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दुनिया की टॉप 10 'वैक्सीन-वीमन', जिन्होंने जीती कोरोना के खिलाफ जंग
06-Jan-2021 1:16 PM
दुनिया की टॉप 10 'वैक्सीन-वीमन', जिन्होंने जीती कोरोना के खिलाफ जंग

भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड (Covaxin & Covishield) दो वैक्सीनों को मंज़ूरी मिल चुकी है. इसी तरह, दुनिया भर में कई वैक्सीनें आधिकारिक तौर पर अप्रूव हो चुकी हैं. लगभग इन सभी वैक्सीनों के डेवलपमेंट के पीछे किसी न किसी महिला वैज्ञानिक (Women Scientists) की भूमिका रही. दुनिया को महामारी से मुक्त करने में विज्ञान और रिसर्च में अग्रणी इन महिलाओं को जानिए.

के समुति : भारत में मंज़ूर हुई भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सिन के डेवलपमेंट में कंपनी की रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग की प्रमुख डॉ. सुमति की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. जीका और चिकनगुनिया के खिलाफ वैक्सीन बनाने में भी सुमति ने योगदान दिया था और इस बार कोविड के खिलाफ वैक्सीन डेवलपमेंट में वह हैदराबाद बेस्ड कंपनी की कोर टीम में रहीं.

सारा गिलबर्ट : ब्रिटेन की वैक्सीन विशेषज्ञ सारा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन डेवलपमेंट में प्रमुख भूमिका अदा की, जिसका उत्पादन मंज़ूरी मिलने के बाद भारत का सिरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड करेगा. वैक्सीटेक की सह संस्थापक सारा तीन जुड़वां बच्चों की मां हैं और उनके तीनों बच्चों ने उनकी वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लिया. दिन रात वैक्सीन के लिए मेहनत करने वाली सारा की टीम को वैक्सीन बनाने के लिए यूके से 22 लाख यूरो की ग्रांट मिली थी.

(तस्वीर twitter से साभार)

नीता पटेल : मैरीलैंड में मुख्यालय रखने अमेरिकी वैक्सीन डेवलपमेंट कंपनी नोवावैक्स में अग्रणी मॉलीक्यूलर वैज्ञानिक के तौर पर नीता ने भूमिका निभाई. उनकी वैक्सीन टीम को पूरी तरह महिला टीम बताया गया. हालांकि उनकी टीम द्वारा डेवलप वैक्सीन अब भी ट्रायल के अंतिम चरण में है लेकिन इस वैक्सीन को अनूठे आइडिया पर बेस्ड बताया गया है. जानियस कही जाने वाली नीता गुजरात के एक गांव से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता टीबी के शिकार थे और बचपन से ही उन्होंने डॉक्टर बनने तय किया था. 

(तस्वीर wikicommons से साभार)

कैटलिन कैरिको : हंगरी की इस महिला वैज्ञानिक का नाम फाइज़र और बायोएनटेक की वैक्सीन के पीछे रहा. क्लीनिकल ट्रायलों में 95 फीसदी असरदार पाई गई इस वैक्सीन के लिए कैटलिन की भूमिका यह रही कि जब आरएनए तकनीक को वैक्सीन के लिए अव्यावहारिक आइडिया माना जा रहा था, तब 66 वर्षीय कैटलिन ने इसकी वकालत अपने करियर की शर्त पर की और कामयाबी यह कि यही वैक्सीन दुनिया भर में अग्रणी साबित हुई. 

(तस्वीर usatoday से साभार)

कैथरीन जेनसेन : बायोएनटेक और फाइज़र वैक्सीन के डेवलपमेंट के कार्यक्रम में जर्मन वैज्ञानिक कैथरीन प्रमुख रहीं. ज़ूम मीटिंगों में 650 लोगों की टीम के साथ हर वक्त जुड़कर दिन रात वैक्सीन बनाने में जुटी रहीं कैथरीन पहले एचपीवी और न्यूमोकल वैक्सीन की रिसर्च में भी शामिल रही हैं. कैटलिन कैरिको के साथ मिलकर वैक्सीन के लिए कैथरीन ने mRNA के आइडिया पर काम किया. 

 (तस्वीर twitter से साभार)

ओज़लेम टूरेसी : बायोएनटेक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जर्मन बिज़नेसवूमन ओज़लेम और उनके पति उगुर सहीन दोनों ही उस वैक्सीन के पीछे रहे, जो उनकी कंपनी और फाइज़र ने मिलकर डेवलप की. अमेरिका और यूके में इस वैक्सीन को मंज़ूरी मिली, जिसके पीछे तीन दशकों की काबिलियत और करीब दस महीनों की अनथक मेहनत रही.

 (तस्वीर twitter से साभार)

किज़मेकिया कॉर्बेट : मैरीलैंड में स्वास्थ्य के नेशनल इंस्टीट्यूट स्थित वैक्सीन रिसर्च सेंटर में वायरोलॉजिस्ट अफ्रीकी अमेरिकी डॉक्टर किज़मेकिया कोरोना के खिलाफ बनी टीम में अग्रणी वैज्ञानिक हैं. इस सेंटर को कोविड 19 के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लक्ष्य से बनाया गया. कोविड 19 के खिलाफ दो वैक्सीनों के लिए बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के साथ किज़मेकिया की टीम ने काम किया.

 (तस्वीर wm.edu से साभार)

लीसा जैक्सन : अमेरिका में मॉडर्ना और एनआईएच के फेज़ 3 ट्रायलों की प्रमुख रहीं डॉ. लीसा को टाइम पत्रिका ने उनके बेहतरीन वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए कोट किया था. काफी असरदार पाई गई mRNA-1273 वैक्सीन के ट्रायल के पहले फेज़ में भी लीसा ने ही अहम भूमिका निभाई थी और इस बारे में स्टडी भी की थी.

(तस्वीर jnj.com से साभार)

हैनेक शूटमेकर : एम्सटरडम की यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डच वैज्ञानिक हैनेक जॉनसन एंड जॉनसन की जैनसेन वैक्सीनों के कार्यक्रमों और वायरल वैक्सीन खोज के लिए ग्लोबल हेड हैं. एचआईवी की वैक्सीन पर रिसर्च जारी रखते हुए नीदरलैंड्स में कोविड वैक्सीन डेवलपमेंट ट्रायलों में 57 वर्षीय हैनेक महत्वपूर्ण रहीं. 

 (तस्वीर रशियाबियोंड से साभार)

एलेना स्मोलयरचक : एलेना एक रूसी वैज्ञानिक हैं और मॉस्को की यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के क्लीनिकल रिसर्च केंद्र में डायरेक्टर हैं. चर्चाओं में रही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V की स्टडी को एलेना के नेतृत्व में ही अंजाम दिया गया. रूस में वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए एलेना ही मुख्य रिसर्चर रहीं.  (news18.com)


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