग्रिम टेंडर 69 समितियों हो चुकी है। इस वर्ष राज्य शासन ने वनवासियों को तेंदूपत्ता साख छोपाई श्रमिकों को 55 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के संत समागम परिसर में बने डोम में प्रतिदिन धार्मिक प्रवचन, सत्संग, भजन, कीर्तन, साधु-संत और महंतों द्वारा किया जा रहा है। संतो के सानिध्य में राजिम नगरी पावन तीर्थ बना है जहां अनेक ज्ञानी महात्माओं के दर्शन और उनके आशीर्वाद मिल रहे हैं। राजिम मेले में आएं श्रध्दालु उनके अमृत वचनो का लाभ ले रहें है।
पंडित अश्वनी शर्मा ने भक्त और भगवान के बीच मधुर संबंध का वर्णन करते हुए कहा कि बिना श्रध्दा और भक्ति के भव से पार नही हों सकते। आध्यात्म से ही मानव मन को आत्मिक आनंद की प्राप्ति हो सकती है। निष्काम कर्म करते हुए उच्च नैतिक गुणों से युक्त होकर हृद्य में शुध्द भाव रखकर मानवता के कल्याण के कार्य करते रहना चाहिए। दीन-दुखी गरीब असहाय और जरूरतमंद की सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते है। परमात्मा किसी भी रूप में हमारे सम्मुख आ जाते है। जरूरत है, तो अंर्तमन से उनके दिव्य रूप को महसूस करने की। संसारिक मोह माया में जब तक लिप्त रहेंगेे तब तक कही भी शुकुन नहीं मिलेगा। अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए आत्मा को परमात्मा से जोड़ कर रखना चाहिए और मन वचन और कर्म से सात्विक रहकर सभी से मधुर व्यवहार कर सहयोग समन्वय और सामंजस्य स्थापित करना चाहिए मन के कुविचार को त्याग कर जो सच्चे मन से भगवान को याद करतें है उनकी वे प्रार्थना अवश्य सुनते है। सिर्फ कुछ मांगने के लिए ही ईश्वर की अराधना नही करनी चाहिए। अलौकिक आनंद को प्राप्त करने के लिए हर पल ईश्वर का सुमीरन करते रहना चाहिए तभी भक्त और भगवान के बीच रिश्ते मजबूत होते है।
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के 12वें दिन संत समागम परिसर में चक्र महामेरू पीठाधीश्वर सच्चिदानंद तीर्थ दंडी स्वामी जी की कुटीया में 6 मार्च को माँ सरस्वती यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे व श्रद्धालुगण शामिल होकर यज्ञ कुंड में आहुति दी।
पंडितों के मंत्रोच्चारण और पूरे विधि-विधान पूर्वक पूजन पाठ किया गया। दंडी स्वामी जी ने बताया कि आज के बच्चें समृध्द भारत की नीव है। बचपन से ही उनमें संस्कार के बीज डालनेे से वे एक आर्दश बालक के रूप में पल्लवित और पुष्पित होकर देश की सेवा करेगें। अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता को समझने की क्षमता विकसित कर पाएंगे। पाश्चात्य संस्कृति की हवा से उन्हें दूर रख धर्म, आध्यात्म और नैतिकता से जोड़ कर रखना ही इस यज्ञ का प्रमुख उददेश्य है। हवन पूजन पश्चात भोग प्रसाद वितरण किया गया। अंत में उपस्थित सभी बच्चों एवं श्रद्धालुओं ने स्वामी जी से आशीर्वाद लेकर खुशहाली की प्रार्थना किया। इस अवसर पर ज्ञानदीप शिशु विद्या मंदिर और सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा के लगभग 140 बच्चों सहित शिक्षक-शिक्षिका अलावा अनेक साधु-संत महात्मा और भक्तगण उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में ग्यारहवें दिन संत समागम परिसर में साहित्य संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन चक्र महामेरू पीठाधिपति स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ द्वारा किया गया। जिसमें अंचल के विभिन्न साहित्यकारों ने भाग लिया। आयोजन के प्रारंभ में स्वामी जी के शिष्यों व ऋषि कुमारों ने दीप प्राकट्य कर एवं मंगलाचरण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पंडित ब्रम्हदत्त जुगल किशोर शास्त्री ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प के शिल्पी पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के अथक परिश्रम से आज चारों तरफ राममय माहौल है और संतों के आगमन से यह भूमि पुन: पावन हो गई है। पांच सौ वर्षों की लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला पुन: प्राण प्रतिष्ठित हुए है उनके गुनगान करते हुए साहित्य संगोष्ठी के माध्यम से राम के संपूर्ण चरित्र को साहित्यकारों ने अपने गीत, कविता, कहानी, गजल एवं विचारो से स्पर्श करने का प्रयास किया।
राजिम के मनीष दुबे ने कहा कि आज भौतिक युग में राम के गुणों को हर घर में अपनाने की जरूरत है तभी सुख शांति व समृद्धि आ सकती है। रोहित साहू माधुर्य ने सुमधुर गीत प्रभु जी कुछ ऐसा चमत्कार हो जाये स्वच्छ भारत का सपना साकार हो जाये....... सुुनाकर स्वच्छता का संदेश दिया। मोहनलाल मानिकपन ने तोर कोरा म जनम पाके....... माता कौशिल्या पहचान बनाये, कर्णप्रिय गीत सुनाकर छत्तीसगढ़ महतारी का गुणगान किया।
कवयित्री सरोज कंसारी ने इन पंक्तियों में अपनी भावनाओ को व्यक्त किया हृदय में गुंजित वीणा की ताल, स्नेह की धुन में हो हर गान......। श्रवण कुमार साहू प्रखर ने कहा कि आने वाले वर्षो में राजीव लोचन साहित्य महोत्सव का आयोजन होना चाहिए, जिसमें अंचल के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों देखने सुनने का अवसर मिलना चाहिए। मकसूदन साहू बरी वाला ने कहा कि बेल में पानी डालो, महादेव शंकर मिलेगा, कंकड़ में पानी डालो भोले शंकर मिलेगा। डॉ रमेश सोनायटी ने कहा कि हे प्रभु श्रीराम तुम्हारी कृपा से होता है सब काम...। संजीव दुबे ने कहा कि साहित्य साधना का पथ होता है लिखने से पहले पढ़े उस पर गहन विचार करें। इससे मौलिकता आती है और हम अच्छे से लिख पाते है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संतोष सोनकर मंडल ने बड़े ही रोचक ढंग से साहित्य सडक़ को मुक्तक के माध्यम से आमंत्रित किया।
संगोष्ठी के समापन के समय आश्रम के दण्डी स्वामी विश्वानंद तीर्थ व कृष्णानंद तीर्थ ने सभी साहित्यकारो को श्रीफल एवं मिठाई का डिब्बा प्रसाद व आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया। दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की। अन्त में कवियत्री सरोज कंसारी ने आभार व्यक्त किया।
नौ देवियों के दर्शन कर श्रद्धालु हो रहे भाव विभोर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में संत समागम स्थल पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा चैतन्य नौ देवियों की झांकी की प्रदर्शनी लगाई गई है। इन नौ देवियों के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर होते रहे हैं। ब्रह्माकुमारी बहनों ने बताया की झांकी में दुर्गा देवी, काली देवी, लक्ष्मी देवी, सरस्वती देवी, गायत्री देवी, गंगा, जगदम्बा देवी, उमा देवी व ब्रह्माचारिणी देवी का साक्षात् दर्शन हो रहा है।
इस झांकी के माध्यम से वर्तमान समय में निराकार परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से सहज राजयोग की शिक्षा कैसे दे रहे हैं, उसको चैतन्य रूप में दर्शाया गया है। राजयोग के माध्यम से ये चैतन्य नौ देवियां शक्तियां ले करके अपने अपने कर्तव्य वा नाम पुष्पित कर रही हैं।
नवापारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था के तत्वाधान में लगाई गई यह झांकी शाम 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक चैतन्य संचालित होता है। झांकी देखने पहुंचे धमतरी, महासमुंद, राजिम, जेंजरा, आरंग, छुरा सहित अन्य स्थानों के लोगों ने बताया कि ऐसी सुंदर और जीवंत झांकी पहली बार देखी है। गौरव की बात है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारियों द्वारा इतना सुन्दर आयोजन राजिम कुंभ कल्प मेला में किया गया है। यहां आने के बाद व्यक्ति स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करने लगता है। आदिशक्ति के नौ रूपों की जीवंत प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने सामाजिक जागृति के कार्यों के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रयासों की सराहना की तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित प्रशासनिक अमला का आभार जताया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 7 मार्च। जिला प्रशासन तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के तत्वधान में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा गांधी मैदान में ब्लाक स्तरीय महिला क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 09 से 18 एवं 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कबड्डी, खो-खो, व्हालीबाल, 100 मीटर दौड़, गोला फेंक, लम्बी कुद एवं रस्साकसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस दौरान नगर पालिका गरियाबंद के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके उपस्थित थे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय महिला खेलकूद आयोजन के पूर्व ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 05 मार्च को गांधी मैदान में किया गया। जिसमें 09 से 18 वर्ष आयु वर्ग में 100 मीटर दौड़ में प्रथम दिव्या पर्दे, द्वितीय रोजी खान, गोला फेंक प्रथम विभा ठाकुर, द्वितीय तुलसी धु्रव, लम्बीकुद प्रथम गीतांजली, द्वितीय रूपशिखा, व्हालीबाल प्रथम गरियाबंद, द्धितीय सेजस गरियाबंद, कबड्डी प्रथम गरियाबंद, सेजस गरियाबंद, खो-खो प्रथम कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय, द्वितीय सेजस गरियाबन्द, रस्साकसी प्रथम सेजस गरियाबंद, द्वितीय द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल गरियाबंद रही।
इसी अनुक्रम में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 100 मीटर दौड़ में प्रथम योगिता धु्रव, द्वितीय खिलेश्वरी, गोला फेंक प्रथम खिलेश्वरी धु्रव, द्वितीय अंगेश्वरी साहू, लम्बीकूद प्रथम खिलेश्वरी धु्रव, द्वितीय कुमकुम धु्रव, कबड्डी प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खो-खो प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गरियाबन्द, रस्साकसी प्रथम शासकीय वीर सुरेंद्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गरियाबंद रहे।
इस दौरान नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि जीत-हार खेल का एक हिस्सा है। खिलाडिय़ों को असफल होने से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि दुगुने उत्साह से फिर से सफलता के लिये तैयारी करनी चाहिये तथा अपनी कमजोरी को समझ उसे दूर कर सफल होने के लिए ईमानदारी से प्रयास करना चाहिये।
इस अवसर पर ब्लॉक नोडल अधिकारी संजीव साहू, सूरज महाडिक़, गिरीश शर्मा, नितिन बखारिया, होरी साहू, छगन पचभिये, देवेंद्र पांडेय, नन्दकुमार रात्रे, देवेंद्र बंजारी, नीलेश देवांगन, चौनसिंह यादव, दानवीर साहू, लोकेश धु्रव, नंदकिशोर बान्दे, महेन्द्र यादव, रमेश कुमार, गंगोत्री साहू, श्रद्धा साहू, दीप्ति यादव, गायत्री सोनवानी उपस्थित थे।
मैनपुर, 6 मार्च। गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारिणी अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव को नियुक्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के आदेशानुसार रामकृष्ण ध्रुव को आगामी आदेश तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मैनपुर की कार्यकारिणी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति आदेश 3 मार्च को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गेन्दु द्वारा जारी किया गया। मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव ने कहा-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उस जिम्मेदारी पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करूंगा और कहा कांग्रेस पार्टी को मैनपुर ब्लॉक में और अधिक मजबूत बनाने के साथ-साथ कांग्रेस के अनुभवी वरिष्ठ बुजुर्ग कार्यकर्ताओं पदाधिकारी एवं युवाओं के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय दिलाने के लिए कार्य करेंगे। रामकृष्ण ने अपनी नियुक्ति पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज,प्रदेश प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू यादव ,जिला कांग्रेस गरियाबंद अध्यक्ष भाव सिंह साहू, बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विनोद तिवारी, जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम एवं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
ज्ञात हो कि रामकृष्ण ध्रुव पिछले 3 वर्षों से मैनपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं और लगातार कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनके नेतृत्व में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ एवं जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद द्वारा जारी निर्देशित कार्यक्रमों को शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा लगातार किया जा रहा है।
शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रामकृष्ण की सक्रियता को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व उन्हें ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मैनपुर अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पहली बार मैनपुर में युवा चेहरे को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इसके सहारे जहां एक ओर पार्टी संगठन से काफी दूर हो चले वरिष्ठ बुजुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संगठन में सक्रिय किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर ब्लॉक के सबसे ज्यादा युवा मतदाताओं को भी कांग्रेस पार्टी से ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाएगा। देर शाम जैसे ही रामकृष्ण ध्रुव को मैनपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की आदेश जारी हुआ उन्हें बधाई देने की सिलसिला जारी है।