स्थायी स्तंभ
कमलनाथ के सहयोगी की ट्वीट
कांग्रेस पार्टी से जुड़़े हुए लोग जब कांग्रेस के मामलों पर कुछ कहते हैं तो वह न तो अनायास होता, और न ही मासूम होता। कांग्रेस पार्टी के हिन्दी विभाग के सचिव रहे, या शायद अभी भी हैं, पंकज शर्मा को मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपना मीडिया सलाहकार बनाया था। आज सुबह उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ईश्वर करे कि त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव की ललक की लपटें इतनी न लपकें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ताताचट का अहसास हो। यही कामना मंै अशोक गहलोत के लिए करूंगा कि सचिन पायलट की सहनशीलता फिर जवाब न दे।
अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर कमलनाथ के सहयोगी रहे पंकज शर्मा के इस बयान के पीछे की नीयत भी देखी जानी चाहिए क्योंकि वे आज भी कमलनाथ की तारीफ की ट्वीट कर ही रहे हैं। उन्होंने बीती आधी रात के बाद लिखा है- कमलनाथ ने अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापिसी का कमाल दिखा दिया तो वे इतिहास में कमाने-गंवाने-कमाने की कला का अमर प्रतीक बन जाएंगे।
कल ही कमलनाथ के इस मीडिया सलाहकार रहे कांग्रेस से जुड़े व्यक्ति ने पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री के बारे में लिखा है- कैप्टन अमरिंदर अपने आसपास की चहल-पहल पर जरा ठीक से निगाह नहीं रखेंगे तो उनका तो जो होगा सो होगा, कांग्रेस का बड़ा नुकसान हो जाएगा। अब इन तमाम ट्वीट का मतलब इन तीनों राज्यों के कांग्रेस के लोगों को निकालना चाहिए।
बीजापुर की अंजलि पंजाब पढऩे जायेगी?
फिल्मों में प्राय: खलनायक की भूमिका में नजर आने वाले सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया। सैकड़ों लोगों के लिये वे मसीहा के रूप में सामने आये। उनकी टीम ने इसके अलावा भी लोगों की मदद पहुंचाई। इनमें बीजापुर की अंजलि भी है जिसका घर बाढ़, बारिश में ढह गया और उसकी सारी किताबें भींगकर खराब हो गई। सोशल मीडिया के जरिये सोनू सूद तक यह बात पहुंची। उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया, रो मत बहना तुम्हें नया घर भी मिलेगा और तुम्हारी पढ़ाई भी पूरी होगी। इस ट्वीट के बाद घर को दुबारा खड़ा करने के लिये प्रशासन भी मदद के लिये आगे आया। अब सोनू सूद की टीम ने अंजलि को पंजाब या हरियाणा की किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जैसी ख़बरें आई है अंजलि को तो प्रस्ताव मंजूर है पर उसने फैसला अपने पिता पर छोड़ दिया है। हमें लगता है कि अवसर अच्छा है। अंजलि को बाहर पढऩे के लिये हामी भर देनी चाहिये। अब तो यहां से लड़कियां आईएएस भी बन रही हैं। झिझक टूटेगी तब वह भी आगे बढ़ेगी।
लोग मानें तब न टूटे कोरोना की चेन
एक बार फिर छत्तीसगढ़ के अधिकांश शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है। बेमेतरा, मुंगेली, रायगढ़ में पहले से ही लॉकडाउन चल रहा है जबकि दुर्ग में कल से और रायपुर, बिलासपुर में 22 से एक सप्ताह के लिये लॉकडाउन लागू होने जा रहा है। रायपुर, बिलासपुर में वैसे तो लॉकडाउन की कई दिनों से मांग हो रही थी पर आधिकारिक आदेश शनिवार की शाम को जारी किया गया। जरूरी खरीदी के लिये ढाई दिन का पर्याप्त समय था, पर लॉकडाउन की घोषणा होते ही लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ पड़ी मानो कुछ देर बाद ही सब कुछ बंद होने वाला है। सोशल डिस्टेंसिंग की जिस तरह से दुकानों में मजाक हुआ लोग खुद के साथ ही खिलवाड़ कर रहे थे। लॉकडाउन के मकसद को ही लोग भूल गये। ऐसी स्थिति से प्रशासन आखिर कैसे निपटे? इस बार लॉकडाउन के दौरान फल, सब्जी और किराना दुकानों को भी बंद रखा जा रहा है। सबसे ज्यादा नियम उल्लंघन इन्हीं जगहों पर हो रहा था। पिछले आंकड़े बताते हैं कि अब तक लॉकडाउन से कोरोना केस कम करने में खास मदद नहीं मिली। अब देखें कि ज्यादा सख्त लॉकडाउन लगने से कोई फर्क पड़ता है या नहीं।
चलती तो विधायक की भी है...
15 साल बाद कांग्रेस पर ऐसी कृपा बरसी कि संघर्ष करने वालों को समायोजित करना बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। नगर-निगम चुनाव में जिन लोगों को टिकट नहीं मिली उनको भरोसा दिलाया गया कि आगे पद दिये जायेंगे। प्रदेशभर में निगम-मंडल में अनेक नियुक्तियां हुईं, जितने खुश हुए उससे ज्यादा लोग नाराज। बिलासपुर नगर-निगम में कल घोषित एल्डरमैन की सूची भी कुछ ऐसी ही है। जिन 11 लोगों को मौका मिला उनमें ज्यादातर वे थे जिनको कांग्रेस ने टिकट नहीं दी थी। कुछ एक नाम ऐसे भी थे जिनको बागी प्रत्याशी ने हरा दिया। यहां तक तो बात ठीक थी। पर संगठन का खेमा बड़ा नाराज़ चल रहा है। जिनके बारे में यह राय थी कि एक पत्ता भी उनके इशारे के बिना नहीं हिलता। एक बड़े पदाधिकारी ने यहां तक कह दिया कि जिन लोगों ने कांग्रेस की सरकार बनाने के लिये लाठियां खाईं उनको दरकिनार कर दिया गया। सबको पता ही है कि कांग्रेस भवन में पुलिस ने घुसकर लाठियां चलाई थी और कई कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता घायल हो गये थे। यह घटना अब दो साल पुरानी हो चुकी है और किसी पर अब तक बस जांच ही चल रही है, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिलचस्प यह है कि 11 नामों में से 7 नाम स्थानीय विधायक के हैं। अब तक हवा यह रही है कि उनकी बात ऊपर सुनी नहीं जाती। सूची घोषित होने के बाद उनके घर भीड़ बढऩे होने लगी है।
ऐसे किया गया मुंह बंद...
कोरबा सबसे मालामाल जिला है। जिला खनिज फाउन्डेशन के कोष में 100 करोड़ से भी ज्यादा हर साल मिल जाते हैं। भाजपा की सरकार जब थी यह रकम कलेक्टर की मर्जी से खर्च की जाती थी। अब इसके लिये समन्वय समिति बना दी गई है। इसके चलते बदलाव यह हुआ है कि सत्तारूढ़ दल की भी चल रही है। किसे किस काम का ठेका मिले यह तय करने के लिये विधायक, सांसद और मंत्री की सिफारिश होती है। हाल ही में एक कांग्रेस नेता को आसपास के इलाकों में किसी काम के लिये दो करोड़ का ठेका मिला। नियमों में ढील देते हुए। न्यास के फंड से पहले बहुत से काम कर चुके एक भाजपा नेता ने भी दावा किया था। उसने इधर उधर चि_ी लिखी, शिकायत की। मामला कैसे सुलझा? अब इस भाजपा नेता को भी एक दूसरा काम मिल गया है। खुद कांग्रेस पार्टी के ताकतवर नेताओं ने भाजपा के लोगों को काम दिलाया।
- 1952-अल्फ्रेड हर्शी तथा मार्था चेज़ ने स्पष्ट किया कि डी.एन.ए. में आनुवांशिक गुण निहित होते हैं।
- 1813- चमड़ा निर्माण में पहला पेटेन्ट सेद बॉयडन ने प्राप्त किया जिन्होंने एक टैनरी की स्थापना की।
- 1995 - संयुक्त राज्य महासभा का 50 वां अधिवेशन प्रारम्भ।
- 2000 - क्लिंटन दम्पत्ति व्हाइट वाटर कांड के आरोपों से मुक्त।
- 2001 - अमेरिका ने 150 लड़ाकू विमान खाड़ी में उतारे।
- 2003- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इस्रायल से यासिर अराफ़ात की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।
- 2004 - इंडोनेशिया में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान।
- 2006 - ब्रिटेन के रॉयल बॉटैनिक गार्डन्स के वैज्ञानिकों को 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली। बहरीन में विश्व कन्नड़ संस्कृति सम्मेलन का आयोजन। 15 वर्ष बाद ब्रूसेल्स में भारत महोत्सव का आयोजन पुन: प्रारम्भ।
- 2007 - फ्रांस की सबसे वृद्ध महिला सिमोन कैपोन की 113 की उम्र में मृत्यु ।
- 2009 - मराठी फि़ल्म हरिशचन्द्राची फैक्ट्री को आस्कर अवाड्र्स की विदेशी फि़ल्म कैटिगरी में भारत की एंट्री के तौर पर चुना गया।
- 1911 -भारतीय आध्यात्मिक नेता श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्म हुआ।
- 1949 -हिन्दी कला फि़ल्में देने वाले निर्माता निर्देशक महेश भट्ट, का जन्म हुआ।
- 1933 -भारत में होमरुल लीग की संस्थापिका एनी बेसेंट का निधन हुआ
- 1942 - भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ का निधन हुआ।
- 1888-अमेरिकी चिकित्सक डेविड मैरीन का जन्म हुआ, जिन्होंने घेंघा रोग के इलाज पर अनुसंधान किया और पता लगाया कि अगर भोजन के साथ आयोडीनयुक्त नमक दिया जाये तो यह घेंघा के रोकथाम में बहुत मददगार होता है। (निधन-6 नवम्बर 1976)
- 1842 -ब्रिटिश रसायनज्ञ और भौतिकशास्त्री सर जेम्स डेवर का निधन हुआ, जिन्होंने अल्प-तापमान का अध्ययन किया और दो कुचालक डिब्बे का आविष्कार किया जिसे आज थर्मस में इस्तेमाल किया जाता है। (निधन-27 मार्च 1923)
- 1965-अंग्रेज़ भूविज्ञानी और पाषाण विज्ञानी आर्थर होल्म्स का निधन हुआ, जो बीसवीं सदी के प्रमुख भूवैज्ञानिकों में एक माने जाते हैं। उन्होंने भौतिकभूशास्त्र का अध्ययन किया तथा आग्नेय चट्टानों के उद्गम के बारे में बताया। (जन्म 14 जनवरी 1890)
- 2000 -रूसी अंतरिक्ष यात्री घेरमन स्टैपैनोविक टिटोव का निधन हुआ, जो 6-7 अगस्त 1961 को वोस्टोक-2 अंतरिक्षयान के चालक थे। वे एक दिन से अधिक अंतरिक्ष में रहने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री थे।(जन्म 11 सितम्बर 1935)
- महत्वपूर्ण दिवस
- रेलवे सुरक्षा बल की स्थापना दिवस
मुकाबला किताबों का...
छत्तीसगढ़ के कुछ आईएएस-आईपीएस अफसरों के बीच एक दिलचस्प बहस चल रही है जिसमें वे अपनी किताबों की आलमारियों की तस्वीरें डालकर अपना खजाना दिखा रहे हैं। अब जब एक ने आलमारियां दिखा दीं, तो देखा देखी में दूसरे अफसर ने भी किताबों को अपना खजाना पेश कर दिया। लेकिन साथ-साथ विनम्रता से यह भी लिख दिया कि वे किताबें रखने का मुकाबला तो कर सकते हैं, ज्ञान का मुकाबला नहीं कर सकते।
आज के वक्त में अफसरों के बीच ज्ञान दुर्लभ है, और उससे थोड़ा ही कम दुर्लभ है गंभीर और महत्वपूर्ण किताबें रखना। कई अफसर तो ऐसे हैं जिनसे मिलते हुए आपको दस-बीस बरस गुजर जाएं, लेकिन उनके मुंह से कभी किसी एक किताब का नाम न निकले, कभी उनकी मेज पर किताब नाम की धूल जमी हुई न दिखे। गिने-चुने ही ऐसे लोग रहते हैं जो पढऩे में भरोसा रखते हैं। पुलिस महकमे में पिछले बरसों में कम से कम दो ऐसे अफसर रहे जो कि देश भर के पुलिसवालों में सबसे अधिक पढऩे वाले थे। सुभाष अत्रे, और विश्वरंजन। दोनों ही खूब किताबें खरीदते थे, खूब पढ़ते थे, और किताबों के ज्ञान की खूब चर्चा भी करते थे। इनमें से विश्वरंजन काफी कुछ लिखते भी थे, लेकिन सुभाष अत्रे उस मेहनत से बचे रहते थे। अभी जिन दो अफसरों में ट्विटर पर किताबों का मुकाबला चल रहा है, वे अभी-अभी डीजी बने आर.के.विज, और रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष चित्तरंजन खेतान हैं। विज लगातार देश के अखबारों में लिखते भी रहते हैं, और खेतान कम से कम पढ़ते तो रहते ही हैं। सरकार में रहते हुए पढऩे वालों का नजरिया कुछ अलग रहता है, इस बात को उनसे मिलने-जुलने वाले लोग समझ सकते हैं, यह एक अलग बात है कि उससे सरकार में उनका सम्मान बढ़ता हो, या न बढ़ता हो।
सुभाष अत्रे जब तक छत्तीसगढ़ में रहे उनसे कोई पढऩे के शौकीन मिलें, तो वे तुरंत मेज के बगल से बक्सा उठाकर ताजा आई किताबें दिखाने लगते थे। उनका ज्ञान भी इनसाइक्लोपीडिया सरीखा था, और विश्वरंजन का भी। अब दोनों यहां नहीं रहे, और इसका बड़ा नुकसान उनके साथ चर्चा करने वाले लोगों का हुआ है।
पुनिया से जुड़ी खुशी
पीएल पुनिया के दोबारा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बनने से कई समीकरण बदल गए हैं। पहले उनके प्रभारी पद से हटने की चर्चा थी। यह भी हल्ला था कि पुनिया की मौजूदगी में निगम-मंडलों की जो सूची तैयार की गई थी, उसमें कुछ बदलाव होगा। दरअसल, पुनिया ने कुछ नाम जुड़वाए थे, जिस पर कई प्रमुख लोग सहमत नहीं थे। अब जब दोबारा प्रभारी बन गए हैं, तो निगम-मंडलों की सूची में बदलाव होना मुश्किल है। पुनिया के प्रभारी बनने एक युवा नेता काफी खुश हैं। पहले युवा नेता को निगम-मंडलों में पद देने पर सहमति बन गई थी। मगर पुनिया के हटने की चर्चा के साथ-साथ युवा नेता का नाम भी कटने के आसार जताए जा रहे थे। अब जब पुनिया प्रभारी बन गए हैं, तो नाम कटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसे में युवा नेता का खुश होना लाजमी है।
- 1848-बॉण्ड (अमेरिका) और लैसेल (इंग्लैण्ड ) ने हाइपेरियन नामक शनि के चन्द्रमा की खोज की।
- 1988 -इजऱायल ने अपना पहला उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा।
- 1962 - भारत की उत्तरी सीमा पर चीन द्वारा आक्रमण।
- 1983 - ब्रिटिश उपनिवेश कैरीबियन द्वीप, सेंट किट्स एवं नेविस स्वतंत्र।
- 1996 - एलिजा इजेत्बोगोविक युद्धोत्तरकालीन बोस्निया के प्रथम राष्ट्रपति बने।
- 2002 - इस्रायल के सैनिकों ने पश्चिमी किनारे पर फिलीस्तीन नेता यासिर अराफ़ात की घेराबंदी की।
- 2006 - सरकार का तख्ता पलटने के बीच थाइलैंड में इमरजेंसी लागू। पोप बेनेडिक्ट ने अपनी इस्लाम संबंधी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उत्तर कोरिया के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध को जापान ने मंजूरी प्रदान की। भारत ने आईएमएफ़ से सहयोग का वायदा किया।
- 2007 - साइबर वार की संभावना को देखते हुए अमेरिकी एयरफ़ोर्स ने अस्थायी कमांड का गठन किया।
- 2008 - सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए शुरू किए गए सलवा जुडूम के कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को बंद करने का निर्देश दिया।
- 2009 - गुजरात के गोधरा काण्ड के बाद भडक़े दंगे की मामले की जांच कर रहे नानावती आयोग ने राज्य में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा छह अन्य लोगों को तलब करने की मांग वाली याचिका का पिटारा किया।
- 1936 -भारतीय संगीतकार विष्णु नारायण भातखंडे का निधन हुआ।
- 1871 -जर्मन जन्तु विज्ञानी फ्रिट्ज़ रिचर्ड शाउडिन का जन्म हुआ, जिन्होंने त्वचा विज्ञानी एरिक हॉफमैन के साथ सन् 1905 में सिफलिस बीमारी के कारक स्पायरोकीट, स्पायरोकीटा पैलिडा की खोज की। (निधन-22 जून 1906)
- 1864- जर्मन वनस्पति विज्ञानी और आनुवांशिकविद् कार्ल एरिक कोरेन्स का जन्म हुआ, जिन्होंने 1900 में एरिक शेरमैक वॉन सेसेनेग और ह्यूगो डी व्राइस से अलग स्वतंत्र रूप से मेंडल के नियम को फिर से प्रायोगिक रूप से विकसित किया। (निधन- 14 फरवरी 1933)
- 1968 -भौतिकशास्त्री चेस्टर एफ. कार्लसन का निधन हुआ, जिन्होंने 22 अक्टूबर 1938 में ज़ैरोग्राफी (फोटोकॉपी) की खोज की जिससे किसी भी पुस्तक या कार्यालयों के दस्तावेज़ों की हूबहू प्रतिलिपि निकलती थी। (जन्म 8 फरवरी 1906)
- 1818 -स्वीडन के वनस्पति विज्ञानी ओलोफ स्वार्ट्ज़ का निधन हुआ, जिन्होंने वेस्टइंडीज़, जमैका, उत्तरी अमेरिका आदि जगहों पर कई तरह के पौधे एकत्र किए, तथा लौटने पर इन्होंने करीब 900 प्रजातियों को ढूंढ़ा तथा सन् 1797 से 1806 तक तीन अंकों में प्रकाशित पुस्तक फ्लोरा इण्डी ओक्सिडेन्टेलिस में लिखा। (जन्म 21 सितम्बर 1760)
प्राइवेट अस्पतालों से सेवा-भाव की उम्मीद
निजी अस्पतालों में कोरोना जांच के नाम पर गंभीर बीमार मरीजों के इलाज में देर हो रही है। नतीजा यह है कि उनकी मौत भी हो रही है। निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमाफिक वसूली कर रहे हैं। इतनी बड़ी रकम जो मरीज के परिवार की क्षमता से बाहर है। व्यापारिक गतिविधियों में अवरोध के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। इसके चलते कर्ज लेने व सम्पत्ति सम्बन्धी कठिनाई हो रही है। इससे न सिर्फ असमानता बढ़ रही है बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हो रही है। इसे देखते हुए सुझाव है कि जिला व ब्लॉक स्तर पर देखें कि निजी अस्पताल सेवाभाव से न्यूनतम इलाज खर्च ले। जिन निजी अस्पतालों ने अब तक कोविड-19 मरीजों का उपचार किया उन्होंने क्या भुगतान प्राप्त किया उसकी सूची लें और प्रबंधन के दावे और परिवार से बात करके मिलान करें। अधिक राशि वसूल की गई हो तो वापस करें। 12-15 अधिकारियों की टीम बनायें, जो नियमित रूप से इसकी निगरानी रखें।
यह चि_ी है रायपुर के संभागीय कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र की, जो उन्होंने अपने क्षेत्र के सभी पांच जिलों के कलेक्टर्स को लिखा है। आम तौर पर कलेक्टर या तो मंत्रालय की सुनते हैं या फिर अपनी खुद की। रायपुर कमिश्नर का यह पत्र उनकी अंतरात्मा से निकली हुई आवाज लगती है। तथ्यात्मक किन्तु भावुकता से भरी अपील है। कलेक्टर्स को अमल करनी चाहिये। निजी अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों के साथ क्या हो रहा है रोज ख़बरें आ रही हैं। इस विपत्ति को कमाई के मौके में वे न बदल पायें इसके लिये कोई निगरानी कमेटी तो होनी ही चाहिए।
अब लॉकडाउन के लिये भी आंदोलन
कोरोना के बढ़ते मामलों को कैसा रोका जाये इसका कारगर तरीका पूरी दुनिया नहीं ढूंढ पा रही। छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही हो रहा है। अब जब गांव कस्बों में भी संक्रमण और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है लॉकडाउन की मांग उठ रही है। बहुत से लोग मानते हैं कि लॉकडाउन बेअसर है। चार बार लॉकडाउन के बाद कोरोना तो थमा नहीं लेकिन रोजगार-धंधे चौपट हो गये जो अब तक दुबारा खड़े नहीं हो पाये हैं। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर जैसे शहरों में लॉकडाउन के दौरान भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले आते रहे। धमतरी में तो व्यापारी सडक़ पर प्रदर्शन ही करने लगे। यहां वे कलेक्टर से नाराज चल रहे हैं कि वादे के मुताबिक उन्होंने लॉकडाउन नहीं किया। मुंगेली में लोगों की लगातार मांग के बाद आज 17 सितम्बर से लॉकडाउन शुरू कर दिया है, जो लगातार 23 सितम्बर तक रहेगा। बिलासपुर में भी तीन दिन से बयान दे देकर जिला प्रशासन पर दबाव बनाया गया है कि वे लॉकडाउन का फैसला लें। व्यापारियों के साथ वहां आज बैठक हो रही है। लॉकडाउन सही है या गलत इस पर अलग-अलग राय हो सकती है पर, इसमें तो दो राय नहीं हो सकती कि अनलॉक हुए बाजार, दफ्तरों में सैनेटाइजर, मास्क, शारीरिक दूरी के नियम का हर जगह घोर उल्लंघन हो रहा है और इससे कोरोना के केस बढ़ रहे हैं।
- * 1818- चिली को स्पेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। 1536 में स्पेन ने चिली पर क़ब्ज़ा कर लिया था। 1814 में चिली में स्वतंत्रता संग्राम आरंभ हुआ। उस वर्ष राष्ट्रवादियों को सरकारी सैनिकों से पराजय हो गयी। सन 1817 में अर्जेन्टाइना के सेना कमांडर खोज़े सान मार्टिन ने कई हज़ार सैनिकों के साथ चिली सहित स्पेन के उपनिवेशों पर आक्रमण किया उसने चिली के स्वतंत्रता प्रेमियों के साथ मिलकर स्पेन के सैनिकों को पीछे हटने पर विवश कर दिया और इस प्रकार 1818 में आज ही के दिन चिली स्वतंत्र हुआ।
- चिली 1980-क्यूबा के पहले लैटिन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अर्नाल्डो टैमयो मेन्डेज़ पहले लैटिन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बने।
- 1986 - मुम्बई से पहली बार महिला चालकों ने जेट विमान उड़ाया।
- 1997 - सं.रा. अमेरिका ने होलोग नाम से भूमिगत परमाणु परीक्षण किया, ओज़ोन परत की रक्षा के लिए 100 देशों ने सन् 2015 तक मिथाइल ब्रोमाइड का उत्पादन बन्द करने का निश्चय किया।
- 1998 - सं.रा. अमेरिका के ऊपर संयुक्त राष्ट्र का 1 अरब डालर बकाए की घोषणा।
- 2003 - ढाका-अगरतला बस सेवा शुरू।
- 2006 - रूसी राकेट सोयूज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना। संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद की दौड़ में अफग़़ानिस्तान के पूर्व वित्तमंत्री अशरफ़ गनी शामिल।
- 2007 - कनाडा में 1960 के दशक में जीवाश्म की खोज से तहलका मचाने वाले भारतीय जियोलॉजिस्ट जी.बी. मिश्रा को विशेष सम्मान से नवाजा गया।
- 2008- शोभना भरतिया एचटी मीडिया की अध्यक्ष नियुक्त हुई।
- 2009 - सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कम्पनी एच. सी. एल. के संस्थापक अध्यक्ष शिव नायर को ब्रिटेन के ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट बिजनेस पर्सन आफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। भारत ने लद्दाख क्षेत्र में अपनी एक और हवाई पट्टी खोली।
- 1906 -भारतीय हास्य कवि काका हाथरसी का जन्म हुआ।
- 1950 - हिन्दी फि़ल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आज़मी का जन्म हुआ।
- 1907 - अमेरिकी नाभिकीय भौतिक शास्त्री ऐड्विन मैकमिलन का जन्म हुआ, जिन्हें तत्व-93 की खोज करने के लिए सन् 1951 में ग्लेन टी. सीबोर्ग के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। (निधन-7 सितम्बर 1991)
- 1951- अंग्रेज़ अणु जीव वैज्ञानिक जॉन क्लार्क का जन्म हुआ, जो पालतू जानवरों में अणुविज्ञानी तकनीक का इस्तेमाल करने वाले पहले वैज्ञानिक थे। (निधन-12 अगस्त 2004)
- 1977 - स्विस गणितज्ञ पॉल बर्नेज़ का निधन हुआ, जो गणित के एकीकृत सिद्धान्त के प्रतिपादन के लिए जाने जाते हैं। (जन्म 17 अक्टूबर 1888)
- 1967 - ब्रिटिश भौतिकशास्त्री सर जॉन कॉकक्रॉफ्ट का निधन हुआ, जिन्होंने आयरलैंड के अर्नेस्ट टी. एस. वॉल्टन के साथ आण्विक नाभिक का अध्ययन हेतु कण त्वरक के इस्तेमाल के लिए 1951 में नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 27 मई 1897)
मंत्रालय खतरे में
कोरोना से बचने के लिए अफसर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। कृषि सचिव एम गीता के पास फाइल भी अब सैनिटाइज होकर पहुंचती है। सबसे ज्यादा कृषि विभाग के अफसर-कर्मी ही कोरोना की चपेट में आए हैं।
पिछले दिनों मंत्रालय के ही एक विभाग में दो कर्मचारियों के पाजिटिव आने पर बाकी कर्मचारी अवकाश पर जाना चाहते थे, लेकिन विभागीय सचिव इसके लिए तैयार नहीं हुई, तब कर्मचारियों ने एक राय होकर सचिव तक खबर भिजवाई, कि सभी कोरोना पाजिटिव कर्मचारी के संपर्क में रहे हैं। ऐसे में उन्हें क्वॉरंटीन रहना होगा। इस तर्क का कोई काट नहीं था। लिहाजा, सचिव को अनुमति देनी पड़ी।
बाकी राज्यों को रास्ता दिखाया
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की दूरदर्शिता ही थी कि कोरोना संक्रमण काल में चार दिन का सत्र ठीक-ठाक निपट गया। विधानसभा की टीम ने सत्र शुरू होने से पहले कोरोना फैलाव रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। इससे परे मध्यप्रदेश विधानसभा के एक दिन के सत्र में ही सरकार को पसीने छूट गए। 26 विधायक पॉजिटिव निकले, प्रश्नकाल नहीं हो सका। किसी तरह बजट प्रस्ताव को मंजूरी देकर सत्र का अवसान हो गया। छत्तीसगढ़ में भी एक विधायक पॉजिटिव पाया गया, लेकिन तब तक सत्र खत्म हो चुका था। संक्रमण भी नहीं फैला। छत्तीसगढ़ विधानसभा की तर्ज पर ही लोकसभा और राज्यसभा में सिटिंग अरेजमेंट बदला गया है और कांच की दीवार बनाई गई। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कोरोना काल में सदन की कार्रवाई को लेकर बाकी राज्यों को रास्ता दिखाया।
कोरोना हराकर अफसर-नेता ऐसे मिले...
काढ़ा पीते हुए यह तस्वीर इसलिये खिंचवाई जा रही है ताकि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहें और कोरोना वायरस का हमला हो तो मुकाबला कर सकें। काढ़ा पीने वाले जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को देखिये और पीछे खड़ी स्व-सहायता समूह की सदस्यों को भी। सब महामारी से बचने को लेकर निश्चिंत दिखाई दे रहे हैं। इनमें बिलासपुर कलेक्टर हैं, विधायक हैं, नगर निगम के सभापति हैं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। सब के सब कोरोना से संक्रमित होकर और स्वस्थ होने के बाद दुबारा जन सेवा के लिये मैदान में उतरे हैं। वे यह जता रहे हैं कि लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील तो वे करते रहेंगे पर उनके सिर पर जिम्मेदारियों का इतना ज्यादा बोझ है कि वे इस नियम को नहीं मान सकते। अब वे दलील दे सकते हैं कि कैमरे का फ्रेम इतना बड़ा होता नहीं कि दो गज की दूरी रखते हुए सबकी फोटो एक साथ ली जा सके। वैसे नियमानुसार 100-100 रुपये जुर्माना सब पर बनता है।
छपाई ठेके के चक्कर में जान जोखिम में...
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े, और सबसे पुराने पं. रविशंकर विश्वविद्यालय ने कॉलेजों की परीक्षाओं के लिए टाइम टेबल और गाइड लाइन की घोषणा कर दी है, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर ऐसा रायता फैला है कि अच्छे-अच्छे सर खुजलाने लग गए हैं। ऑनलाइन का मतलब तो सभी यही जानते हैं कि कम्प्यूटर या मोबाइल के जरिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। घर बैठे परीक्षार्थियों को परचा मिल जाएगा और निर्धारित समय में जवाब लिखकर बैठे-बैठे एक क्लिक के जरिए सेंटर या विवि में उत्तरपुस्तिका जमा हो जाएगी, लेकिन रविवि के कर्ता-धर्ताओं के लिए ऑनलाइन परीक्षा का मतलब ही अलग है। तभी तो उन्होंने अधिसूचना में कहा है कि उत्तरपुस्तिका लेने परीक्षार्थियों को पहले सेंटर जाना होगा फिर उसके बाद परीक्षा के प्रत्येक दिन उसे जमा करने सेंटर जाना होगा। पालक और बच्चे इसीलिए ही सर खुजा रहे हैं कि आखिर ये किस तरह का ऑनलाइन एग्जाम है, जिसमें रोजाना सेंटर जाना पड़ेगा। कोरोना संक्रमण के कारण घर बैठे-बैठे परीक्षा देने का नियम बनाया गया है, तो सशरीर जाने का कोई तुक समझ नहीं आता। परीक्षार्थी एक साथ सेंटर जाएंगे तो स्वाभाविक ही वहां भीड़ जुटेगी। इतना ही कई परीक्षार्थी तो गांव या दूर-दराज के इलाके में रहते हैं, तो उनको एक घंटे के भीतर सेंटर पहुंचना पड़ेगा। संभव है कि परीक्षार्थी का परिजन कोरोना संकमित हुआ हो, उसका निवास कंटेंटमेंट जोन में आता हो, तो कैसे उनको सेंटर बुलाकर खतरा मोल लिया जा सकता है।
कई कॉलेजों में परीक्षार्थियों की संख्या हजारों में है और कई कॉलेज के स्टाफ के लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। ऐसे में इस तरह के नियम समझ से परे हैं। जबकि राज्य के दूसरे विवि मसलन दुर्ग और बिलासपुर विवि में ऑनलाइन उत्तरपुस्तिका जमा करने व स्पीड पोस्ट से भेजने का नियम बनाया गया है। इस नियम से पालक और कॉलेज प्रबंधन सहमत हैं और किसी तरह संक्रमण की आशंका भी नहीं है।
बताया जा रहा है कि विवि प्रबंधन ने ओएमआर वाली ऑसरशीट पहले ही छपवा ली थी लिहाजा उनका उपयोग करने के लिए उत्तरपुस्तिका प्राप्त करने और जमा करने के नियम बनाए गए है ताकि वो बेकार न हो जाए। ये भी दलील दी जा रही है कि ओएमआर शीट से मूल्यांकन करने के लिए पूरा सिस्टम कम्प्यूटराइज्ड है। सर खुजाने वाले परीक्षार्थी और पालक अब सर खुजाना बंद करें क्योंकि मामला छपाई ठेके का है, जिसकी वजह से ऐसे नियम बनाए गए हैं। भले ही ऐसा करने से संक्रमण का खतरा हो। हालांकि इस पर राजभवन में आपत्ति दर्ज कराई गई। संभव है कि नियमों में कुछ बदलाव हो। अगर राहत मिलती है तो ठीक, लेकिन नहीं मिलती है तो परीक्षार्थी और पालक इस बात के लिए दिमाग दौड़ाएं कि उत्तरपुस्तिका जमा करने का सुरक्षित तरीका क्या हो सकता है।
साहब की सावधानी
कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सेनेटाइजर के उपयोग के बारे में अधिकांश लोग वाकिफ हैं और बाहर आते-जाते समय इसका उपयोग भी करते हैं, लेकिन सूबे के एक आईएएस कोरोना को लेकर कुछ ज्यादा ही सतर्क नजर आ रहे हैं। वे मास्क, सेनेटाइजर के साथ फेस शील्ड और मेडिकल ग्लोब्स का भी उपयोग करते हैं। वो कहते हैं ना कि सावधानी घटी कि दुर्घटना घटी। शायद उन पर इस स्लोगन का कुछ ज्यादा ही प्रभाव पड़ा है, तभी तो सावधानी बरतने में साहब कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि ऐसा करने में कोई बुराई भी नहीं है। कोरोना काल में सावधानी को ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय माना गया है, लेकिन ये साहब तो सीएम हाउस की बैठकों में भी मेडिकल ग्लब्स पहनकर ही आते-जाते हैं, जबकि वहां सोशल डिस्टेसिंग के साथ तमाम गाइड लाइन का पालन किया जाता है। ऐसे में मंत्रालय के मातहत कर्मचारियों-अधिकारियों का कहना है कि राजधानी रायपुर में जिस तरह से संक्रमण खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है, उसको देखकर लगता है कि साहब आने वाले दिनों में सीएम की बैठकों में भी पीपीई किट में नजर आएंगे।
- 844- रंगीन प्रिन्टिंग प्रेस के लिए उसके आविष्कारक थॉमस एफ. ऐडम्स को पेटेन्ट प्राप्त हुआ।
- 1901-मर्करी वाष्प लैम्प के लिए उसके निर्माता न्यूयॉर्क शहर के पीटर कूपर हेविट को अमेरिकी पेटेन्ट प्राप्त हुआ।
- 1995 - चीन की राजधानी बीजिंग में ब्रिटिश शासन के अन्तर्गत अंतिम चुनाव सम्पन्न।
- 1999 - ओसामा बिन लादेन का भारत के विरुद्ध जेहाद का ऐलान।
- 2000 - जाफना प्राय:द्वीप का चवाक छेड़ी शहर लिट्टे से मुक्त।
- 2001 - अमेरिका ने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर पाक के साथ कोई सौदेबाजी नहीं।
- 2002 - इराक ने संयुक्त राष्ट्र हथियार निरीक्षकों को बिना शर्त देश में आने की अनुमति दी।
- 2004 - यूरोपीय संसद ने मालदीव पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया।
- 2006 - हवाना में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का शिखर सम्मेलन शुरू। भारतीय वायु सेना की स्पेशल फ़ोर्स यूनिट गरुड़ कमांडो कांगो के शांति मिशन पर रवाना। गुटनिरपेक्ष देशों की दो दिवसीय शिखर बैठक हवाना में सम्पन्न। कांधार विमान अपहरण में अलकायदा के हाथ होने की पुष्टि। विश्व कप हॉकी में भारत को 11वां स्थान।
- 2009 - केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने 123 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के नाम अपने वेबसाइट पर जारी किए।
- 1915 -प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार मक़बूल फि़दा हुसैन का जन्म हुआ।
- 1879 - भारतीय समाज सुधारक पेरियार ई. वी. रामासामी का जन्म हुआ।
- 1950 -भारतीय राजनीतिज्ञ नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ।
- 1764 -अंग्रेज़ खगोलशास्त्री जॉन गुडरिक का जन्म हुआ, जिन्होंने बताया कि कुछ अनवस्थिक तारे सामयिक होते हैं। पैदाइशी मूक बधिर होने के बावजूद भी उन्होंने होंठ चलाने का अभ्यास करके बोलना सीखा, तथा खगोलशास्त्र में योगदान दिया। (निधन-20 अप्रैल 1786)
- 1854 -स्कॉटलैण्ड में जन्मे अमेरिकी अन्वेषक डेविड डनबर ब्युक का जन्म हुआ, जो आटोमोबाइल निर्माण में अग्रणी माने जाते हैं। इन्होंने इंजन में अधिक शक्तिशाली वाल्व और विन्डशील्ड का आविष्कार किया। (निधन- 6 मार्च 1929)
- 1836 - फ्रांसीसी वनस्पति वैज्ञानिक ऐन्टॉन लॉरेन्ट डि जस्यू का निधन हुआ, जिनके सिद्धांतों से प्राकृतिक वर्गीकरण प्रणाली की स्थापना हुई। उन्होंने वर्गीकरण की अपनी एक प्राकृतिक प्रणाली बताई जिसमें इन्होंने 15 वर्ग तथा 100 कुलों को वर्गीकृत किया। (जन्म 12 अप्रैल 1748)
- 1851 - अंग्रेज़ रसायनज्ञ और चिकित्सक जॉन किड का निधन हुआ, जिन्होंने 1819 नेफ्थलीन का आविष्कार किया। यह नाम उन्हीं का दिया हुआ है। यह कोलतार से मिलने वाले महत्वपूर्ण पदार्थों में पहला था। (जन्म 10 सितम्बर 1775)।