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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 8 अगस्त। भारी बारिश के चलते बस्तर संभाग में कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। इसी बीच सुकमा जिले में अचानक आए बाढ़ की वजह से 24 घंटे तक पेड़ पर बैठे 80 साल के बुजुर्ग का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। बुजुर्ग बगैर कुछ खाना खाए और पानी पीए 24 घंटे तक पेड़ पर बैठा रहा।
दरअसल, किंदडवाड़ा निवासी 80 वर्षीय लखमाराम नाग का घर से करीब एक किमी दूर पर खेत है। लखमाराम का खेत नदी के किनारे है। बुजुर्ग लखमाराम अक्सर खेत की निगरानी के लिए रात में वहां चले जाया करते थे। रविवार को भी वे खेत की निगरानी के लिए खेत चले गए। लेकिन रात काफी होने की वजह से लखमाराम वहीं खेत में सो गए। भारी बारिश के चलते अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ का पानी आसपास के खेतों में घुस गया। लखमा राम की नींद खुली तो देखा वे चारों तरफ अचानक आए बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो करे तो क्या करे। इन सबके बीच उसे एक पेड़ नजर आया जिसपर वो अपनी जान बचाने के लिए चढ़ गया और बगैर कुछ खाना खाए और पानी पीए 24 घंटे तक पेड़ पर बैठा रहा। बुजुर्ग ने अपने पास रखे टार्च की मदद से गांव के लोगों को सिग्नल देकर बाढ़ में फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद सोमवार को राहत बचाव दल की टीम बुजुर्ग तक पहुंची और उनका सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
इधर, भारी वर्षा के चलते मलकानगिरी मार्ग पर झापरा के पास और जगदलपुर मार्ग पर पुलिस लाइन के पास सडक़ पर बारिश का पानी जमा हो गया है। इससे सुकमा जिला मुख्यालय का संभाग मुख्यालय और ओडिशा से सडक़ संपर्क टूट गया है।
सुकमा, 7 अगस्त। संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष सुकमा में कलेक्टर हरिस. एस की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शिक्षा विभाग सुकमा की बैठक संपन्न हुई। बैठक में शिक्षा सत्र 2022-023 के सफल संचालन सहित विभागीय योजनाओं पर समीक्षात्मक चर्चा की गई।
बैठक में वार्षिक कैलेंडर अनुसार विद्यालयों में अध्यापन कार्य सहित बच्चों में कक्षानुरूप माहवार लर्निंग आऊटकम की प्राप्ति के अनुसार कार्य करने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही कलर ग्रेडिंग रिपोर्ट, प्रतिमाह संकुलवार एंव विकासखंड,जिला स्तर, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सहित शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर द्वारा प्रतिदिन संकुल समन्वय द्वारा गुगल फार्म में निरीक्षण की जानकारी सबमिट करने पर जोर दिया गया साथ ही अनुपस्थित एंव लम्बे समय से अनुपस्थित शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अवैतनिक करने के निर्देश दिए।
उन्होंने विद्यालय स्तर पर प्रधान पाठक द्वारा समस्त पंजीयों का नियमित संधारण, बच्चों शिक्षकों का विद्यालय में शत-प्रतिशत समय पर उपस्थिति सहित कालखंड अध्यापन कार्य डेली डायरी संधारण। स्कूल,आश्रम, पोटा केबीन एंव छात्रावास में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर प्राथमिकता से ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही गणवेश, पाठ्यपुस्तक एवं साईकिल वितरण, छात्रवृति पंजीयन कार्य, वैक्सीनेशन बूस्टर डोज कार्य पूर्ण करने सहित जाति प्रमाणपत्र कार्य कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।
इस बैठक में नितिन डडसेना, जिला शिक्षा अधिकारी सुकमा, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा सुकमा सहित जिले विकासखंड स्तरीय अधिकारी कर्मचारी, एफएलएन टीम उपस्थित रहे।
21वीं राज्य जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता का समापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 अगस्त। जिला मुख्यालय स्थित स्वर्गीय कवासी हड़मा इनडोर स्टेडियम में 21वीं राज्य स्तरीय जूनियर बेडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन 5 दिवसों तक किया गया है। जिसमें दुर्ग, जगदलपुर, बीजापुर, राजनांदगांव, दन्तेवाड़ा, रायगढ़, बिलासपुर तथा अन्य जिलों के खिलाडिय़ों ने अपने खेल कौशलके जौहार दिखाए।
1 अगस्त से प्रारम्भ हुए इस प्रतिस्पर्धा में लगभग 120 खिलाडिय़ों ने एकल, युगल और मिश्रित वर्ग में बैडमिंटन खेला। आज इस प्रतियोगिता का समापन सभी वर्गों के फाइनल मैच खेलकर हुआ। जिसमें बालक वर्ग के एकल में एमव्ही अभिषेक, युगल में प्रभजीत सिंह और एमव्ही अभिषेक की जोड़ी ने बाजी मारी। वहीं बालिका वर्ग एकल में तनु चन्द्रा तथा युगल में हिरल चौहान और तनु चन्द्रा की जोड़ी ने जीत हासिल की। मिश्रित युगल वर्ग में एमव्ही अभिषेक और शिवानी पिल्लई विजेता रहे।
खिलाडिय़ों और उनके परिजनों ने कहा कि सुकमा जिला वैसा नहीं है जैसी हमने कल्पना की थी। यह जिला बहुत ही सुन्दर और विकासशील जिला है। जहां खेल प्रतिभा को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए बड़े शहरों की तर्ज पर जिले में भी बेहतर अधोसंरचना तैयार किया गया है। खिलाडिय़ों ने कहा कि सुकमा में गुजाने ये 5 दिन सदैव उनकी स्मृति पटल में जीवन्त रहेंगे।
प्रतिस्पर्धा के समापन के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, सुकमा जिला बेडमिंटन एसोशिएशन एवं सुकमा नगर पालिका के अध्यक्ष जगन्नाथ साहू, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा एवं जनप्रतिनिधियों ने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार राशि का चेक और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर हरीश कवासी ने कहा कि युवा देश के भविष्य हैं। पढऩे लिखने के साथ ही इन्हें खेल में प्रोत्साहित करना जरूरी है। विभिन्न प्रकार के खेलों से युवा ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनते हैं। सुकमा जिला में युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित किया जा रह है और उनकी प्रतिभा का तराशने के लिए पर्याप्त संसाधन एवं अधोसंरचना विकास किया जा रहा है। उन्होंने अन्य जिले से आए खिलाडिय़ों को खूब बधाई दी और सुकमा की बदलती तस्वीर को अपने शहरी मित्रों के साथ साझा करने को कहा। इसी प्रकार जगन्नाथ साहू एवं कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने सभी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करते हुए भविष्य में बेहतर खेल प्रदर्शन करने की शुभकानाएं दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 अगस्त। तेंदूपत्ता व मुलाकिसोली को लेकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा जिला परिषद द्वारा बस स्टैंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया , महासभा द्वारा ग्राम मुलाकिसोली में ग्रेनाइट खदान के फर्जी ग्राम सभा व किसी निजी कंपनी को खदान लीज में देने का विरोध व आदिवासी ग्रामीणों का ठेकेदार द्वारा तेंदूपत्ता के पैसे तत्काल भुगतान करने जैसे 2 मांगों को लेकर सुकमा के बस स्टैंड परिसर में धरना प्रदर्शन व सभा किया गया।
सभा को संबोधित करते हुऐ पूर्व विधायक व आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा व कोंटा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाये।
कुंजाम ने कहा कि मुलाकिसोली खदान और तेंदूपत्ता में भष्ट्राचार को लेकर हम धरना प्रदर्शन के अनुमति हेतु पहले ही आवेदन दे चुके है फिर भी हमें धरना-प्रदर्शन की अनुमति न देते हुये पुलिस द्वारा धरना प्रदर्शन हेतु मना किया गया, धरना में आ रहे आदिवासी ग्रामीणों को जगह-जगह पुलिस द्वारा रोका गया। क्या अपनी बातों को सामने रखना जनता का मौलिक अधिकार नही है, उन्हें सभा करने से क्यों रोका जा रहा है?
कुंजाम ने कहा कि कल जब आदिवासी ग्रामीण ठेकेदार द्वारा पैसे नहीं देने की शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने ठेकेदार पर क्यों कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा आज सभा करने से ग्रामीणों को पुलिस रोक रही है यह पुलिस का लोकतंत्र में कौन सा चेहरा है। तो वही मंत्री कवासी लखमा पर निशाना साधते हुये कुंजाम ने कहा मंत्री लखमा जब अपने किसी कार्यक्रम में ग्राम कोयाबेकुर गये हुये थे तब मंत्री लखमा ने ग्रामीणों से कहा था तेंदूपत्ता में 1 रुपये की भी गड़बड़ी हुई तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई करूंगा, आज जब कोंटा ब में व एर्राबोर अ, ब, में ठेकेदार द्वारा करोड़ो की भ्रष्टाचार हुई है तो मंत्री जी क्यों बात नहीं कर रहे है।
सभा को संबोधित करते हुए कुंजाम ने छत्तीसगढ़ सरकार से अपील की है कि बाढ़ से पीडि़त लोगों को उचित मुआावजा दिया जाये और जब तक हमारी दोनों मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम लड़ेंगे।
खदान स्वीकृति के लिए फर्जी ग्राम सभा का प्रस्ताव
जिला पंचायत के सदस्य रामा शोडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम सभा के पास अधिकार होता है कि ग्राम सभा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य के लिए ग्राम सभा की अनुमति की जरूरत होती है लेकिन यहाँ पर फर्जी ग्रामसभा के माध्यम से कह रहे हैं कि खदान को लेकर किसी भी प्रकार की सभा की आज तक कोई बैठक नहीं हुई है। जो ग्राम सभा के प्रस्ताव की बात कही जा रही है वह फर्जी है। उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में इस तरह से बगैर ग्राम सभा के खदान का आवंटन प्रकिया अवैध है।
फर्जी ग्राम सभा के अनुमोदन में सरपंच, पटेल के हस्ताक्षर फर्जी है। इसकी जांच पड़ताल करके मुलाकिसोली सरपंच पुजारी पटेल से बैठक कर पूछा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिए कि हमने नहीं किया, न ही ग्राम सभा हुआ। इसके लिए एराबोर थाने में सचिव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाया। लेकिन आज तक टेंडर को न रोका गया, न ही सचिव के ऊपर पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है। तेंदूपत्ता संग्राहकों का भी यही हाल है, विगत तीन महीनों से अपने मेहनताना को लेने के लिए ठेकेदार के घर चक्कर लगा रहे हैं। इसका वीडियो-आडियो वायरल हो रहा हैं। पूरे क्षेत्र में ठेकेदार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
इस धरना-प्रदर्शन में कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रामा सोढ़ी, सह सचिव गंगा राम नाग, आदिवासी महा सभा जिला अध्यक्ष देवा राम सोढ़ी, अखिल भारतीय नव जवान सभा के जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र कश्यप, नव जवान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश नाग, महिला फेडरेशन की जिला अध्यक्ष कुसुम नाग, महिला फेडरेशन की जिला सचिव आराधना मरकाम, कम्युनिस्ट पार्टी जिला सह सचिव हड़मा मरकाम, कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता रमना राव, गेंवा राम नेगी, करतम देवा, व ग्राम फन्दीगुड़ा, इंजरम, मुलाकिसोली, बुरगुड़ा ग्रामो के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।
कोंटा, 4 अगस्त। कोंटा के रेस्ट हाउस में गुरुवार को स्थानीय नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोड्डू राजा ने प्रेस वार्ता कर कहा कि 3 अगस्त को कोंटा में पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के द्वारा क्षेत्रीय विधायक व मंत्री कवासी लखमा व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी एवं मुझ पर जो व्यक्तिगत टिप्पणी की गई, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।
श्री कुंजाम सुकमा व छिंदगढ़ ब्लॉक में अपने मूल रूप से जनाधार खो चुके हैं, जिसकी वजह से अब कोंटा की ओर रुख कर रहे हैं मगर कोंटा नगर पंचायत में जिस प्रकार एकमात्र पार्षद का चुनाव लड़ा और बुरी तरह से उनका प्रत्याशी हारा जिससे पता चलता है कि कोंटा क्षेत्र में उनकी दाल नहीं गलने वाली।
जमीन हड़पने का आरोप मुझ पर लगाया गया है, वह सरासर गलत है। मेरे बाप दादाओं की सैकड़ों एकड़ जमीन मेरे पास है, उसकी देखभाल मैं स्वयं नहीं कर पा रहा हूं मुझे दूसरों की जमीन को हड़पने की आवश्यकता नहीं है। जिस प्रकार से रामाराम में रहने वाले मनीष कुंजाम सुकमा के सुपनार में सैकड़ों एकड़ जमीन हड़प कर मजे से किसानी कर रहे हैं और एस्सार से दलाली की बात भी किसी से छुपी नहीं है और हमें ऐसा ना समझे।
मनीष कुंजाम भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करना बंद करें, आप दो बार विधायक रह चुके हैं और जनता आपको समझ चुकी है और इसी वजह से कोंटा की जनता लगातार 5 बार कोंटा विधानसभा से कवासी लखमा को जिताती आ रही है आपका प्रयास व्यर्थ ही रहेगा क्योंकि आने वाले 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी और श्री लखमा ही बने रहेंगे।
पूर्व में जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी उस समय आप की बोलती बंद थी जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल जी की सरकार क्षेत्र के आदिवासियों के हितों के लिए काम कर रही है उस समय आपको पेट में दर्द हो रहा है जबकि आदिवासियों के हितों के लिए लगातार कवासी लखमा संघर्ष कर रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में देव गुडिय़ों का निर्माण किया जा रहा है, तेंदूपत्ता का रेट प्रति हजार गड्डी 4000 दिया जा रहा है, 2500 धान खरीदी दी जा रही है आदिवासियों के लिए भवनों का निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है, बेकसूर आदिवासियों को जेलों से छुड़वाने का काम भूपेश सरकार व मंत्री कवासी लखमा कर रहे हैं। जब रमन सिंह की सरकार थी उस समय आदिवासियों पर अत्याचार होता था, तब मात्र हमारे एक नेता कवासी लखमा खड़े रहे, उस समय आप कहां थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 अगस्त। सोलह लाख के ईनामी नक्सली दंपत्ति ने मंगलवार को पुलिस व एसटीएफ के अफसरों के सामने एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया।
पुरूष नक्सली 16 वर्ष तथा महिला नक्सली 10 वर्ष से लगातार नक्सली संगठन में सक्रिय रहे। दोनों जिला सुकमा/बीजापुर में घटित बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे। छग शासन द्वारा 8-8 लाख रूपये का घोषित ईनाम है। नक्सली दंपत्ति को आत्मसमर्पित कराने प्रोत्साहित करने एसटीएफ बल का विशेष योगदान रहा।
जिला सुकमा में सुंदरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, योज्ञान सिंह उप पुलिस महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) परिचालन सुकमा, रजनीश शर्मा, उप महानिरीक्षक एसटीएफ, कमलोचन कश्यप, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज के मार्गदर्शन व सुनील शर्मा पुलिस अधीक्षक सुकमा, विजय पाण्डेय पुलिस अधीक्षक एसटीएफ , किरन चव्हाण अति. पुलिस अधीक्षक नक्स. ऑप्स. सुकमा के निर्देशन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान तथा छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति’ के प्रचार-प्रसार एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘पूना नर्कोम अभियान’’ (नई सुबह, नई शुरूवात) से प्रभावित होकर और नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन के दक्षिण बस्तर बटालियन नं. 01 में कार्यरत नक्सली दंपत्ति सलवम मुत्ता उर्फ सुक्कु निवासी थाना एर्राबोर जिला सुकमा क्षेत्र एवं सलवम गंगी निवासी थाना चिंतागुफा जिला सुकमा क्षेत्र द्वारा 2 अगस्त को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधीक्षक सुकमा सुनील शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नक्सल आप्स. जिला सुकमा किरण चव्हाण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुकमा ओम चंदेल, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सुकमा पारूल खण्डेलवाल एवं एसटीएफ कंपनी कमाण्डर महंत सिंग के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया है।
आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ शासन की पुर्नवास योजना के तहत 20,000/- प्रोत्साहन राशि दिया गया एवं पुनर्वास योजना के तहत अन्य सुविधा हेतु नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
आत्मसमर्पित सलवम मुत्ता
उर्फ सुक्कु का विवरण:-
वर्ष 2006 - तत्कालिन डीव्हीसी विजय/कोंटा एरिया कमेटी इंचार्ज ताती भीमा के साथ रहा। वर्ष 2007-2008 तक- डीव्हीसी विजय (हाल मृत) का सुरक्षागार्ड। वर्ष 2009- (लगभग 10 माह) - मिलिट्री कंपनी नं. 03 सदस्य - तत्कालिन कमांडर हिडमा (वर्तमान बटालियन कमांडर)। वर्ष नवबंर 2009-2011 तक - बटालियन हेडक्र्वाटर सेक्शन ‘बी’ सदस्य- हथियार .303 रायफल। वर्ष 2012- 2018 तक - बटालियन कंपनी नं. 01, प्लाटून नं. 01 सेक्षन ‘ए’ कमांडर- एसएलआर। वर्ष 2019 से अब तक- बटालियन कंपनी नं. 01, प्लाटून नं. 01 डिप्टी कमांडर $ सेक्शन ‘ए’ कमांडर
अंतिम धारित हथियार - एसएलआर रायफल
बड़ी घटनाए जिसमें सम्मिलित रहा (कुल 14)- किस्टाराम हेलीपेड़ में सुरक्षा बलो पर हमला वर्ष 2009- 03 जवान शहीद $ हथियार लूट
लोकसभा चुनाव दौरान मिनपा पदामपारा में पुलिस पार्टी पर हमला वर्ष 2009 - 10 जवान शहीद , 04 नक्सली मृत
सिंधनमडगु-बुर्कलंका के बीच सुरक्षा बल पर फायरिंग वर्ष 2009- 03 जवान शहीद $ हथियार लूट।
ताडमेटला एम्बुष वर्ष 2010 - 76 जवान शहीद $ हथियार, उपकरण लूट।
एलारमडगु एम्बुष वर्ष 2009- 03 जवान शहीद $ 02 नक्सली मृत
अस्थाई कैम्प मिनपा में फायरिंग वर्ष 2013- 01 नक्सली मृत
कसालपाड़ मुठभेड़ वर्ष 2014 - 14 जवान शहीद
कसालपाड़ गांव में पुलिस पार्टी पर फायरिंग - 06-07 जवान घायल
पिडमेल मुठभेड़ वर्ष 2015 - 07 एसटीएफ जवान शहीद
टोण्डामरका मुठभेड़ वर्ष 2017- 01 नक्सली मृत
भेजी-कोत्ताचेरू एम्बुष वर्ष 2017- 12 जवान शहीद
बुरकापाल एम्बुष वर्ष 2017 - 25 जवान शहीद
पेदागेल्लूर फायरिंग वर्ष 2017 - 01 नक्सली मृत
टेकलगुड़ा मुठभेड़ वर्ष 2021 - 22 जवान शहीद (स्वंय बटा. कमांडर हिडमा की सुरक्षा में था)
आत्मसमर्पित महिला नक्सली सलवम गंगी का विवरण
वर्ष 2013 - बाल संगठन में भर्ती। वर्ष 2013-14 (06 माह) - पालाचलमा एलओएस सदस्य - कमांडर सविता - खाली हाथ। वर्ष 2014-15 (06 माह) - बटालियन कंपनी नं. 01, प्ला0 01, सेक्षन ‘‘ए’’ सदस्य - कमंाडर सोनू। वर्ष 2016- से अब तक - बटालियन कृषि टीम सदस्य
अंतिम धारित हथियार- एसएलआर रायफल
रेगडग़ट्टा से लिए गए पानी के जांच नमूनों में कुछ के परिणाम मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 अगस्त। रेगडग़ट्टा से 19 हैंडपंप और 1 नाला के पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जिसमें से कुछ नमूनों के परिणाम प्राप्त कर लिए गए हंै। जांच परिणाम में 2 हैंडपंप में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा पाई गई है, जिसे प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। ताकि कोई भी ग्रामीण इन हैंडपंप से पानी का उपयोग न करें।
एसडीएम कोंटा ने बताया कि माता मंदिर के पास स्थित हैंडपंप और मुचाकी जोगेश के निवास के समीप स्थापित हैंडपंप में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा पाई गई है, जिसे बंद कर दिया गया है।
8 हैंडपंप में आयरन की अधिक मात्रा, ग्रामीणों को पेयजल के लिए उपयोग नहीं करने की सख्त हिदायत
जांच रिपोर्ट में रेगडग़ट्टा के 8 हैंडपंप में आयरन की मात्रा सामान्य से थोड़ी अधिक पाई गई है। ग्रामीणों को इन हैंडपंप से पानी का उपयोग पेयजल के रूप में नही करने के सख्त हिदायत दी गई है। इन हैंडपंप के पानी को मात्र कपड़ा धोने, बर्तन मांजने, और नहाने के लिए उपयोग में लेने को कहा गया है। ग्रामीणों के पेयजल हेतु पृथक से व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है।
कलेक्टर-एएसपी की जोड़ी ने नपा अध्यक्ष-वरिष्ठ नागरिक के साथ खेला उद्घाटन मैच
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 अगस्त। आज जिला मुख्यालय स्थित नव निर्मित कवासी हड़मा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ राज्य 21वीं जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। सुकमा जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, बीजापुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा तथा अन्य जिलों से चयनित बैडमिंटन खिलाड़ी अंडर 19 आयु वर्ग में भाग ले रहे हैं।
5 अगस्त तक चलने वाले इस स्पर्धा के अंतर्गत एकल एवं युगल मैच आयोजित किया जाएगा, जिसमें करीब 120 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। उद्घाटन मैच जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष जगन्नाथ साहू, एवं वरिष्ठ नागरिक कवासी बोंके की टीम ने कलेक्टर हरिस एस. एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल के साथ खेलकर खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाया।
सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष, एवं सुकमा जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष जगन्नाथ साहू ने विभिन्न जिलों से आए खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता की मेजबानी का अवसर मिलना इस बात का प्रमाण है कि सुकमा में खेलों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे है।
उन्होंने खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ाया और कहा कि आप जैसी सोच सुकमा को लेकर रखते है, सुकमा उसके विपरीत है, अब यहां युवा खेलों में जिले का नाम रोशन कर रहे हंै। आप सभी खिलाड़ी सुकमा के इस बदलते स्वरूप को जरूर अपने परिजनों, मित्रों के साथ साझा करिएगा।
कलेक्टर हरिस एस. ने उद्घाटन समारोह के अवसर पर खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि सुकमा जिले में खेलों को प्रोत्साहित करने के साथ ही यहां के युवाओं को खेलों में बेहतर प्रशिक्षण देकर उनके हुनर को तराशा जा रहा है। खेलों को प्रोत्साहन मिलने और खिलाडिय़ों को बहते अवसर प्रदान होने से युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी। उन्होंने सभी खिलाडिय़ों को स्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी।
सुकमा, 1 अगस्त। सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान भक्तों की मंदिरों में कतार भी देखी गई, वहीं श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, फूल व पूजन सामग्री अर्पित कर मनोकामना की। पूजा-अर्चना के दौरान मंदिरों और शिवालयों में ओम नम: शिवाय और बोल-बम के जयघोष सुनाई दिए।
आज कांवडिय़ों का जत्था सुकमा स्थित शबरी नदी से जल लेकर नगर के मध्य विश्वकर्मा मंदिर से होते हुए नगर के हृदय स्थल पर स्थित महाकाली मंदिर पहुंचा, जहां कांवडिय़ों का पुष्प माला व आतिशबाजी कर स्वागत किया गया। इसके बाद कांवडिय़ों का जत्था राम मंदिर पहुंचा। यहां से कांवडिय़े शहर से तीन किमी पर स्थित महादेव डोंगड़ी पहुंचे। कांवडिय़ों का जत्था वहां पहुंच विधिविधान से पूजा कर जलाभिषेक किया।
16 मरीजों को बेहतर इलाज के लिए लाया जिला अस्पताल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 31 जुलाई। जिले के कोंटा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित रेगडग़ट्टा के ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन सुकमा संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। कलेक्टर हरिस. एस के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य अमला नदी नाले और दुर्गम रास्तों को पार करते हुए रेगडग़ट्टा ग्रामवासियों तक चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। लगभग 850 लोगों की जनसंख्या वाले ग्राम रेगडग़ट्टा के साथ ही आश्रित ग्राम मुसलमडग़ु और एलारमडग़ु में नियमित रुप से जांच शिविर लगाकर ग्रामीणों की रक्त जांच की जा रही है। 28 जुलाई को रेगडग़ट्टा में रक्त जांच के सैंपल की रिपोर्ट आने पर विगत दिवस देर शाम 16 ग्रामीणों को बेहतर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में दाखिल किया गया है।
लखमा ने दूरभाष से मरीजों का कुशलक्षेम जाना, बेहतर इलाज के निर्देश
प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जिला चिकित्सालय में भर्ती रेगडग़ट्टा के ग्रामीणों से दूरभाष से व्यक्तिगत रुप से उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत ध्रुव से सभी मरीजों की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी ली और बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ साहू ने ग्रामीणों से भेंट की और सभी मरीजों को बेहतर इलाज के लिए आश्वस्त किया।
ज्ञात हो कि रेगडग़ट्टा के ग्रामीणों को लगातार शरीर में सूजन की षिकायत थी। बीते 3 वर्षों में सूजन की वजह से कई ग्रामीणों की मौत की जानकारी भी मिली। इसे देखते हुए कलेक्टर हरिस.एस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को नियमित जांच शिविर लगाने के निर्देश दिए।
बीएमओ कोण्टा डॉ. डीपेश चन्द्राकर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रुप से रेगडग़ट्टा सहित आश्रित गांव के लोगों का भी जांच किया जा रहा है। नदी नाले और दुर्गम रास्तों को पार जांच दल द्वारा मौके पर ग्रामीणों का रक्त सैंपल लिया गया और अन्य जांच भी की गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य दल द्वारा ग्रामवासियों को मच्छरदानी भी वितरित की जा रही है।
सीएमएचओ डॉ. यशवंत ध्रुव ने बताया कि लगातार चार दिनों से स्वास्थ्य अमला नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेगडगट्टा गांव पहुँच कर जांच कर रहा हैं। विगत दिवस 16 ग्रामीणों को उचित उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जिनका उपचार जारी है। सभी मरीजों के रक्त जांच में यूरिक एसिड की मात्रा सामनी से थोड़ी अधिक पाई गई है, मरीजों की स्थिति सामान्य है। सोमवार को जगदलपुर से विशेष मेडिकल टीम रेगडग़ट्टा के ग्रामीणों का जांच करेगी।
कहा- शासन प्रशासन सभी आपकी मदद के लिए समर्पित है
प्रभावितों को बांटे कंबल और मच्छरदानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 जुलाई। प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आज कोंटा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की, उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने बताया कि बाढ़ के समय भी दो बार उन्होंने कोंटा पहुंचने का प्रयास किया, किंतु पहली बार एर्राबोर तक ही पहुंच पाए और दूसरी बार खराब मौसम के कारण उनका दौरा स्थगित रहा। आज बाढ़ के बाद तीसरे प्रयास में वे कोंटा पहुंचे और बाढ़ प्रभावित वार्डों का दौरा किया और बाढ़ से हुई क्षति की जानकारी भी अधिकारियों से ली।
इस दौरान केशकाल विधायक संतराम नेताम, कलेक्टर हरिस. एस, एसडीएम कोंटा बनसिंह नेताम एवं अन्य अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को कंबल और मच्छरदानी भी बांटी।
गोदावरी का रहा असर, पहले कभी इतने दिनों तक बाढ़ की स्थिति नहीं रही
उन्होंने कहा कि कोंटा शबरी नदी किनारे बसे होने के कारण डुबान क्षेत्र में आता है और गोदावरी नदी में जलस्तर बढऩे के कारण शबरी का पानी कोंटा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित करता है। इस बार कोंटा नगर पंचायत के 12 वार्ड, ढोंढरा पंचायत एवं आंशिक रूप से इंजेरम में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई, जो गोदावरी नदी के जलस्तर वृद्धि के कारण हुई। अच्छी बात यह रही की शबरी नदी में अधिक जलस्तर नही था, अन्यथा बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान पूरे समय वे रायपुर से प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कोंटा के हालातों से जुड़े रहे और प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को कोंटावासियों की हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश भी दिए, जिसका पालन सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने किया। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी पूरे समय कोंटा वासियों के राहत कार्य में तैनात रही।
सुकमा, 29 जुलाई। प्रदेश भाजपा के निर्देश पर सुकमा भाजपा ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का गुरुवार को पुतला दहन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में गहरी नाराजगी भी जताई। भाजपा सुकमा के तत्वावधान में घड़ी चौक पर आयोजित पुतला दहन किया गया।
इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष हुंगाराम मडक़ाम ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के घटिया बयान से आज पूरे देश को पता चल गया कि इस पार्टी को आदिवासियों के प्रति कितनी घृणा है। इनकी आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर हो गई है। देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति के खिलाफ ऐसी टिप्पणी से पूरे देश के आदिवासी समाज की भावनाएं आहत हुई है। आदिवासी समाज कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा। मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष वरूण सिंग भदौरिया ने भी जमकर निशाना साधा।
प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष हुंगाराम मडक़ाम, पूर्व जिला अध्यक्ष अरूण सिंग भदौरिया, जिला महामंत्री महेन्द्र सिंग भदौरिया, सोयम मुक्का, विवेक यादव, विश्वराज सिंग चौहान, सोनू नायक, रिषभ गुप्ता, हेमन्त सिन्हा, रोहित मिश्रा व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कोंटा, 28 जुलाई। छग की सुकमा सीमा से लगे चित्तूर, कुनावरम क्षेत्र में बाढ़ पीडि़तों से मिलने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी आए। लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना।
15 से 30 साल के युवा इस बीमारी का हो रहे शिकार, 6 महीनों में 24 युवाओं ने गंवाई जान
जिला स्तरीय टीम का गठन कर गांव में भेजा जा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 27 जुलाई। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड अंतर्गत भेज्जी थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रेगडग़ट्टा में पिछले 3 सालों में एक अज्ञात बीमारी से वहां के ग्रामीण जूझ रहे हैं और इस बीमारी से पिछले 3 सालों में अब तक कुल 61 मौतें हो गई हैं।
इन मौतों का आंकड़ा खुद वहां के ग्रामीण दे रहे हैं और ग्रामीणों का कहना है कि वह खुद इस बीमारी के बारे में कुछ नहीं जानते।
बुधवार को लगभग आधा दर्जन ग्रामीण जिनके साथ वहां की मितानिन और वार्ड मेंबर भी कलेक्टर कार्यालय में आवेदन लेकर पहुंचे, हालांकि किसी कारण उनके कलेक्टर से मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन उनके अधीनस्थ अपर कलेक्टर को इन ग्रामीणों ने आवेदन देकर वहां के हालात से रूबरू करवाया और ग्रामीणों ने अपील की है कि जल्द से जल्द वहां जांच टीम पहुंचे स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचे और इस गंभीर बीमारी की सूक्ष्म जांच हो ताकि वहां अब मौतों के आंकड़े को रोककर लोगों को राहत पहुंचाई जाए ग्रामीणों ने आवेदन में बीमारी से मारे गए ग्रामीणों के नाम की भी जानकारी लिखी है।
गौरतलब है कि रेगडग़ट्टा पंचायत में मिली इस समस्या से मौत का कारण अब तक स्पष्ट रूप से नहीं पता चल पाया है और यह किस वजह से हो रहा है यह भी ग्रामीणों के लिए जिज्ञासा स्वरूप है फिलहाल ग्रामीण इसे लाइलाज बीमारी बताकर डरे हुए हैं, वहीं अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
प्रारंभिक तौर पर यह समस्या पैर में सूजन से जुड़ी हुई है, जिससे लिवर और किडनी को किसी कारण से नुकसान होने का अंदेशा लगाया जा रहा है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावित होने पर पहला अंदेशा हैंड पंप से आने वाले पानी वहां के खानपान पर लगाया जा रहा है।
हालांकि पंचायत सचिव का कहना है कि इस घटना की जानकारी मिलते ही सबसे पहले वहां के पानी की जांच की गई, पर पानी में ऐसी समस्या नहीं दिखी जिससे इन ग्रामीणों को इस तरह का नुकसान हो, वही स्वास्थ्य विभाग ने बीमार मरीजों के खून की जांच भी की थी, जिसमें यूरिक एसिड बढऩे की समस्या सामने आ रही है हालांकि उच्च स्तरीय जांच में ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर इतने बड़े संख्या में ग्रामीण कैसे प्रभावित हो रहे हैं और आखिर क्यों इनकी मौत हो जा रही है।
इस मामले पर कोंटा बीएमओ दीपेश चंद्राकर ने बताया कि दोपहर में कलेक्टर से इस विषय में बात हुई थी उन्होंने जिला स्तरीय टीम गठित कर कौन सा टीम के साथ गांव जाने के निर्देश दिए हैं। कल टीम वहां पहुंचेगी, खून की जांच हुई है जिसमें यूरिक एसिड बढऩा पाया गया है, जिसकी वजह से यह समस्या बन रही है। प्रथम दृष्टया वहां के पानी पर संदेह है, लेकिन शुरुआती जांच में सब सामान्य पाया गया। पीएचई की टीम दोबारा वहां के पानी की जांच करेगी और इसके सैंपल आगे भी भेजे जाएंगे, जिससे पूरा मामला स्पष्ट हो पाए।
3 साल में 61 मौत, फिर भी समझ न आई समस्या
सरपंच पति सोढ़ी कोसा से मिली जानकारी के अनुसार रेगडग़ट्टा गांव में कुल 800 लोग हैं, जिसमें दोरलापारा में इस बीमारी से मौत 2020-2021 हुई, जिसके बाद कई दिनों तक सब सामान्य हो चुका था फिर रेगडग़ट्टा बड़ापारा में इसका प्रकोप 2022 में दिखाने लगा है।
2020 में माडवी मंगड़ू , माडवी पोज्ज़ा माडवी जोगा, माडवी नागा करतम बीड़ा ,करसम रामा कुरसम कन्ना ,सोढ़ी देशा ,करतम गंगा,मुचकि हूंगा,मडक़म मुत्ति कुरसम लक्ष्मी ,माड़वी नागल, माड़वी आयते,माडवी हिडमा, माडवी कोसा,पोडिया हूँगी, वहीं 2021 में माड़वी कोसी ,आयते ,कट्टम देवा ,मुचाकी जोगा ,माडवी साबानी ,कुरसम राजू, सोढ़ी रामा, कुरसम डाढ़ा ,मडक़म गंगा,खिना,माडवी गंगा,एर्रे, सोमडु, करतम देवा, माडवी कोसी,रामबती ,हिड़मे, कुरसम रामा, इसके साथ ही 2022 में अब तक माडवी लक्चु माडवी लखमू माडवी हड़मा माडवी आयते माडवी ववांगी ,जोगा,गुड्डी,हिड़मा,हूंगा,करतम हूंगा,मुचाकी बुच्चा, बुधरा, हिड़मा,हड़में,भीमे,पोडियम जोगा,हिड़मे,पानी,बुधरा,मुचाकी देवे,हूंगा,घानी, पोदीया पाण्डु ,पदाम बुधरा यह वह मृतक है जिनकी उम्र 15 से 30 साल के बीच ग्रामीण बता रहे हैं।
इसके अलावा इनमें से 3 लीटर कैसे हैं जिनकी उम्र 40 साल है। इतनी कम उम्र में मौतों से जाहिर तौर पर अब जिले के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि इससे पहले ऐसी कोई बीमारी से यहां मौतों की जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है. ग्रामीणों ने मांग की है कि रेगड़ घटा के युवा युवती और ग्रामीणों की मृत्यु की जांच और उच्च स्तरीय चिकित्सा दल भेजा जाए ताकि बीमार लोगों का इलाज कर उन्हें मरने से बचाया जा सके।
रेगडग़ट्टा के सरपंच सोढ़ी पाली का कहना है कि 2 महीने पहले हमने कोंटा बीएमओ को आवेदन देकर जानकारी दी थी जिसके बाद 4-5 बार टीम आई थी बीमार हुए लोगो का खून सैम्पल जून के महीने में ली गई थी जांच के नामपर मगर अब तक इसके बारे में भी कुछ नही बताया गया है । यहां के हैंडपम्पों के पानी की भी जांच होनी चाहिए इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग को गंभीरता दिखाने की जरूरत है ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 26 जुलाई। वाहनों की चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट में 5 प्रकरणों में एवं बिना सीट बेल्ट में 1 प्रकरणों, बिना कागजात के 4, पोलूशन में 4, अन्य धाराओं में 17 प्रकरणों में कुल 32 प्रकरणों में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई कर रुपए 13800 समन शुल्क वसूल किया गया।
दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट, चारपहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाकर वाहन न चलाने, तेज रफ्तार वाहन न चलने, तथा आने जाने वाली सभी बसों की चेकिंग किया गया। चेकिंग के दौरान जिन बसों में कमी पाया गया, उन बसों पर कार्रवाई की गई।
वाहन में दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, वायु प्रदूषण, परमिट, पोलूशन साथ रखकर चलने समझाइश दी गई। कार्रवाई के दौरान उपनिरीक्षक शंकर कुमार पाल एवम यातायात स्टॉफ मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 जुलाई। जिले के अंतिम छोर कोन्टा में बारिस का कहर आया और जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर गया, इन्हीं बाढ़ पीडि़तों में से एक हैं 90 वर्ष से अधिक उम्र की नागुल सीतम्मा। बाढ़ पीडि़तों से मिलने और उनका दर्द बांटने भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी कोन्टा पहुंच कर वृद्ध सीतम्मा के मिलने उनके घर पहुंची, जो बाढ़ में पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।
सीतम्मा का हाल देखकर उन्होंने बताया कि जब मैं उनके घर पहुंची तो देखा कि 90 वर्षीय नागुल सीतम्मा की छोटी सी झोपड़ी पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी, उनकी कुल सम्पत्ति में कुछ फ़टे कपड़े,एक आध बर्तन के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा था और पूरी झोपड़ी गन्दगी और मिट्टी से भर गई थी, जिसे सीतम्मा अपने कमजोर हाथों से साफ करने का असफल प्रयास कर रही थीं
मुझसे मिलकर रो पड़ी सीतम्मा-दीपिका
दीपिका ने बताया कि जब मैं उनसे मिलने उनके बर्बाद हो चुके झोपड़े को देखने पहुंची तो यह देखकर सीतम्मा रो पड़ी। उनके हालात यह हैं कि न तो उनके पास बिछाने को चटाई है और न ही ओढऩे को चादर और न ही खाने को दाने। मैं भी इनकी हालात देखकर बहुत दुखी हुई हूँ.
आओ मिलकर बनाएं सीतम्मा का आशियाना-दीपिका
दीपिका ने सभी समाज सेवी संस्थाओ व्यापारी वर्ग व अन्य समृद्ध जन से अपील भी की है आओ और एक बार हमसब मिलकर सीतम्मा जैसे बाढ़ पीडि़तों की मदद कर उनके आशियाने को पुन: बनाकर उनका सहयोग करें।
40 वर्ष पहले पति, 30 वर्ष पहले पुत्र का निधन
दीपिका ने बताया कि वृद्ध सीतम्मा का जीवन पूरी तरह से दु:खों से भरा हुआ है। लगभग 40 वर्ष पहले पति की मृत्य हो गई, उस दु:ख से सीतम्मा उबर भी नहीं पाई थी कि उसके 10 वर्षों के बाद पुत्र की मृत्य हो गई और अब बारिश का के इस कहर ने सीतम्मा का पूरा जीवन ही तहस नहस कर दिया।
बांस की चटाई व लकड़ी से बने छोटे से झोपड़े में रहती थी सीतम्मा
सीतम्मा के आशियाने के बारे में बात करें तो कोन्टा के नयापारा में बांस व लकड़ी से बने छोटे से झोपड़े में कुछ बर्तन व फटे पुराने कपड़े के साथ अपने जीवन के बचे दिन गुजार रही थी परन्तु 1986 व 2006 के बाद आए इस भीषण बाढ़ ने उनका सबकुछ बर्बाद कर दिया।
पीएम आवास की पात्रता होते हुए भी नहीं मिला आवास
सीतम्मा से मिलने पहुंची दीपिका शोरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो सोच कर पीएम आवास योजना बनाई है वह कोंटा में धरातल स्तर पर पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. सीतम्मा जो उम्र के इस पड़ाव में है कि उन्हें समाजिक सहयोग की आवश्यकता है, परन्तु पीएम आवास की पूर्ण रूप से पात्रता रखते हुए भी इन्हें आज तक आवास उपलब्ध न हो पाना सरकारी तंत्र यहाँ किस कदर कार्य कर रहा है, बताने की जरूरत नहीं हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 जुलाई। सावन के दूसरे सोमवार को शहर के काली मंदिर स्थित शिवालय में सुबह से ही भीड़ रही। यहां दिन भर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक होता रहा।
भक्तों ने शिव मंदिर में शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, फलफूल, धतूरा, बेलपत्र, दही और जल आदि से अभिषेक कर भोले की पूजा अर्चना की। सुकमा के सभी मंदिरों पर भव्य सजावट की गई थी। काली मंदिर के शिवालय में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। सुबह से ही कस्बे के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर भक्तगण उमड़ पड़े।
हर हर महादेव और जय जय भोले के उद्धोष के साथ भक्तगणों ने मंदिर परिसर को गुंजायमान कर दिया। महादेव डोंगडी के महादेव मंदिर मे सावन के दूसरे सोमवार को दूर दूर से गांवों से आये भक्तों ने हर हर महादेव के जयकारों के साथ भगवान शिव का दुग्धाभिषेक किया।
काली मंदिर के सुजीत महाराज ने बताया कि भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई हैं। सावन के दूसरे सोमवार पर राजवाडा, महादेव डोंगडी, सर्वेश्वर महादेव मंदिर झापरा पुल के समीप शिवमंदिर लगभग सुकमा के शिव मंदिरों में भोले के भक्तों का तांता लगा रहा। मेनरोड पर स्थित महादेव मंदिर, राजवाडा के महादेव मंदिर, में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। सुबह से ही कस्बे के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर भक्तगण उमड़ पड़े।
सुकमा, 23 जुलाई। इस साल सावन मास की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। सावन में कांवड़ यात्रा को भी धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व दिया गया है। सुकमा में परम्पराओं की शुरुआत करते हुए महिला मंडली की कांवडिय़ों का जत्था सुकमा स्थित शबरी नदी से जल लेकर शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध महादेव मंदिर पहुंचा, यहां भगवान शिव की आराधना व पूजन कर जलाभिषेक किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ के भक्त हरिद्वार से पवित्र नदी गंगा का जल लेकर शिवजी का अभिषेक करने के लिए अपने स्थानीय शिव मंदिर तक कांवड़ को कंधे पर उठाकर लाते हैं। ये संपूर्ण यात्रा पैदल ही की जाती है। कावड़ यात्रा करने वाले भक्तों को कांवडिय़ा कहा जाता है। कांवड़ के जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक श्रावण मास की चतुर्दशी के दिन किया जाता है। मान्यता है कि इस कठिन यात्रा को करके कांवड़ के पवित्र जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने वाले व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और शिव जी की कृपा उस पर बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस कांवड़ यात्रा द्वारा यह संदेश मिलता है कि भगवान भोलेनाथ केवल अपने भक्तों की श्रद्धा और एक लौटे जल के अभिषेक से भी प्रसन्न हो जाते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 22 जुलाई। आज गांजा की तस्करी कर रहे धमतरी के 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार को थाना छिन्दगढ़ से निरीक्षक एकेश्वर नाग थाना प्रभारी के नेतृत्व में सउनि. सुरेन्द्र कश्यप के हमराह स्टाफ का बल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में ग्राम रोकेल के पास मोबाईल चेक पोस्ट की कार्रवाई की जा रही थी। मार्ग में आने-जाने वाले वाहनों को चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान दो व्यक्ति मोटर सायकल क्रमांक सीजी 05 ए. एम 7884 में सवार होकर सुकमा की ओर से जगदलपुर की ओर जा रहे थे, जिन्हें रोककर दोनों व्यक्तियों के बैगों की तलाशी लिया गया, जिसमें 2 पैकेट (भूरे रंग का प्लास्टिक टेप मे लिपटा हुआ) 7 किलो 300 ग्राम गांजा अनुमानित कीमत लगभग 70,000 / - (सत्तर हजार रूपये) का परिवहन करते हुये पाया गया। उक्त कृत्य पाये जाने से दोनों आरोपी क्रमश: योगेश कुमार ध्रुव (31) मगरलोड धमतरी, सूरजभान निषाद दानीटोला जिला धमतरी के विरूद्ध थाना छिंदगढ़ में धारा 20 (ख) मादक पदार्थ अधिनियम का प्रकरण पंजीबद्ध कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय दंतेवाड़ा के समक्ष पेश कर न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेजा गया।
कमिश्नर और आईजी ने किया कोंटा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 21 जुलाई। सुकमा जिले के अंतिम छोर कोटा में 10 दिनों बाद आखिरकार बाढ़ का पानी अब उतर चुका है, जिसके बाद जनजीवन को दोबारा से बाहर करने की तैयारी प्रशासन कर रहा है और मलबे को हटाकर नगर में सफाई का काम भी लगभग हो चुका है। लोग घरों में अब सफाई के साथ-साथ हुए नुकसान को बहाल करने में जुटे हुए हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग इलाके में ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव कर बीमारी का सर्वे करने में जुटा हुआ है।
इधर, कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के निर्देश पर बाढ़ से लोगों को को हुए नुकसान का सर्वे डोर टू डोर किए जाने का निर्देश दिया गया जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा गठित टीम अब डोर टू डोर जाकर बाढ़ के नुकसान का सर्वे कर रही है। इस बार में कच्चे मकान वाले गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं बाढ़ के बाद जहरीले जीवों और सांप भी बस्ती के अंदर घुस आए हैं, जिससे आम लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है।
19 जुलाई की रात भी कोंटा के वार्ड क्रमांक 5 में सांप काटने से एक अस्पताल में भर्ती है । वार्ड क्रमांक 12 में गोल्डी ढाबा में बाढ़ के पानी के साथ एक बड़ा पेड़ बह कर ढाबे की छत पर अटक गया था, बाढ़ का पानी उतरते ही पेड़ वही अटका रहा। ढाबा के संचालक ने बताया कि उन्होंने नगरी प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन अब तक इस भारी पेड़ को उतारने कोई नहीं आया।
बुधवार को बस्तर कमिश्नर श्याम धावडे, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी. ने कोंटा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राहत केंद्रों में लोगों से चर्चा कर बाढ़ में हुई क्षति तथा राहत शिविर में प्रदाय की जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों में स्वच्छता, जल आपूर्ति, विद्युत व्यवस्था, भोजन व्यवस्था आदि का संज्ञान लिया।
कमिश्नर धावड़े ने राहत केंद्र पर लोगों के समयानुसार जल्दी भोजन प्रदान करने हेतु निर्देशित किया है। इसके साथ ही स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। इस दौरान सुकमा कलेक्टर हरिस. एस, पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे। राहत शिविर में लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा उन्हे सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
वार्ड में चल रहे सर्वे कार्य का किया अवलोकन
संभागायुक्त धावड़े सहित समस्त अधिकारियों ने कोंटा नगर के बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वार्ड 14 में सर्वे कार्य का अवलोकन भी किया। उन्होंने सर्वे कार्य में लगे अधिकारियों, पटवारियों को सभी ब्यौरे व्यवस्थित रूप से संधारण करने के निर्देश दिए, जिससे क्षति का सही मूल्यांकन किया जाए, और नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रभावितों को प्रदान की जा सके।
बीमारियों से बचाव के लिए घर घर जाकर किया जा रहा स्वास्थ्य जांच और दवा वितरण
गौरतलब है कि कोंटा नगर पंचायत क्षेत्र में बाढ़ के कारण लगभग सभी रिहायशी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति रही। बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही, सडक़ों से मलबा हटाकर, ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके साथ ही जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए घर घर घूमकर वार्ड वासियों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें दवाईयां प्रदान की जा रही है। वहीं मच्छरों से बचाव के लिए वार्डों में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से प्रशासन द्वारा मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है। पेयजल की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए हैंडपंप, बोरवेल एवं अन्य जल स्त्रोतों में क्लोरिनेशन का कार्य किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 21 जुलाई। सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित दोरनापाल-जगरगुंडा मार्ग पर जगरगुंडा इलाके में नक्सलियों ने जगह-जगह सडक़ काटी, इसके अलावा उस जगह पर नक्सलियों ने पर्चा भी लगाया है, जिसमें अग्निपथ योजना का विरोध नक्सलियों ने दर्ज करवाया है। हालांकि इस घटना की जानकारी मिलते ही उस इलाके में जवानों की सतर्कता की वजह से तत्काल ही मार्ग को मरम्मत कर बहाल करवाया जा चुका है ।
जैसे ही जवानों के इस बात की खबर लगी कि वहां सडक़ काटी जा रही है, पुलिस व कोबरा 201 के जवान मौके पर पहुंचे, जिसे देखकर सभी भाग खड़े हुए। मौके पर कोबरा दूसरे के जवानों ने काटे गए सभी गड्ढों को भरवा कर मार्ग को न केवल बहाल करवाया, बल्कि नक्सलियों के इस मंसूबे को भी नाकाम कर दिया, जिससे नक्सलियों की उपस्थिति के साथ-साथ जवानों की सतर्कता भी साफ तौर पर देखी जा रही है।
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने कहा है कि पुलिस बल और सीआरपीएफ कोबरा के जवान सेवा के लिए बिल्कुल तत्पर हैं। मार्ग को 1 घंटे में ही बहाल कर लिया गया है और बाढ़ राहत के कार्य भी नक्सली नहीं रोक पाएंगे। यह बेहद शर्मनाक है, गरीब ग्रामीणों की अंदरूनी गांव की सडक़ को नुकसान पहुंचा कर नक्सली अपना विकास विरोधी और आदिवासी विरोधी चेहरा प्रदर्शित कर रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब आदिवासी इन्हें बदतर से उखाड़ फेकेंगे।
सुकमा, 20 जुलाई। छत्तीसगढ़ की सीमा सुकमा जिले के कोंटा तहसील में पिछले 8 दिनों से गोदावरी एवं शबरी नदी ने अपना रौद्र रूप दिखा कर तबाही मचा रखी है। कोन्टा से लेकर फन्दीगुड़ा, इंजरम तक ग्रामीण बहुत ही विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लोगों के सहयोग के लिए सामने आ रहे हैं। भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने भी कोंटा, फन्दीगुड़ा, इंजरम गाँव में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया, साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिली। दीपिका ने राहत केंद्र जाकर उसका मुआयना भी किया।
दीपिका ने बताया- मैंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से बात की। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जो हमें सुविधा मिलनी चाहिए, वो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा- मैं जिला प्रशासन से अपील करना चाहती हूं कि बाढ़ पीडि़तों को उनके दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री मांग अनुसार प्रदाय किया जाए व बाढ़ खत्म होने के बाद बाढ़ में जो नुकसान हुआ है, उसका उचित मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाए।
विदित हो कि कोंटा से पहले फन्दीगुड़ा एवं इंजरम में पहले लगभग 100 मीटर व उसके बाद लगभग 400 मीटर पानी के तेज बहाव के बीच दो बार बोट से पार करने के पश्चात विषम परिस्थितियों के बीच दीपिका कोन्टा पहुंचीं।
छत्तीसगढ़ सीमा पर किया गंगा पूजन
कोंटा पहुंचने के पश्चात उन्होंने जहाँ छत्तीसगढ़ के सीमा तक पानी भरा हुआ था, उस स्थान पर जाकर शबरी एवं गोदावरी को अपने रौद्र रूप को शांत करने हेतु गंगा पूजन किया।
बाढ़ पीडि़तों से मिलकर जाना हाल
दीपिका ने बताया कि आज जब मैं इनके बीच पहुंची तो देखा कि बहुत से घर जलमग्न हो गए हैं। पानी के आगे सभी बेबस और मजबूर होकर अपने आशियाने को उजड़ते हुए देख रहे हैं, बहुत दु:ख हुआ है यह सब देखकर। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जल्द से जल्द कोन्टा व आसपास के निवासियों को इससे राहत प्रदान करें।
प्रशासन मुस्तैद, पर साधन अपर्याप्त
दीपिका ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद होकर कार्य कर रही है। यह समय राजनीति का नहीं हैं परन्तु पूरी मुस्तैदी के बावजूद उपलब्ध साधन अपर्याप्त है।प्रशासन को चाहिए कि वार्डवार टीम बनाकर एक-एक व्यक्ति तक पहुंचे व उनकी जरूरत के हिसाब से उन्हें मदद करें न कि एक लिस्ट के अनुसार। मैं व मेरी टीम भी पूरी तरह मदद करने को तैयार है।
प्रशासन चाहे तो हम भी साथ मिलकर कार्य करने को तैयार हैं।
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से हटाकर दूसरी जगह स्थान दे सरकार
कोंटा के बाढ़ पीडि़तों से जब हमने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि पोलावरम बांध के कारण अब तो हमेशा ही ऐसे ही हालात रहेंगे, इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि हमें इस स्थान से हटाकर किसी ऊंचे व अच्छी जगह में बसाया जाए व सरकार उचित मुआवजा देकर अपनी संवेदनशीलता दिखाए।
राहत केंद्रों का लिया जायजा
दीपिका ने कोंटा के राहत केंद्र पोटाकेबिन हाई स्कूल, बालक छात्रावास, बालिका छात्रावास एवं निजी स्कूलों में जो राहत केंद्र बनाए गए हैं, उनमें बाढ़ पीडि़तों व प्रबंधन टीम से मिलकर वहाँ की स्थिति का भी अवलोकन किया। दीपिका ने कहा कि अपर्याप्त साधनों के बीच सभी कर्मचारी पूरी लगन के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
मीडिया टीम को कहा धन्यवाद
उन्होंने मीडिया टीम को भी इस विषम परिस्थितियों में कार्य कर पल-पल की जानकारी आमजन व उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने हेतु धन्यवाद दिया व कहा कि वाकई सुकमा जिले की मीडिया टीम बधाई की पात्र हैं, जो इतने संवेदनशील क्षेत्र में इतनी कठिनाइयों के बीच कार्य कर रहे हैं।
कोंटा ब्लॉक के स्कूलों का हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 19 जुलाई। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड अंतर्गत बेहतर शिक्षा व्यवस्था की पोल खुली है। पोलमपल्ली में कन्या आश्रम जगरगुंडा के बच्चे जिस स्कूल में पढ़ाई करते हैं, वहां एक भी चपरासी न होने से स्कूल की सफाई से लेकर बैठने की व्यवस्था तक वहां के बच्चे खुद करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं उच्च प्राथमिक शाला में 100 बच्चों के पीछे एक प्राचार्य के साथ केवल एक शिक्षिका की पदस्थ हैं, जबकि इन 100 बच्चों के पीछे कुल 5 कक्षाएं लगती हैं, ऐसे में एक शिक्षिका एक समय में 5 कक्षाएं लेने को मजबूर हैं।
मंगलवार को जब ‘छत्तीसगढ़’संवाददाता स्कूल में शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे तो उन्होंने पाया कि छोटे-छोटे बच्चे वहां झाड़ू लगा रहे हैं और अपने बैठने की व्यवस्था कर रहे हैं। इस पर अधीक्षिका ललिता कंवर से ‘छत्तीसगढ़’ टीम ने बात की। अधीक्षिका ने बताया कि यहां चपरासी और शिक्षक की कमी है, जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन भी हमारे द्वारा किया गया है, ताकि शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके।
बच्चों की थाली से मेनू गायब सिर्फ दाल-भात
इतना ही नहीं कोंटा ब्लॉक के ही बुर्कापाल प्राथमिक शाला में भी ‘छत्तीसगढ़’ पहुंची, जहां बच्चों की थाली से मेनू ही गायब था। जहां प्रदेश के मुखिया बच्चों को बेहतर मध्यान्ह भोजन देने के निर्देश देते हैं, वहीं दूसरी ओर सुदूर अंचल क्षेत्र में बच्चों की थाली से मेनू ही गायब हो जाता है।
जब ‘छत्तीसगढ़’ टीम बुर्कापाल पहुंची तो बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसा जा रहा था। ह‘छत्तीसगढ़’ ने पाया कि लगभग सभी बच्चों की थाली में केवल दाल और चावल ही नजर आ रहा था, जिसके बाद ‘छत्तीसगढ़’ की टीम स्कूल के रसोईघर तक पहुंची, जहां खाना परोसा जा रहा था, वहां भी यही स्थिति थी। रसोइए से पूछा गया तो उनका कहना था कि सब्जी नहीं है, इसलिए केवल दाल चावल ही दिया जा रहा है।
2 महीने से समूह ने उपलब्ध नहीं करवाया राशन
इस मामले पर इलाके के संकुल समन्वयक मोहनलाल दिल्लीवार ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मां दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन के लिए राशन उपलब्ध कराया जाता है, जो बार-बार बोलने के बाद भी जून औऱ जुलाई का राशन उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते मध्यान्ह भोजन व्यवस्थित रूप से नहीं दिया जा पा रहा है। शिक्षक अपनी व्यवस्था पर वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे।
इस मामले पर दुर्गा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष दीपाली रानी से फोन पर ‘छत्तीसगढ़’ ने चर्चा की, जिस पर उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से मैं राशन नहीं पहुंचा पाई। राशन चिंतलनार में रखा है, मैं शिक्षक से बोली थी कि वक्त मिले तो राशन ले आएं। फिलहाल में बाहर हूँ, 1-2 दिन में ही राशन मैं स्कूल में पहुँचवाऊंगी।
सुकमा, 18 जुलाई। सावन के पहले सोमवार को शहर के मध्य स्थित श्रीश्री महाकाली मंदिर में स्थित शिवालय में हर-हर महादेव, जय ओम शिवकारा की गूंज सुनाई दी। सुबह से ही श्रद्धालुओं की मंदिरों में खासी भीड़ रही, वहीं शिवालयों के साथ अन्य मंदिरों पर भी दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।
शहर के बस स्टैण्ड स्थित शिव मंदिर, महादेव मंदिर, राजवाड़ा स्थित शिव मंदिर, महादेव मंदिर आदि अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। कई लोगों ने पंडितों की मौजूदगी में शिव महाभिषेक किया। महामृत्युंजय के जाप शुरू हुए तथा रुद्राभिषेक किया गया, वहीं सावन मास में एक महीने तक प्रत्येक शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का दौर चलेगा।
शहर के मध्य बस स्टैण्ड स्थित मंदिर और मेनरोड स्थित महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए सुबह 5 बजे से ही लंबी-लंबी लाइन दोपहर तीन बजे तक लगी रही, वहीं मंदिर परिसर में कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
कई लोगों ने घर पर ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। पंडितों के द्वारा शिव महापुराण पाठ कराकर रात्रि को भगवान भोले की भक्ति में जगराता किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 जुलाई। सुकमा जिले के बिराभट्टी गांव में एक बार फिर नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर धारदार हथियार से हत्या कर दी है। घटना के बाद गांव में दहशत है। हत्या की जिम्मेदारी कोंटा एरिया कमेटी ने ली है। मौके पर नक्सलियों का हस्तलिखित पर्चा भी बरामद किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र के बिराभट्टी के ग्रामीण मडक़ाम हांदा की नक्सलियों ने धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है।
बताया जा रहा है कि रविवार की देर शाम कुछ नक्सली बिराभट्टी गांव पहुंचे और मडक़ाम हांदा को घर से उठाकर गांव से कुछ दूर लेकर गए, जहां उसकी हत्या कर दी। नक्सलियों की कोंटा एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी ली है ।
मौके से नक्सलियों का हस्तलिखित पर्चा भी बरामद किया गया है, जिसमें मृतक पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए हत्या किए जाने की बात लिखी गई है। इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है।